शत्रु को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए? - shatru ko shaant karane ke lie kya karana chaahie?

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसका कोई शत्रु या विरोधी न हो. कई बार शत्रु आपके लिए ज्यादा घातक साबित हो सकते हैं. इसलिए इनका शांत रहना भी आपके सुखी जीवन के लिए जरूरी है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर आरती के जरिए कैसे आप अपने शत्रुओं को शांत रख सकते हैं.

पहला उपाय - भगवान शिव की उपासना

- नित्य प्रातः शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें

- इसके बाद शिव जी को दूर्वा अर्पित करें

- इसके बाद शिव मंदिर में घी का दीपक जलाएं

- "ॐ नमो भगवते रुद्राय" का यथाशक्ति जप करें

- यह प्रयोग लगातार 21 दिनों तक करें

- आपके शत्रु और विरोधी शांत होंगे

दूसरा उपाय - हनुमान जी की उपासना

- इसके बाद हनुमान जी की उपासना मध्य रात्रि में करें

- हनुमान जी के सामने शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाएं

- इसके बाद उन्हें लाल फूल अर्पित करें

- तत्पश्चात बजरंग बाण का पाठ करें

- इसके बाद हनुमान जी उसी दीपक से आरती करें

- इसके बाद शत्रु और विरोधियों के शांत हो जाने की प्रार्थना करें

तीसरा उपाय - श्री नृसिंह उपासना

- भगवान नृसिंह के चित्र की स्थापना करें

- रोज गोधूलि वेला में भगवान नृसिंह की पूजा करें

- भगवान नृसिंह को लाल फूल अर्पित करें

- इसके बाद उनके मन्त्र का यथाशक्ति जप करें

- मन्त्र होगा - "ॐ नृ नृसिंहाय शत्रु भुज बल विदीर्णाय स्वाहा"

- शत्रु और विरोधियों के शांत होने की प्रार्थना करें

चौथा उपाय- मां बगलामुखी उपासना

- चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं

- इस पर मां बगलामुखी के चित्र या प्रतिमा की स्थापना करें

- उनके सामने अखंड दीपक जलाएं  

- उन्हे पीले पुष्प और पीला नैवेद्य अर्पित करें

- सबसे पहले इनके भैरव, मृत्युंजय की उपासना करें

- इसके बाद अपने संकल्प के साथ इनके मन्त्र का जाप करें

- मंत्र होगा - "ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा"

- कम से कम छत्तीस हज़ार या एक लाख मंत्रो का जाप करें    

- अनुष्ठान के बाद दशांश हवन भी करें

शत्रुओं से हो गए है परेशान, तो बहुत कारगर हैं ये उपाय

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: Shashi Shashi Updated Tue, 19 Jan 2021 10:03 AM IST

हमारे जीवन में अच्छे दोस्त होते हैं तो शत्रु भी होते हैं। लोग हमसे ईर्ष्या के कारण दुश्मनी मानने लगते हैं। ऐसे लोग हमेशा हमारा अहित चाहते हैं। मौका मिलने पर कभी-कभी ये शत्रु हमारे ऊपर हावी होने लगते हैं। शत्रुता का कारण कुछ भी हो लेकिन शत्रुओं के कारण हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारे कुछ शत्रुओं के कारण जीवन में भारी संकट में भी घिर जाते हैं, जिससे निकलने का हमें कोई रास्ता नजर नहीं आता है। कुछ ऐसे उपाय होते हैं जिन्हें अपनाकर आप शत्रुओं से मुक्ति पा सकते हैं। ये उपाय बहुत ही कारगर माने जाते हैं। तो चलिए जानते हैं शत्रुओं से छुटकारा पाने के उपाय

यदि आपका कोई शत्रु है जिसके कारण आपको बेवजह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तो उससे छुटकारा पाने के लिए एक भोजपत्र लें उसपर लाल चंदन से अपने शत्रु का नाम लिखकर उस भोजपत्र को एक शहद की डिब्बी में भिगोकर रख दें। आपका शत्रु अपने आप शांत हो जाता है। यह उपाय बहुत ही कारगर माना जाता है।

अगर आपका कोई शत्रु आपके पीछे पड़ा हुआ है और किसी भी तरह से आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। नियमित रूप से हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाना चाहिए और हनुमान जी को लाल गुलाब के फूल अर्पित करने चाहिए। इसके अलावा इसके अलावा बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इससे आपको शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।

यदि आपको शत्रु से अहित की आशंका सता रही है तो शुक्ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन 5 गोमती चक्र लेकर उनको अपने सिर के चारों ओर घुमाकर फेंक दें। शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए यह टोटका बहुत कारगर माना जाता है। मान्यता है कि इस टोटके के बाद आपके शत्रु आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं।

अगर आप अपने चाहते हैं कि शत्रु आपके वशीभूत हो जाएं तो आपको अपने गले में वैजयंती माला धारण करनी चाहिए। किसी को सम्मोहित करने के लिए यह उपाय बहुत ही कारगर माना जाता है। वैजयंती माला पहनने से भगवान कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। कृष्ण जी हमेशा वैजयंती माला धारण करते थे। यह  उपााय बहुत ही कारगर माना गया है। आपके द्वारा किया गया यह उपाय अवश्य ही आपको फायदा पहुंचाता है।

दुश्मनी की वजह कुछ भी हो, लेकिन इसके कारण आपको कई परेशानिया झेलनी पड़ती हैं। शत्रु के कारण हर समय चिंता, डर और असुरक्षा सताती रहती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें अपनाने से शत्रु कभी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

शत्रुओं को शांत करने के उपाय...

: अगर आपका कोई दुश्‍मन आपको बेवजह परेशान कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए एक भोजपत्र पर लाल चंदन से उस व्‍यक्‍ति का नाम लिखें। इस पत्र को शहद की डिब्‍बी में भिगोकर रख दें। आपका शत्रु अपने आप शांत हो जाएगा।

: यदि कोई अपने दुश्‍मन को शांत करना चाहता है तो वह 38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल के दाने मिलाकर किसी गड्ढे में मिला दें। इसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें। नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने शत्रु का नाम लेते रहें। इस उपाय के प्रभाव से आपका शत्रु शांत होगा और आपको कुछ भी अहित नहीं कर पाएगा।

: अगर कोई आपके पीछे पड़ा हुआ है और कैसे भी आपका अहित करना चाहता है तो नियमित हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं। इसके अलावा हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए हनुमान जी को लाल रंग का गुलाब का फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।

: शुक्‍ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन 5 गोमती चक्रों को अपने सिर के चारों ओर घुमाकर फेंक दें। इस टोटके के बाद आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगें। यह एक तांत्रिक टोटका है।

: अगर आप अपने शत्रु को वशीभूत करना चाहते हैं या किसी से अपनी शत्रुता को खत्‍म करना चाहते हैं तो छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी, ककड़सिंगी से धूप बनाएं। अब रोज़ इस धूप को अपने शत्रु का नाम लेते हुए जलाएं। इस टोटके को करने के चंद दिनों के बाद ही आपको इसका असर दिखने लगेगा।

: अगर आप अपने शत्रु को सम्‍मोहित या वशीभूत करना चाहते हैं तो अपने गले में वैजयंती माला धारण करें। इस माला के प्रयोग से आप किसी को भी सम्‍मोहित कर सकते हैं। भगवान कृष्‍ण भी सदा वैजयंती माला पहने रहते थे। ये टोटका जरूर आपकी मदद करने में सफल रहेगा।

मोर पंख के फायदे...

तो चलिए अब बात करते हैं भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय मोर पंख की... पौराणिक काल में महर्षियों द्वारा इसी मोरपंख की कलम बनाकर बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे गए हैं। वहीं घर मे मोर पंख का होना बहुत ही शुभ माना जाता है और इसके बहुत से फायदे भी हैं, आइये जानते हैं कि एक मोर पंख कितनी प्रकार की परेशानी को हल कर सकता है।

: जब व्यक्ति को पैसों की कमी हो रही होती है तो एक मोर पंख को अपनी जेब या पर्स में रखें और साथ ही जब भी इसे हाथ लगाएं तो माथे पर लगाते हुए श्रीकृष्ण को याद कर लें, ऐसा करने से पैसों की कमी नहीं होती।
: राहू दोष होने पर घर के बाहर उतर पूर्व की दिशा में मोर पंख को लगा दें और ऐसा करने से राहू का दोष दूर हो जाता है।
: अगर आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है तो अपने शयनकक्ष में मोरपंख रखें, इससे पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।
: यदि शत्रुता समाप्त करनी हो या शत्रु तंग कर रहे हों, तो मोरपंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से उस शत्रु का नाम मंगलवार या शनिवार रात्रि में लिखकर उसे घर के पूजा स्थल में रखें व सुबह उठकर उसे चलते पानी मे प्रवाहित कर आएं।
: बुरी नजर से बच्चों को बचाने के लिए नवजात बालक को मोरपंख चांदी के ताबीज में पहनाएं।
: यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार मे या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू कभी भी परेशान नहीं करता है। मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें। मोरपंख को घर में रखने से परिवार के सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहती है।

शत्रु मुक्ति : राशि के अनुसार उपाय...

मेष: आम तौर मेष राशि वालों के शत्रु नहीं होते हैं। अगर इनके शत्रु होते हैं तो इसकी वजह धन हो सकती है। शत्रुओं को कम करने के लिए धन के लेन-देन में पूरी लिखा-पढ़ी रखनी चाहिए, साथ ही बुधवार को गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।

वृषभ: इनके स्वभाव और वाणी के कारण इनके शत्रु बन जाते हैं, इनकी शत्रुता भी इनकी जिद के चलते बहुत लंबी चलती है। शत्रुता कम करने के लिए अपने क्रोध और जिद्दी स्वभाव का त्याग करें जिससे आपके शत्रु कम होंगे।

मिथुन: राशि वाले क्रोधी होते हैं और तुनकमिजाजी होते हैं इसलिए जल्दी ही इनकी शत्रुता हो जाती है। हालांकि इनकी शत्रुता जल्दी ही खत्म हो जाती है। शत्रुता ना हो इसके लिए तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें, मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन जरूर करें।

कर्क: राशि वालों क बहुत गुप्त शत्रु होते हैं लेकिन इनके व्यक्तित्व की वजह से शत्रु इनका कुछ बिगाड़ नहीं पाते हैं। शत्रुता कम करने के लिए भावनाओं के चक्कर में पड़ने से बचें, हर गुरुवार को पीला तिलक लगाएं।

सिंह: राशि के शत्रु बहुत ताकतवर होते हैं। इनकी शत्रुता और मित्रता दोनों ही भारी होती हैं। इन्हें हर बात को गंभीर होने से बचना चाहिए। साथ ही साथ पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक भी जलाना चाहिए।

कन्या: कन्या राशि वाले जल्दी अपने शत्रु नहीं बनने देते हैं। ये अपनी बुद्धिमानी से शत्रुओं को नियंत्रित कर लेते हैं। इन्हें अपने शत्रुओं से बचने के लिए संतुलित व्यवहार करना चाहिए।शनिवार के दिन नीले रंग के वस्त्र पहनना शुरू कर दें।

तुला: आम तौर पर तुला राशि वाले शत्रु नहीं बनाते हैं. इन्हें शत्रुओं की बहुत परवाह भी नहीं होती है. तुला राशि वालों को हमेशा शत्रुओं से सतर्क रहना चाहिए खासकर मामला अगर प्रेम का हो तो इनके गुप्त शत्रु हो जाते हैं. हर गुरुवार को पीले रंग का फूल अर्पित कीजिए. ऐसा करने से आपके विरोधी शांत हो जाएंगे.

वृश्चिक: इनके बहुत गुप्त शत्रु होते हैं. इनकी बदला लेने की आदत होती है. क्रोध पर काबू रखें. तुरंत किसी बात पर प्रतिक्रिया देने से बचें. दुश्मनों को शांत रखने के लिए मंगलवार को हनुमान भगवान की पूजा करें.

धनु: इस राशि के लोग हमेशा झगड़े करके खुद ही अपनी शत्रु बनाते रहते हैं। झगड़े से बचें। शिवलिंग पर सफेद फूल अर्पित करिए, शत्रु और विरोधी शांत होंगे।

मकर: इस राशि वालों के ना बहुत ज्यादा शत्रु होते हैं और ना ही बहुत मित्र होते हैं। अगर शत्रु होते हैं तो ये बुद्धिमानी से परास्त कर देते हैं। आपको बहुत ज्यादा राजनीति करने से बचना चाहिए। हर बुधवार को कृष्णजी को तुलसी दल अर्पित करें।

कुंभ: इस राशि के शत्रु कम होते हैं लेकिन जो होते हैं बहुत शक्तिशाली होते हैं। करीब के लोग ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं इनसे सावधान रहें। सोमवार को भगवान शिव को जल अर्पित करने से सभी शत्रु परास्त होंगे।

मीन: मीन राशि के लोग शत्रुता और मित्रता दोनों बहुत नहीं निभा पाते हैं। शत्रु आपके मित्र बने रहें और मित्र आपके शत्रु ना बनें इसके लिए दोनों ही बहुत ताकतवर होते हैं। आप हनुमान जी या काल भैरव की पूजा करें।

शत्रु से मुक्ति कैसे पाए?

अगर आपका कोई शत्रु आपके पीछे पड़ा हुआ है और किसी भी तरह से आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। नियमित रूप से हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाना चाहिए और हनुमान जी को लाल गुलाब के फूल अर्पित करने चाहिए।

कोई ज्यादा परेशान करे तो क्या करना चाहिए?

साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।

शत्रु को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

कोई अपने मन के द्वारा अपनी उन्नति करता है, या अवनति, यह उसके ऊपर है क्योंकि मन मनुष्य का मित्र भी हो सकता है और शत्रु भी।

दुश्मन को सबक कैसे सिखाए?

आइए आपको बताते हैं कि आखिर आरती के जरिए कैसे आप अपने शत्रुओं को शांत रख सकते हैं..
पहला उपाय - भगवान शिव की उपासना.
दूसरा उपाय - हनुमान जी की उपासना.
तीसरा उपाय - श्री नृसिंह उपासना.
चौथा उपाय- मां बगलामुखी उपासना.

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