CTET/UPTET Child Development & Pedagogy Practice Set 25 : CTET की परीक्षा जल्द ही प्रारंभ होने वाली है। जो कि 16 दिसम्बर से 13 जनवरी तक चलेंगी ये परीक्षा ऑनलाइन माध्यम द्वारा कराई जाएंगी जिससे पेपर लीक होने की संभावना बहुत ही कम है। UPTET की परीक्षा 28 नवंबर को होने वाली थी लेकिन पेपर लीक हो जाने के वजह से पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। अब यह परीक्षा जनवरी या फरवरी 2022 में होने की संभावना है।
ऐसे में हम इस लेख के जरिये आपके लिए बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के विगत वर्षों में पुछे गए 30 महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह लेकर आए हैं। जिसपे आपको एक नजर अवश्य डालनी चाहिए। इसका अध्ययन कर के आप अपनी तैयारी को और भी अच्छा कर सकते हैं।
CTET/UPTET Child Development & Pedagogy Practice Set 25
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता आंतरिक रूप अभिप्रेरित बच्चों के लिए सही नहीं है?
- वे कार्य करते समय उच्च स्तर की ऊर्जा प्रदर्शित करते हैं
- वे चुनौती भरे कार्यों को पसंद करते हैं
- ये हमेशा सफल होते हैं।
- उन्हें कार्य करने में आनंद आता है।
उत्तर : 3
प्रश्न : एक शिक्षिका अपनी कक्षा को प्रतिभाशाली बच्चों की योग्यताओं (potential) की उपलब्धि चाहती है। अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उसे निम्नलिखित में से क्या नहीं करना चाहिए?
- विशेष ध्यान के लिए उन्हें समकक्षियों से अलग करना
- उनकी सृजनात्मकता को समृद्ध करने के लिए उन्हें चुनौती देना
- गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में आनंद लेना सिखाना
- तनाव को नियंत्रित करना सिखाना
उत्तर : 1
प्रश्न : छोटे शिक्षार्थियों में निम्नलिखित में से कौन-सा लक्षण ‘पठन-कठिनाई’ का नहीं है?
- शब्दों और विचारों को समझने में कठिनाई
- सुसंगत वर्तनी में कठिनाई
- वर्ण एवं शब्द पहचानने में कठिनाई
- पठन-गति और प्रवाह में कठिनाई
उत्तर : 1
प्रश्न : आनुवंशिकता को…. सामाजिक संरचना माना जाता है।
- गत्यात्मकता
- स्थिर
- प्राथमिक
- गौण
उत्तर : 2
प्रश्न : सीखने का वह सिद्धान्त जो पूर्ण रूप से और केवल अवलोकनीय व्यवहार’ पर आधारित है, सीखने के ……….. सिद्धान्त से सम्बद्ध है।
- व्यवहारवादी
- संज्ञानवादी
- रचनावादी
- विकासवादी
उत्तर : 1
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा ‘समझ के लिए शिक्षण’ को प्रदर्शित नहीं करता?
- समानता और अंतर देखने और सादृश्यता स्थापित करने के लिए विद्यार्थियों की सहायता करना
- विद्यार्थियों को एकांकी तथ्यों और प्रक्रियाओं को याद करने के योग्य बनाना
- परिघटना या अवधारणा को अपने शब्दों में अभिव्यक्त करने के लिए विद्यार्थियों को कहना
- नियम कैसे काम करता है इसे स्पष्ट करने हेतु उदाहरण उपलब्ध कराने के लिए विद्यार्थियों को पढ़ाना
उत्तर : 2
प्रश्न : शिक्षार्थियों का ‘आत्म-नियम’…. की ओर संकेत करता है।
- विद्यार्थी-निकाय द्वारा बनाए गए नियम – विनिमय
- स्व-अनुशासन और नियंत्रण
- अपने सीखने का स्वयं पर्यवेक्षण करने की उनकी योग्यता
- विद्यार्थियों के व्यवहार के लिए विनिमय बनाना
उत्तर : 3
प्रश्न : निम्नलिखित में से किस कथन को ‘सीखने’ के लक्षण के रूप में नहीं माना जा सकता?
- व्यवहार का अध्ययन सीखना है
- अन-अधिगम (unlearning) भी सीखने का एक हिस्सा है।
- सीखना एक प्रक्रिया है जो व्यवहार में मध्यस्थता करती है।
- सीखना कुछ ऐसी चीज है जो कुछ अनुभवों के परिणामस्वरूप घटित होती है
उत्तर : 1
प्रश्न : सिद्धान्त के रूप में रचनावाद
- सूचनाओं को याद करने और पुनःस्मरण द्वारा जाँच करने पर बल देता है
- शिक्षक की प्रभुत्वशाली भूमिका पर बल देता है
- अनुकरण की भूमिका पर केंद्रित है
- दुनिया के बारे में अपना दृष्टिकोण निर्मित करने में शिक्षार्थी की भूमिका पर बल देता है
उत्तर : 4
प्रश्न : ‘बच्चे के उचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए उसका स्वस्थ शारीरिक विकास एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।’ यह कथन
- सही है, क्योंकि विकास क्रम में शारीरिक विकास सबसे पहले स्थान पर आता है
- सही है, क्योंकि शारीरिक विकास, विकास के अन्य पक्षों के साथ अंतःसम्बन्धित है
- गलत है, क्योंकि शारीरिक विकास, विकास के अन्य पक्षों को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता
- गलत हो सकता है, क्योंकि विकास नितांत व्यक्तिगत मामला है
उत्तर : 4
प्रश्न : इरफ़ान खिलौनों को तोड़ता है और उसके पुर्जों को देखने के लिए उन्हें अलग-अलग कर देता है। आप क्या करेंगे?
- उसके जिज्ञासु स्वभाव को प्रोत्साहित करेंगे और उसकी ऊर्जा को सही दिशा में संचारित करेंगे
- उसे समझाएंगे कि खिलौनों को कभी तोड़ना नहीं चाहिए
- इरफ़ान को खिलौनों से कभी भी नहीं खेलने देंगे
- उस पर हमेशा नजर रखेंगे
उत्तर : 1
प्रश्न : बच्चे के विकास के सिद्धान्तों को समझना शिक्षक की सहायता करता है.
- शिक्षार्थियों को क्यों पढ़ाना चाहिए – यह औचित्य स्थापित करने में
- शिक्षार्थियों की भिन्न अधिगम-शैयौलियों को प्रभावी रूप संबोधित करने में
- शिक्षार्थी के सामाजिक स्तर को पहचानने में
- शिक्षार्थी की आर्थिक पृष्ठभूमि को पहचानने में
उत्तर : 2
प्रश्न : शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट है। इसका अर्थ है कि
- सभी शिक्षार्थियों के लिए एक समान पाठ्यचर्या संभव नहीं है
- एक विषमरूपी कक्षा में शिक्षार्थियों की क्षमताओं को विकसित करना असंभव है
- कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं, रुचियों और प्रतिभाओ में एकसमान नहीं होते
- शिक्षार्थियों में न तो कोई समान विशेषताएँ होती हैं और न ही उसके लक्ष्य समान होते हैं
उत्तर : 3
प्रश्न : सृजनात्मक शिक्षार्थी वह है जो
- परीक्षा में हर बार अच्छे अंक प्राप्त करने के योग्य हैं।
- पार्श्व (लेट्रल) चिंतन और समस्या समाधान में अच्छा है
- ड्राइंग और पेंटिंग में बहुत विलक्षण है
- बहुत बुद्धिमान है
उत्तर : 2
प्रश्न : अवधारणाओं का विकास मुख्य रूप से….. का हिस्सा है
- शारीरिक विकास
- सामाजिक विकास
- संवेगात्मक विकास
- बौद्धिक विकास
उत्तर : 4
प्रश्न : व्यक्तिगत शिक्षार्थी एक-दूसरे से ……….. में भिन्न होते हैं।
- विकास क्रम
- विकास की सामान्य क्षमता
- बुद्धि एवं विकास के सिद्धान्तों
- विकास की दर
उत्तर : 4
प्रश्न : ‘पुरुष स्त्रियों की अपेक्षा ज्यादा बुद्धिमान होते हैं।’ यह कथन –
- लैंगिक पूर्वाग्रह को प्रदर्शित करता है।
- बुद्धि के भिन्न पक्षों के लिए सही है
- सही है
- सही हो सकता है
उत्तर : 1
प्रश्न : क्रिस्टीना अपनी कक्षा को क्षेत्र भ्रमण पर ले जाती है और वापस आने पर अपने विद्यार्थियों के साथ भ्रमण पर चर्चा करती है। यह……की ओर संकेत करता है।
- आकलन के लिए सीखना
- आकलन का सीखना
- सीखने का आकलन (Assessment)
- सीखने के लिए आकलन
उत्तर : 3
प्रश्न : मानव विकास कुछ विशेष सिद्धान्तों पर आधारित है। निम्नलिखित में से कौन-सा मानव विकास का सिद्धान्त नहीं है?
- सामान्य से विशिष्ट
- निरंतरता
- प्रतिवर्ती
- आनुक्रमिकता
उत्तर : 3
प्रश्न : शिक्षार्थी जो पहले सीख चुके हैं उसकी पुनरावृत्ति और प्रत्यास्मरण में शिक्षार्थियों की मदद करना महत्वपूर्ण है क्योंकि
- पूर्व पाठों को दोहराने का यह एक प्रभावी तरीका है
- यह शिक्षार्थियों की स्मृति को बढ़ाता है जिससे सीखना सुदृढ़ होता है
- यह किसी भी कक्षा-अनुदेशन के लिए एक सुविधाजनक शुरुआत है
- नई जानकारी को पूर्व जानकारी से जोड़ना सीखने को समृद्ध बनाता है
उत्तर : 4
प्रश्न : सृजनात्मक उत्तरों के लिए आवश्यक है
- मुक्त-उत्तर वाले प्रश्न
- एक अत्यंत अनुशासित कक्षा
- प्रत्यक्ष शिक्षण एवं प्रत्यक्ष प्रश्न
- विषय-वस्तु आधारित प्रश्न
उत्तर : 1
प्रश्न : शिक्षार्थियों को ………. के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।
- अधिक-से-अधिक पाठ्य-सहगामी क्रियाओं में हिस्सा लेने
- शिक्षक जो पूछ सकते हैं उन सभी प्रश्नों के उत्तर याद करने
- कक्षा के अंदर और बाहर अधिक-से-अधिक प्रश्न पूछने
- समूह कार्य में दूसरे शिक्षार्थियों के साथ सक्रिय रूप से अंतःक्रिया करने
उत्तर : 2
प्रश्न : निःशक्त बच्चों के लिए समेकित शिक्षा प्रायोजित योजना का उद्देश्य है ………. में निःशक्त बच्चों को शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराना।
- मुक्त विद्यालयों
- ‘ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन’ के विद्यालयों
- नियमित विद्यालयों
- विशेष विद्यालयों
उत्तर : 3
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ‘सीखने’ के बारे में सही है?
- सीखने के किसी भी चरण पर सीखना संवेगात्मक कारकों से प्रभावित नहीं होता।
- सीखना मूल रूप से मानसिक क्रिया है।
- बच्चों द्वारा की गई त्रुटियाँ यह संकेत करती हैं कि किसी तरह का सीखना नहीं हुआ।
- सीखना उस वातावरण में प्रभावी होता है जो संवेगात्मक रूप से सकारात्मक हो और शिक्षार्थियों को संतुष्ट करने वाला हो।
उत्तर : 4
प्रश्न : मूल्यांकन (assessment) का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए
- यह निर्णय लेना कि क्या विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाना चाहिए
- सीखने में होने वाली कमियों का निदान और उपचार करना
- शिक्षार्थियों की त्रुटियाँ निकालना
- शिक्षार्थियों की उपलब्धि को मापना
उत्तर : 2
प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा रचनात्मक आकलन (Formative Assessment) के लिए उचित उपकरण नहीं है?
- सत्र परीक्षा
- दत्त कार्य
- प्रश्नोत्तरी और खेल
- मौखिक प्रश्न
उत्तर : 2
प्रश्न : विद्यार्थियों के सीखने में जो रिक्तियाँ रह जाती हैं उनके निदान के बाद …….. होना चाहिए।
- सभी पाठों को व्यवस्थित रूप से दोहराना
- शिक्षार्थियों और अभिभावकों को उपलब्धि के बारे में बताना
- समुचित उपचारात्मक कार्य
- सघन अभ्यास कार्य
उत्तर : 3
प्रश्न : अभिप्रेरणा के सिद्धांतों के अनुसार, एक शिक्षक …….. के द्वारा सीखने को संवर्धित कर सकता है।
- विद्यार्थियों से वास्तविक अपेक्षाएँ रखने
- अपेक्षाओं का एकरूप स्तर रखने
- विद्यार्थियों से किसी प्रकार की अपेक्षाएँ न रखने
- विद्यार्थियों से बहुत उच्च अपेक्षाएँ रखने
उत्तर : 1
प्रश्न : भारतीय समाज की बहुभाषिक विशेषता को देखा ……… जाना चाहिए।
- विद्यार्थियों को सीखने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु शिक्षक योग्यता की चुनौती के रूप में
- शिक्षार्थियों के लिए विद्यालयी जीवन को एक जटिल अनुभव के रूप में बनाने के लिए कारक के रूप में
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में बाधा के रूप में
- विद्यालयी जीवन को समृद्ध बनाने के संसाधन के रूप में
उत्तर : 4
प्रश्न : विकास शुरू होता है –
- उत्तर-बाल्यावस्था से
- शैशवावस्था से
- प्रसवपूर्व अवस्था से
- पूर्व-बाल्यावस्था से
उत्तर : ??