हिंदू धर्म में देवालयों व मंदिरों के बाहर घंटियां या घडिय़ाल पुरातन काल से लगाए जाते हैं। जैन और हिन्दू मंदिर में घंटी लगाने की परंपरा की शुरुआत प्राचीन ऋषियों-मुनियों ने शुरू की थी। इस परंपरा को ही बाद में बौद्ध धर्म और फिर ईसाई धर्म ने अपनाया। बौद्ध जहां स्तूपों में घंटी, घंटा, समयचक्र आदि लगाते हैं तो वहीं चर्च में भी घंटी और घंटा लगाया जाता है।
घर में होंगे यह सब, तो नहीं रहेगी
आफत
मंदिर में जाने
से पहले आखिर क्यों बजाते हैं घंटी?
देवालयों में घंटी और घड़ियाल संध्यावंदन के समय बजाएं जाते हैं। संध्यावंदन 8 प्रहर की होती है जिसमें से मुख्य पांच और उसमें से भी प्रात: और संध्या यह दो प्रमुख है। घंटी
और घड़ियाल ताल और गति से बजाया जाता है।
घंटी बजाने से क्या होता है, अगले पन्ने पर...
— इन घंटियों में से एक विशेष प्रकार की ध्वनि निकलती है। जब भी भक्त इसे बजाते हैं इसकी आवाज पूरे वातावरण में गूंजती है। माना जाता है कि पूजा-आरती या दर्शन आदि के समय घंटी बजाने से इसकी ध्वनि तरंगें वातावरण को प्रभावित करती हैं और वह शांत, पवित्र और सुखद बनता है।
— घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लग जाती है। मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है।
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— ऐसा कहा जाता है कि इससे सकारात्मक शक्तियों का प्रसार होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का निष्कासन होता है। घंटी की ध्वनि मन को शांति प्रदान करती है। घंटी बजाने से यह भी लाभ है कि उस स्थान से अपरिचित लोगों को मालूम हो जाता है कि यहां देव मंदिर है।
— देवताओं की प्रसन्नता के लिए भी घंटी बजाई जाती है। कहा जाता है कि देवताओं को घंटा, शंख और घड़ियाल आदि की आवाज काफी पसंद होती है। घंटी की आवाज से देवता प्रसन्न होकर देवता भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
वैज्ञानिक कारण....
जब घंटी बजाई जाती है तो हमारे जीवन पर उसका साइंटिफिक प्रभाव भी पड़ता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब घंटी बजाई जाती है उससे आवाज के साथ तेज कंपन्न पैदा होता है। यह कंपन्न हमारे आसपास काफी दूर तक
जाते हैं, जिसका फायदा यह होता है कि कई प्रकार के हानिकारक जीवणु नष्ट हो जाते हैं और हमारे आसपास वातावरण पवित्र हो जाता है। यही वजह है कि मंदिर व उसके आसपास का वातावरण काफी शुद्ध व पवित्र बना रहता है।
प्रत्येक हिंदू घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ करने की परंपरा है। अपने आराध्य देवता का छोटा सा ही क्यों न हो घर में मंदिर जरूर बनवाते हैं। प्रतिदिन सुबह शाम घर में पूजा पाठ करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक हिंदू घर में प्रतिदिन पूजा-पाठ करने की परंपरा है। अपने आराध्य देवता का छोटा सा ही क्यों न हो घर में मंदिर जरूर बनवाते हैं। प्रतिदिन सुबह शाम घर में पूजा पाठ करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है। लेकिन शास्त्रो में पूजा-पाठ करने के भी कुछ नियम बनाए गए है। जी हां, और इन्हीं में से एक है घंटानाद। यानि कि पूजा
करते समय हम जो घंटी बजाते हैं उसके भी हिंदू धर्म में कुछ नियम बताए गए है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में भगवान के सामने घंटी बजाने का खास महत्व माना गया है। रोजाना घर में पूजा के दौरान घंटी बजाने से घर में देवताओं का वास होता है व दुश्मनों को नाश होता है।
आपने अक्सर पूजा करते समय महसूस किया होगा कि जैसे ही घंटी बजायी जाती है घर के साथ-साथ संपूर्ण वातारण शुद्ध और पवित्र हो जाता है। और चारों और सकारात्मकता फैल जाती है। लेकिन अगर हम घंटी बजाने के नियमों को नजअंदाज कर देते है तो ये सकारात्मकता नकारात्मकता में बदल जाती है। तो चलिए जानते हैं पूजा के दौरान घंटी बजाते समय कौन सी है वो गलियां जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। साथ ही घंटी बजाने का क्या लाभ है। इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
अक्सर आपने देखा होगा कि घंटी के ऊपरी हिस्से पर गरुड़ बना हुआ दिखाई देगा। अधिकतर लोग जो घर पर घंटी का इस्तमाल करते हैं उसे गुरुड़ घंटी कहा जाता है। गुरुड़ घंटी का उपयोग करने से घर में देवताओं का आवाहन होता है। बता दें कि ज्योचिष शास्त्र के अनुसार घंटी की पहली विधिवत
पूजा करने के बाद ही उसे बजाना चाहिए। बिना पूजा किए घंटी बजाना शुभ नहीं माना जाता।
अधिकतर लोग संपन्न होने पर आरती के समय घंटी बजाते हैं लेकिन ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक इस बात का ध्यान रखें कि बज भी भगवान को जल अर्पण करें, उनको धूप दीप लगाते समय घंटानाद अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से हमारी पूजा संपन्न मानी जाती है। और घर का वातावरण शुद्ध व पवित्र हो जाता है।
जब भी घंटी बजाये तो घंटी बजाते समय किसी देवता का मंत्र व आरती अवश्य बोलनी चाहिए। चाहे एक मिन्ट ही क्यों न हो घंटानाद करते समय कोई भी मंत्र जरूर बोलना चाहिए।
यहां जानें पूजा के समय घंटी बजाने के फायदे-
मान्यता है कि जो भी पूजा के समय घंटी बजाता है उसकी
देवताओं के समक्ष हाजिरी लग जाती है। इतना ही नहीं मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इससे सकारात्मक शक्तियों का प्रसार होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का निष्कासन होता है। घंटी की ध्वनि मनुष्य के मन को शांति प्रदान करती है।
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