28 मई 2021, भोपाल । नींबू एक फायदे अनेक –
- नींबू बहुऔषधीय फल है। जिनके सेवन से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसका उपयोग सलाद, शर्बत, अचार इत्यादि के रुप में करते है जिससे पाचनशीलता में वृद्धि होती है।
- नींबू खराब गले, कब्ज, किडनी स्टोन और मसूड़ों की समस्याओंं में राहत पहुंचाता है।
- यह ब्लड प्रेशर एवं तनाव को कम करता है, त्वचा को स्वस्थ बनाने के साथ ही यह लीवर के लिए भी बेहतर होता है, पाचन क्रिया एवं शारीरिक वजन को संतुलित करने और कई तरह के कैंसर से बचाव करने में नींबू पानी मददगार होता है।
- नींबू का स्वास्थ्य पर पडऩे वाला सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि किडनी स्टोन शरीर से बिना किसी परेशानी के निकल जाता है। नींबू पानी पीने से शरीर को जलयोजन (जल जोडऩा) होने में मदद मिलती है, इसे हाई शुगर वाले जूस व हाई ड्रिंक का बेहतर इलाज माना जाता है। डायबिटीज वाले व्यक्ति को लगातार नींबू पानी सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- पाचन संबंधित समस्याओं जैसे- पेट रोग, कब्ज, पेट जलन, पेट में गैस की समस्या को दूर करने में भी इसे प्रभावशाली पाया गया है। प्रतिदिन सुबह गर्म पानी में नींबू पीना लाभकारी होता है, जिससे गले की खराबी में आराम पहुँचता है।
- नींबू से भाप आसवन विधि से तेल निकाला जाता है जिसका उपयोग सुगंधित तेल, सैंट, परम्यूम, सुगंधित साबुन, पेय पदार्थों में फ्लेवर के रुप में एवं घरों को सुगंधमय करने में उपयोग किया जाता है।
- नींबू शराबी व्यक्ति के लिए भी उपयोग किया जाता है साथ ही साथ चर्मरोग एवं नेत्र की कमजोरी को दूर करने में सहायक होता हैं। त्वचा केंसर को दूर करने में इसका शोध विदेशों में भी जारी है।
- पाचनशील रेशे का प्रमुख स्त्रोत नींबू है जिसके कारण यह मनुष्य को गस्ट्रोइनटेस्टीनल बीमारी से बचाता है।
- इसमें पादप रसायन जैसे- कैरोटिनाइड, फ्लेवोनाइड, लिमोनाइड एवं एंटीऑक्सीडेंट गुण उपस्थित होने के कारण यह मानव स्वास्थ्य सुधार में मुख्य भूमिका निभाता है।
- फलों का जूस निकालते समय नींबू के छिलके को मिलाने से उसकी सुगंध बढ़ जाती है। इसके छिलके से बना तेल अधिक लाभदायक होने के कारण इसकी भारी मात्रा मेें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग है जिसमें प्रतिजीवाणु का गुण पाया जाता है।
- इसके छिलके से बना तेल शीतल पेय पदार्थ में सुगंध हेतु उपयोग में लाया जाता है।
- जैम को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए नींबू के रस को मिलाया जाता है
- इससे बना पेय पदार्थ मनुष्य के शरीर की कमजोरी तथा थकान को दूर करने में सहायक होता है।
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दुधारू पशुओं को मीठा सोडा खिलाने के फायदे
दुधारू पशुओं को मीठा सोडा खिलाने के फायदे
लेखक - Surendra Kumar Chaudhari | 22/5/2021
पशुओं को उनके आहार के साथ मीठा सोडा मिला कर खिलाने के कई फायदे होते हैं। अगर आप भी पशु पालन व्यवसाय से जुड़े हैं तो स वीडियो को ध्यान से देखें। इस वीडियो के माध्यम से आप दुधारू पशुओं को मीठा सोडा खिलाने के फायदों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको इस वीडियो में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
सौजन्य से : Dairy Ustaad
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ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को भरपूर पोषण नहीं देते है। ऐसे में पशुओं का शारीरिक विकास तो रूकता ही है साथ पशुओं में रोगी प्रतिरोधी क्षमता में भी कमी आ जाती है। इसलिए पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि पशु स्वस्थ रहे और उसका दूध उत्पादन प्रभावित न हो।
"संतुलित आहार पशुओं के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि संतुलित आहार पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को तो बढ़ाता ही साथ पशुओं के स्वस्थ भी रखता है। पशुपालक के पास जो उपलब्ध होता है वो ही खिला देता है। ऐसा बिल्कुल न करें। पशुओं में व्यस्क पशु, गाभिन पशु और बच्चे की आहार देने की मात्रा अलग-अलग होती है। पशुपालक उस पर भी ध्यान नहीं देते है।" ऐसा बताते हैं, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान के न्यूट्रीशियन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पुतान सिंह।
पशु को 24 घण्टों में खिलाया जाने वाला आहार (दाना व चारा) जिसमें उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भोज्य तत्व मौजूद हों, पशु आहार कहते है। जिस आहार में पशु के सभी आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध हों, उसे संतुलित आहार कहते हैं।
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संतुलित आहार के बारे में सिंह बताते हैं, ''अगर पशुपालक दाना, खली, चोकर, खनिज लवण मिलाकर संतुलित आहार तैयार करके पशु को प्रतिदिन दे तो पशु के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में वृद्वि होती है। इसके साथ ही पशुओं के दूध उत्पादन में 20-25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है।"
कितनी मात्रा में खिलाएं पशुओं को आहार संतुलित दाना मिश्रण
पशु के शरीर की देखभाल के लिए
गाय के लिए 1.5 किलो प्रतिदिन व भैंस के लिए दो किलो प्रतिदिन
दुधारू पशुओं के लिए
गाय प्रत्येक 2.5 लीटर दूध के पीछे एक किलो दाना
भैंस प्रत्येक दो लीटर दूध के पीछे एक किलो दाना
गाभिन गाय या भैंस के लिए
छह महीने से ऊपर की गाभिन गाय या भैंस को एक से 1.5 किलो दाना प्रतिदिन फालतू देना चाहिए।
बछड़े या बछड़ियों के लिए
एक किलो से 2.5 किलो तक दाना प्रतिदिन उनकी उम्र या वजन के अनुसार देना चाहिए।
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सौ किलो संतुलित दाना बनाने की विधि
- दाना (मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। चाहें बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हो या अकेला कोई एक ही प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दे।
- खली(सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते है।
- चोकर(गेंहू का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रेन,) की मात्रा लगभग 35 किलो।
- खनिज लवण की मात्रा लगभग 2 किलोनमक लगभग 1 किलो
- इन सभी को लिखी हुई मात्रा के अनुसार मिलाकर अपने को पशु को खिला सकते है।
दाना मिश्रण के गुण व लाभ
- गाय-भैंस अधिक समय तक दूध देते हैं।
- पशुओं को स्वादिष्ट और पौष्टिक लगता है।
- बहुत जल्दी पच जाता है।
- खल, बिनौला या चने से सस्ता पड़ता हैं।
- पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहता
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- बीमारी से बचने की क्षमता प्रदान करता हैं।
- दूध और घी में भी बढ़ोत्तरी होती है।
- भैंस ब्यांत नहीं मारती।
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