शरीर में माता निकलने पर क्या करें - shareer mein maata nikalane par kya karen

चेचक के वायरस से संक्रमित होने के 15 से 20 दिनों के बाद आपके सारे शरीर पर खुजली के साथ लाल दाग और फोड़े-फुंसी हो जाते हैं। चिकन पॉक्स के लक्षण हैं बुखार, थकान, भूख ना लगना और मांसपेशियों में दर्द रहना। यह एक सामान्य बीमारी है जो नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को अपना शिकार बनाती है। इस बीमारी से बचने का एक सामान्य टीका है। जिसे ज्यादातर लोगों को दिया जाता है।

तीखे खानों से रहें दूर
नमकीन, तीखे, एसिड युक्त, ज्यादा गर्म खाने से दूर रहे। अगर मुंह में छाले हैं तो इससे काफी हानि होगी। कसे हुए कपडे ना पहनें क्योंकि इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। हलके सूती के कपडे पहनें जो शरीर के तापमान को सामान्य रखते हैं। त्वचा में जलन तथा पीड़ा हो रही हो तो त्वचा पर कैलामाइन लोशन लगाएं। घाव खुजला देते हैं तो आपके घाव खुल जाते हैं जिन्हें ठीक होने में कॉफ़ी समय लगता है। अत: अपने नाखून काटकर रखें और बच्चों के हाथ मोजे या दस्तानों से ढककर रखें।

ठन्डे पानी से नहाएं
अगर आपको इससे आराम मिले तो ठंडे पानी से नहाएं। पानी में थोड़ा बेकिंग सोड़ा या दलिया डालें जिससे दर्द और खुजली से आराम मिलेगा। किसी गंभीर समस्या की स्थिति में डॉक्टर को दिखाएं। चिकन पॉक्स की रोकथाम बिना किसी डॉक्टर को दिखा खुद की चिकित्सा करने का प्रयास न करें। बेकिंग सोड़ा चिकन पॉक्स के फलस्वरूप होने वाली खुजली और जलन को दूर करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्या कहना है डॉक्टर का
डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया, नीम की पत्तियों में एंटीवायरल गुण होते हैं। जो प्रभावी रूप से चिकनपॉक्स का इलाज करके इसे ठीक करते हैं। उपचार के लिए मुट्टीभर नीम के पत्ते लें, पीसकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट का प्रयोग चिकन पॉक्स के फोड़ों पर करें। इन पत्तों को नहाने के गर्म पानी में डाल दें और इन्हें कुछ देर तक उबलने दें। इसके बाद नीम के पत्ते डले हुए इस पानी से स्नान कर लें। इससे आपको कॉफ़ी बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे।

बच्चों के लिए ज्यादा घातक
चिकन पॉक्स एक सामान्य संक्रमण है जो स्वस्थ बच्चों और व्यस्कों के लिए ज्यादा घातक नहीं होता। इस संक्रमण के फलस्वरूप त्वचा पर छोटे-छोटे दाग हो जाते हैं जिससे कॉफ़ी खुजली होती है। कभी-कभी यह कॉफ़ी दर्दनाक भी हो जाता है तथा इसके साथ बुखार और सिरदर्द की समस्या भी होती है। भीतरी जांघ पर चकत्ते के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार है।

तुरंत ले डॉक्टरों से परामर्श
चिकन पॉक्स से ग्रसित होने के बाद डॉक्टर से सलाह के बाद ही दवाइयां लें। इससे बुखार और दर्द कम होता है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई लेना घातक हो सकता है। खुजली से ज्यादा पीड़ा और दर्द हो रहा है तो चिकित्सक से परामर्श ले। शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए पानी पीते रहें। अपने खानपान में केवल हलके भोजन शामिल करें।

चिकन पॉक्स में क्या करे - Chicken pox hone par kya karna chahiye in hindi

कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है!

चिकन पॉक्स एक बहुत ही जल्दी फैलने वाली बीमारी है, जिसे आम भाषा में छोटी माता या माता निकलना भी कहा जाता है। ये बीमारी “वेरिसेला जोस्टर” (Varicella zoster) नामक वायरस के कारण होती है जिसमें व्यक्ति के पूरे शरीर पर द्रव से भरे हुए छाले या दाने हो जाते हैं। ये दाने पहले चेहरे और पीठ पर होते हैं और फिर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। इससे व्यक्ति को बुखार और छालों में खुजली जैसे लक्षण कई होते हैं जो बहुत ही ज्यादा परेशान करने वाले होते हैं।

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वैसे तो चिकन पॉक्स अपने आप या कुछ घरेलू उपाय करने से ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी इससे कई अन्य समस्याएं व जटिलताएं हो सकती हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में चिकन पॉक्स जानलेवा भी हो सकता है।

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इस लेख में क्या माता निकलना खतरनाक होता है, चिकेनपॉक्स में क्या करे, क्या न करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बतया गया है।

  1. क्या चिकन पॉक्स खतरनाक होता है - Kya chicken pox khatarnak hota hai
  2. चिकन पॉक्स में क्या करना चाहिए - Chicken pox ho to kya kare
  3. चिकन पॉक्स में क्या न करें - Chicken pox me kya nahi karna chahiye
  4. चिकन पॉक्स के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए - Chicken pox ke liye doctor ke pas kab jaye

क्या चिकन पॉक्स खतरनाक होता है - Kya chicken pox khatarnak hota hai

वैसे तो चिकन पॉक्स से ग्रस्त लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए ये गंभीर और यहां तक की जानलेवा भी हो सकता है। बड़े लोगों को माता निकलने पर अन्य जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है हालांकि, इनके मामले बहुत कम होते हैं। गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनके लिए चिकन पॉक्स ज्यादा खतरनाक होता है। इस बात का ध्यान रखें कि आपके परिवार के हर सदस्य को चिकन पॉक्स के टीके लगे हों और आगे भी समय-समय पर लगते रहें। चिकन पॉक्स के लिए लगाए जाने वाले टीके को वेरिसेला वैक्सीन (Varicella vaccine) कहा जाता है।

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अगर चिकन पॉक्स के छाले बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाएं, तो जटिलताएं होने की सम्भावना अधिक होती है।

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चिकन पॉक्स से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं, जिनके कारण व्यक्ति की हालत बिगड़ सकती है और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है -

  • चिकन पॉक्स से कुछ लोगों को निमोनिया हो सकता है, जो कि बच्चों और नवजात शिशुओं के  खतरनाक होता है। (और पढ़ें - निमोनिया के घरेलू उपाय)
  • चिकन पॉक्स के कारण स्किन इन्फेक्शन हो सकते हैं। (और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या करें)
  • छोटी माता के कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में सूजन हो सकती है, जिसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं। (और पढ़ें - फ्लू के घरेलू उपाय)
  • चिकन पॉक्स में व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। (और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के लिए फल)
  • माता निकलने के कारण व्यक्ति को "रेये सिंड्रोम" (Reye's syndrome) नाम की एक बीमारी भी हो सकती है जो बहुत गंभीर होती है। इसमें व्यक्ति के फेफड़ों और दिमाग में सूजन हो जाती है। (और पढ़ें - ब्रेन ट्यूमर के लक्षण)
  • चिकन पॉक्स से दिमाग का संक्रमण हो सकता है। (और पढ़ें - दिमागी बुखार के लक्षण)

चिकन पॉक्स में क्या करना चाहिए - Chicken pox ho to kya kare

चिकन पॉक्स के लिए कोई इलाज नहीं होता है, लेकिन ये कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ तरीकों से इसमें होने वाली परेशानी को कम किया जा सकता है। चिकन पॉक्स के लिए प्राथमिक उपचार निम्नलिखित हैं -

  1. छालों पर ठंडी सिकाई करने से इनमें होने वाली खुजली और जलन से आराम मिलता है। (और पढ़ें - मुंह में जलन का इलाज)
  2. तेज बुखार होने पर मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) दवाएं ली जा सकती हैं। हालांकि, कोई भी दवा लेने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को पढ़ लें या डॉक्टर से सलाह लें। (और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
  3. अगर आपको खुजली हो रही है, तो खरोंचने की बजाय छालों को हल्के हाथ से थपथपाएं या दबाएं। ध्यान रहे कि आप छालों पर बहुत ज्यादा दबाव न बनाएं क्योंकि अगर छाले फट गए, तो त्वचा पर उनके निशान रह जाते हैं। (और पढ़ें - मुंह के छाले दूर करने के घरेलू उपाय)
  4. चिकन पॉक्स से ग्रस्त व्यक्ति और परिवार वालों की व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण होती है। व्यक्ति को हल्के ठंडे पानी से नहाना चाहिए और बार-बार हाथ धोने चाहिए, ताकि चिकन पॉक्स फैले नहीं। (और पढ़ें - हाथ धोने का तरीका)
  5. आप छालों पर होने वाली खुजली, जलन और दर्द के लिए उनपर कैलामाइन लोशन लगा सकते हैं। (और पढ़ें - सीने में जलन के कारण)
  6. चिकन पॉक्स में व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है, इसीलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। अगर बच्चे पानी नहीं पी रहे हैं, तो आप उनके लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
  7. व्यक्ति को हर 3 से 4 घंटों में नहाने को कहें और उनके नहाने के पानी में बेकिंग सोडा मिला दें, इससे खुजली में आराम मिलेगा। (और पढ़ें - नहाने का सही तरीका)
  8. अगर आपके घर में किसी को चिकन पॉक्स हुआ है, तो उसके बर्तन, तौलिये, बिस्तर और कपडे शेयर न करें। (और पढ़ें - तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे)
  9. माता निकलने पर व्यक्ति को बहुत अधिक खुजली होती है और अगर व्यक्ति अपने नाखूनों से खुजली कर ले, तो छालों में इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। इसके लिए अपने नाखून काट लें और अगर किसी छोटे बच्चे को चिकन पॉक्स हुआ है, तो उनके हाथों पर कपडा बांध दें ताकि वह नाखूनों से खुजली न कर सके। (और पढ़ें - नाखून खाने से क्या नुकसान होता है)
  10. अगर आपके मुंह में दर्द या तकलीफ हो रही है और आप खाना चबा नहीं पा रहे हैं, तो सूप पिएं और तेज मिर्च वाला खाना न खाएं। याद रहे कि सूप ज्यादा गर्म न हो। (और पढ़ें - कैंसर रोगियों के लिए सूप की रेसिपी)
  11. ढीले-ढाले कॉटन के कपडे पहनें ताकि आपकी त्वचा में इरिटेशन न हो और कपडा छालों पर रगड़े नहीं। (और पढ़ें - घमौरी का इलाज)
  12. चिकन पॉक्स में घर का बना हल्का खाना ही खाएं जो आसानी से पच सके और जिसमें पर्याप्त प्रोटीन और कैलोरी हो, जैसे खिचड़ी और अंकुरित अनाज। (और पढ़ें - बदहजमी होने पर क्या करे)
  13. खुजली के लिए मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली कुछ दवाएं ली जा सकती हैं। हालांकि, इन दवाओं को लेने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को पढ़ें और डॉक्टर से सलाह लें। (और पढ़ें - सिर में खुजली का इलाज)
  14. अगर आपको बहुत अधिक खुजली हो रही है, तो आप छालों पर एक गीला व ठंडा कपडा रख सकते हैं। (और पढ़ें - ठंडा पानी पीने के नुक्सान)
  15. अगर मुंह के छालों के कारण आपका खाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे तरल पदार्थ पिएं जो ठन्डे हों। (और पढ़ें - खाली पेट पानी पीने के फायदे)
  16. अगर आपको माता निकली है, तो ऑफिस या बाहर कहीं न जाएं। बाहर जाने से आपको भी परेशानी होगी और दूसरे लोगों को भी चिकन पॉक्स होने का खतरा होगा। (और पढ़ें - खसरे के लक्षण)
  17. अगर बच्चे को चिकन पॉक्स हुआ है, तो कुछ दिन उसे स्कूल न जाने दें। बच्चों में चिकन पॉक्स फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है। (और पढ़ें - फफोले के लक्षण)

(और पढ़ें - चिकन पॉक्स का घरेलू उपचार)

नीचे वाले भाग में माता निकलने पर क्या नहीं करने चाहिए के बारे में बताया गया है।

चिकन पॉक्स में क्या न करें - Chicken pox me kya nahi karna chahiye

चिकन पॉक्स होने पर बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है, जैसे -

  • आइबुप्रोफेन जैसी एंटी-इंफ्लेमेटरी पेन किलर दवाएं न लें, ये चिकन पॉक्स में आपकी हालत और बिगड़ सकती हैं। (और पढ़ें - पेन किलर के साइड इफेक्ट)
  • प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड बिलकुल न खाएं। (और पढ़ें - जंक फूड के नुकसान)
  • बच्चों को एस्पिरिन बिलकुल न दें, इससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और खुद भी एस्पिरिन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • डॉक्टर से सलाह किए बिना कोई भी दवा न लें।
  • अगर आपके आस-पास किसी को चिकन पॉक्स हुआ है, तो उसकी कोई भी चीज या खाना शेयर न करें। चिकन पॉक्स बहुत ही आसानी से फैलने वाली बीमारी है। (और पढ़ें - खाना खाने का सही समय)
  • हो सके तो घर से बाहर न जाएं और थकाने वाले कोई भी काम न करें। (और पढ़ें - व्यायाम से सम्बंधित मिथ्स)
  • माता निकलने पर होने वाले छालों में बहुत खुजली होती है, लेकिन खुजली करने से आपको इन्फेक्शन हो सकता है। कोशिश करें कि छालों पर खुजली न करें। (और पढ़ें - दाद के घरेलू उपाय)
  • खाना-पीना बिलकुल न छोड़ें। केवल घर का बना हल्का खाना ही खाएं। (और पढ़ें - फूड पाइजनिंग के घरेलू उपाय)
  • तेल वाला, मिर्च वाला या तेज नमक वाला खाना न खाएं, इससे आपके मुंह में तकलीफ बढ़ सकती है। (और पढ़ें - लाल मिर्च के नुकसान)
  • चिकन पॉक्स से संबंधित खतरनाक लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

चिकन पॉक्स के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए - Chicken pox ke liye doctor ke pas kab jaye

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जब माता निकली है तो क्या करना चाहिए?

चेचक की बीमारी में कई घरेलू उपचार करके आराम पाया जा सकता है। इसमें नीम को बड़ा असरदार माना गया है। नीम के पत्तों को पहले पीस लें और फिर शरीर में हुए दानों पर इसके लेप को लगाएं, जिससे दर्द में आराम मिलता है। इसके अलाव नीम को नहाने वाले पानी में डालकर उबाल लें, और फिर इस पानी से रोगी को नहालाएं।

माता कितने दिन रहती है?

सोसायटी में छोटी माता के नाम से प्रचलित चिकन पॉक्स का डॉक्टरी इलाज कराने से लोग बचते हैं। इसके पीछे माता का डर छिपा रहता है। लोग झाड़-फूक, और पुरानी मान्यताओं का सहारा लेते हैं। इस दौरान संक्रमण फैलने के चांसेज बढ़ जाते हैं और मरीज के शरीर से वायरस का असर खत्म होने में सात से दस दिन का समय लगता है।

शरीर पर माता क्यों निकलती है?

हम सभी जानते हैं कि चिकन पॉक्स या खसरा रोग एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी है। इसमें व्यक्ति की बॉडी पर लाल और छोटे दाने होने लगते हैं, जिसमें काफी खुजली होती है। भारत के ज्यादातर इलाकों में इस बीमारी को माताजी कहा जाता है।

छोटी माता कितने दिन में ठीक हो जाती है?

जब कोई रोगी विषाणु से ग्रस्त होता है तो उसे यह बीमारी हो जाती है। चेचक का घरेलू उपचार करते समय आपको बीमारी के ठीक होने के समय तक धैर्य बनाए रखना है क्योंकि चेचक रोग का उद्भवकाल विषाणु के शरीर में जाने से 14-16 दिन का माना जाता है। वैसे यह 10-21 दिन का भी हो सकता है। यह आमतौर पर 5-10 दिनों तक रहता है।

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