डायबिटिक्स को अपनी डाइट में फाइबर और प्रोटीन शामिल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए खाने में शुगर और कार्ब्स की मात्रा भी नियंत्रित कर दी जाती है। हालांकि, जब बात खाने में बदलाव की आती है तो कई लोगों को समझ नहीं आता कि डायबिटीज के मरीज को खाने में किस तरह के बदलाव करने चाहिए। खासकर रोटी, हम आमतौर पर गेहूं के आटे की बनी रोटी खाते हैं। लेकिन, डायबिटीज के मरीजों के लिए रोटियों में और भी बेहतर
ऑप्शन मौजूद हैं। तो चलिए बताते हैं आपको डायबिटीज के मरीजों के लिए खास रोटियों के बारे में-राजगिरा के आटे की रोटी
राजगिरा अपने एंटी-डायबिटिक और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुणों के चलते डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतरीन ऑप्शन है। राजगिरा को कई तरह से आप खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही खाने में आप अपनी रोटी को राजगिरा के आटे की रोटी से रिप्लेस कर सकते हैं। यह ना सिर्फ
स्वास्थ्य बल्कि स्वाद के हिसाब से भी काफी बेहतरीन होती है। राजगिरा में भारी मात्रा में विटामिन्स, प्रोटीन और लिपिड होता है। जो डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है।
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ज्वार के आटे की रोटी
ज्वार का आटा हार्मोन को बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करता है। गेहूं की तुलना में यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने और अलग-अलग तरह की बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। ज्वार में भारी मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन और डायट्री फाइबर्स होते हैं, जो शरीर को जरूरी पोषण पहुंचाने में मदद करता है और ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।
रागी के आटे की रोटी
रागी, फाइबर का सबसे बेहतर स्त्रोत होता है। डायबिटीज के मरीजों को खाने में गेहूं के आटे की रोटी की जगह रागी के आटे की रोटी बेहतरीन ऑप्शन हो सकती है। फाइबर आपकी भूख को भी कंट्रोल करता है और ओवरईटिंग से बचाता है। वजन कंट्रोल करने में रागी के आटे की रोटी काफी मददगार होती है। फाइबर को पचने में लगने वाला लंबा समय ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने का कारण होता है। यही कारण है कि डॉक्टर अक्सर शुगर के मरीजों को खाने में फायबर युक्त भोजन करने की सलाह देते हैं।
जौ के आटे की रोटी
खाने में गेहूं की रोटी की जगह
जौ (बिना छिले गेहूं) के आटे की रोटी भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। सामान्य तौर पर बिना छिले गेहूं का ग्लाइसेमिक सूचकांक लगभग 30 होता है। लेकिन पिसाई की प्रक्रिया तक गेहूं के आटे में ग्लाइसेमिक सूचकांक 70 तक पहुंच जाता है। जो कि डायबिटीज के रोगियों के लिए एक
स्वस्थ विकल्प नहीं रह जाता। इसलिए खाने में गेहूं के आटे की रोटी की जगह जवा के आटे की रोटी खाएं।
चने के आटे की रोटी
चने के आटे में घुलनशील फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके साथ ही शुगर के अवशोषण को धीमा करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ने से रोकने में मदद करता है। तो अगर आप भी अपनी या अपनों की सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं
और डायबिटीज से दूरी बनाए रखना है तो आम रोटी की जगह चने के आटे की रोटी अपनी डाइट में शामिल करें।
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आजकल खानपान और खराब जीवनशैली की वजह से डायबिटीज के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज के मरीजों को डाइट पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज के लिए रोटी फायदेमंद है या नहीं, इससे जुड़ी जानकारी मौजूद है इस लेख में। साथ ही हम आपको बताएँगे कि शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए। तो इस आर्टिकल में पढ़ें डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।
शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए?
ब्लड शुगर कण्ट्रोल करने के लिए कौन सा आटा फायदेमंद होता है?
डायबिटीज के लिए 8 तरह की रोटियां, जानें फायदे और रेसिपीज
डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे
सारांश पढ़ें
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए?
डायबेटिक्स जब अपने खानपान में बदलाव करने की सोचते हैं तो सबसे पहला सवाल उनके मन में चावल और रोटी खाने से जुड़ा ही आता है। दरअसल, चावल और रोटी भारतीय आहार के अहम हिस्से हैं।
ऐसे में मधुमेह मरीज का यह सोचना कि शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए या एक दिन में कितनी रोटी खानी चाहिए, सामान्य है। तो डायबिटीज के मरीज जो पहले मनमर्जी से रोटियों खाते थे वे जानना चाहेंगे कि शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए और किस आटे की रोटी खाना शुगर में फायदेमंद होता है।
बता दें कि डायबिटीज एक्सपर्ट के अनुसार वयस्क 2 छोटी रोटियां अपने हर दिन के मील में एक बार ले सकते हैं।
डायबिटीज में कार्ब्स को विशेष रूप से काउंट किया जाता है और रोटी में कार्बोहायड्रेट होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक डायबिटीज का वयस्क अपनी मील में 45 -60 ग्राम कार्ब्स ले सकता है और स्नैक्स में 15 से 20 ग्राम कार्ब्स ले सकता है। एक मीडियम रोटी में लगभग 20 से 30 ग्राम कार्ब्स होते हैं। ऐसे में 2 छोटी रोटियों का सेवन किया जा सकता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कौन सा आटा फायदेमंद होता है?
शुगर के पेशेंट को अपने भोजन में प्रोटीन और फाइबर के साथ अन्य पोषक तत्वों को भी शामिल करना चाहिए। बाजार में मिलने वाले गेहूं के आटे में चोकर (भूसी) निकाल दी जाती है, जिससे उसमें मौजूद कुछ पोषक तत्व भी चोकर के साथ निकल जाते हैं। ऐसे में आटा मैदे के समान हो जाता है, जो शुगर के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
हालांकि, इसका हल भी है, आप आटे के कुछ स्वस्थ विकल्प देख सकते हैं। तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ हेल्दी आटे निम्नलिखित हैं:
- चने का आटा
- बाजरे का आटा
- ज्वार का आटा
- रागी का आटा
- सोया आटा
- ओट्स का आटा
- कुट्टू का आटा
- मल्टीग्रेन आटा
- जौ का आटा
- बेसन
डायबिटीज के लिए 8 तरह की रोटियां, जानें फायदे और रेसिपीज
यहाँ जानिए कि शुगर में कौन-सी रोटी खानी चाहिए और डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे क्या हैं। साथ ही यहाँ इन रोटियों को बनाने की विधि भी जानें।
1.चने के आंटे की रोटी
चने की रोटी डायबिटीज को नियंत्रित करने में बहुत ही प्रभावी मानी जाती है। यह डायबिटीज के मरीज के लिए बेस्ट रोटी में से एक है। चने की रोटी ग्लूटेन फ्री होती है। बता दें कि ग्लूटेन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसके साथ चने की रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है। इससे बनी रोटी का सेवन रोजाना करने से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। इसको खाने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी बढ़ सकती है।
बनाने की विधि:
- 2 कप चने का आटा और एक कप गेहूं का आटा लें।
- अपनी पसंद के अनुसार इसमें थोड़ा बेसन भी डाल सकते हैं।
- चने का आटा मोटा होता है, इसलिए इसे जल्दबाजी में न बनाएं।
- अब गेहूं, चने के आटे और बेसन को अच्छे से मिलाकर गूथ लें।
- रोटियां बनाकर इसे धीमी आंच पर सेंक लें।
2.बाजरे की रोटी
डायबिटीज के लिए बाजरे की रोटी बहुत फायदेमंद होती है। बाजरे में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकता है। बाजरे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का जोखिम भी कम होता है। अतः डायबिटीज के रोगियों के लिए बाजरे से बनी रोटी लाभकारी हो सकती है।
बनाने की विधि:
- बाजरे के आटे की थोड़ी सी मात्रा लें और उसे गर्म पानी से गूथें।
- छोटी-सी लोई लेकर हथेलियों में दबा-दबाकर रोटी बनाएं। ध्यान रखें धीरे-धीरे रोटी बनाएं, अन्यथा रोटी टूट सकती है।
- इसे तवे पर डालकर दोनों तरफ अच्छी तरह धीमी आंच में सेंक लें।
- इसे घी लगाकर सर्व कर सकते हैं।
3.ज्वार की रोटी
ज्वार में डायट्री फाइबर के साथ मैग्नीशियम, प्रोटीन पाया जाता है। जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। ज्वार की रोटी डायबिटीज फ्रेंडली होती है। ज्वार की रोटी मे ग्लूटेन नहीं होता है। डॉक्टर भी ज्वार की रोटी खाने की सलाह देते हैं।
बनाने की विधि:
- 1 कप ज्वार का आटा और उसमे एक टेबलस्पून घी डालें।
- इसमें स्वादानुसार नमक मिलाएं।
- आटे को हल्के हाथों से गूंथ ले।
- हथेली की सहायता से रोटी बना लें।
- इस दौरान गैस पर तवा गर्म होने के लिए चढ़ा दें।
- जब तवा गर्म हो जाए तो जैसे गेंहू के आटे की रोटी बनाते हैं वैसे रोटी को दोनों तरफ धीमी आंच पर अच्छी तरह सेंककर रोटी बना लें।
4.रागी की रोटी
डायबिटीज के मरीज के लिए रोटी की बात की जाए तो रागी की रोटी भी लाभकारी हो सकती है। दरअसल, रागी में भी प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसको खाने से पेट काफी देर तक भरा रहता है। जिससे आप ओवरईटिंग से बचते हैं। वजन कंट्रोल करने में रागी के आटे की रोटी काफी मददगार होती है। फाइबर को पचने में बहुत समय लगता है जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर डायबिटीज के रोगी को फाइबर से भरपूर भोजन करने की सलाह देते हैं।
बनाने की विधि:
- 1 कप रागी के आटे में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर अच्छे से आटा गूंथ लें।
- बटर पेपर या केले के पत्ते का टुकड़ा लें, उस पर 1 लोई रखें और हल्के हाथों से थपथपाकर एक समान फैला लें।
- अब तवे को मध्यम आंच पर गर्म करें और उस पर थोड़ा तेल लगा दें, फिर बटर पेपर या केले के पत्ते पर बनी रोटी को तवे पर पलट दें।
- बटर पेपर या केले के पत्ते को धीरे से हटा लें।
- रोटी को दोनों तरफ अच्छे से सेंक लें।
- इसे नारियल की चटनी के साथ गर्म-गर्म सर्व करें।
5.सोया रोटी
रिसर्च में पाया गया है कि सोया में आइसोफ्लेवोन्स (isoflavones) पाया जाता है, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह शरीर में ग्लूकोज टॉलरेन्स को भी बढ़ा सकता है। यह डायबिटीज ही नहीं, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने से रोक सकता है और हृदय रोग के खतरे को भी कम कर सकता है।
बनाने की विधि:
- 1 कप गेहूं के आटे में 2 से 3 टेबलस्पून सोया का आटा मिला लें।
- आप इसमें स्वाद के अनुसार नमक, मिर्च आदि भी मिला सकते हैं।
- आटे को गूंथ लें और थोड़ी देर रख दें।
- फिर इससे रोटी बनाकर, अच्छे से दोनों तरफ सेक लें।
- गर्म-गर्म सर्व करें।
6.ओट्स की रोटी
ओट्स डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। ओट्स से बनी रोटी खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल बैलेंस्ड रह सकता है। इसको रेगुलर खाने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम हो सकता है। ओट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
इसमें फाइबर होता है जो आपके ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है। ओट्स में बीटा ग्लूकॉन डायबिटीज बढ़ने के रिस्क को कम कर सकता है। ओट्स की रोटी आपको हृदय रोग से भी बचा सकती है।
बनाने की विधि:
- रोटी बनाने के लिए 1 कप ओट्स और 1 कप आटा बराबर मात्रा में लें।
- इसमें आप स्वाद के अनुसार नमक, मिर्च, प्याज आदि डाल सकते हैं।
- ओट्स को मिक्सी में बारीक पीस लें।
- बारीक पिसे ओट्स के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर आटा गूंथ लें।
- सामान्य रोटी की तरह ही रोटियां बनाकर, तवे पर दोनों तरफ अच्छे से सेंक लें।
7.कुट्टू के आटे की रोटी
डायबिटीज के मरीज के लिए रोटी की बात करें तो कुट्टू का आटा भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। कुट्टू का आटा ग्लूटेन फ्री होता है, इसमें विटामिंस, मिनरल्स और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये डायबिटीज के मरीजों के लिए एक हेल्दी डाइट है। इसमें कार्ब्स भी कम होता है और यह एक हाइपोग्लाइसेमिक फूड है। कुट्टू के आटे में फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।
बनाने की विधि:
- 1 कप कुट्टू के आटे में थोड़ा-थोड़ा करके गर्म पानी डालकर सॉफ्ट आटा गूंथ लें।
- अब आप इस गुथे आटे से कुट्टू की रोटी बना सकते हैं।
- चकले बेलन की सहायता से कुट्टू की रोटी बेलकर बना लें और सामान्य रोटी की तरह सेंक लें।
- सब्जी के साथ गर्म-गर्म सर्व करें।
8.मल्टीग्रेन आटे की रोटी
मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटी शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। सामान्य आटे में आपको सीमित पोषक तत्व मिलेंगे, लेकिन मल्टीग्रेन आटा में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर कर सकता है। मल्टीग्रेन आटा बाजरा, रागी, ज्वार, चना या बेसन, गेहूं के आटे को मिलाकर घर में बनाया जा सकता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज रखने में मदद कर सकता है। बाजरे और ज्वार में हार्ड कार्ब्स होते हैं, जो पचने में अधिक समय लेते हैं और ब्लड फ्लो में शुगर को धीरे-धीरे छोड़ते हैं, वहीं, रागी में फाइबर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
बनाने की विधि:
- डेढ़ बड़ा चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच टमाटर (बारीक कटा हुआ), 1 बड़ा चम्मच प्याज , 1 बड़ा चम्मच धनिया पत्ती (बारीक कटी), 3 बड़े चम्मच गेहूं का आटा, 2 चम्मच मिर्च पाउडर, नमक स्वादानुसार, 2 चम्मच जीरा पाउडर, पकाने के लिए तेल
- तेल को छोड़कर आटा बनाने के लिए, सभी चीजों को मिलाएं और पानी डालकर आटा गूँथ लें।
- अब आटे को लगभग 15 मिनट के लिए अलग रख दें।
- छोटी-छोटी लोई बना लें और एक-एक करके चकले-बेलन की सहायता से रोटी बना लें।
- गोल रोटी लें और कुछ तेल का उपयोग करके गर्म तवे पर सेक लें।
- रोटी दोनों तरफ अच्छे से पकाएं जब तक कि रोटी सुनहरी भूरी न हो जाए।
- गर्म-गर्म रोटी सब्जी के साथ सर्व करें।
नोट: आप चाहें तो बाजार से भी मल्टीग्रेन आटा खरीद सकते हैं।
डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे
डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे की बात की जाए तो बता दें हर आटे की अपनी खासियत है। ऐसे में मधुमेह में रोटी खाने के फायदे अलग-अलग आटे के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। तो यहां हम ऐसे ही कुछ फायदे बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- मधुमेह में रोटी खाने से वजन संतुलित रह सकता है।
- चने और ज्वार के आटे ग्लूटेन फ्री होते हैं, जिस कारण इसके सेवन से शुगर बढ़ने का जोखिम कम हो सकता है।
- रागी और ओट्स के आटे में फाइबर मौजूद होता है, जो पेट को काफी देर तक भरा महसूस करा सकता है। इससे व्यक्ति बार-बार ओवर ईट नहीं कर सकता है और उसके मोटापे का जोखिम भी कम हो सकता है।
- सोया के आटे के सेवन से ह्रदय रोग का जोखिम कम हो सकता है।
- कुट्टू के आटे में मौजूद पोषक तत्व व्यक्ति को स्वस्थ रहने में सहायक साबित हो सकता है।
यहाँ हमने जाना कि शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए, कौन-सा आटा डायबिटीज के लिए अच्छा होता है और किस आटे की रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। साथ ही हमने डायबिटीज में रोटी खाने के फायदे भी बताए हैं। उम्मीद है डायबिटीज के मरीज के लिए रोटी खाने से जुड़ी उलझन कम हुई होगी। यहां हमने डायबिटीज के लिए विभिन्न तरह की रोटी बनाने के तरीके भी बताएं हैं, जो कि गेंहू के आटे के रोटी के विकल्प के तौर पर ले सकते हैं।
सारांश पढ़ें
- डायबिटीज में अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और एक साथ ज्यादा खाने की बजाय अपने खाने को छोटे-छोटे पार्ट्स में बांट लेना चाहिए। हर दो घंटे के अंतराल में डायबिटीज के रोगी को कुछ ना कुछ खाना चाहिए।
- क्या आप जानना चाहते हैं कि डायबिटीज में कितनी रोटी खाना चाहिए? एक डायबिटिक वयस्क 2 छोटी रोटियां अपने हर दिन के मील में ले सकता है। कुछ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बेहतर है रोटी की मात्रा को कम करके रोटियों की जगह सब्जी, सलाद, फल आदि को अपनी डाइट में बढ़ा दें।
- डायबिटीज के पेशेंट को अपने खाने में प्रोटीन, फाइबर तथा अन्य पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए।
- ब्लड शुगर लेवल्स को कंट्रोल करने के लिए आप रागी, चने, बाजरे, जौ, ज्वार, बेसन, ओट्स , सोया और मल्टीग्रेन आटे की रोटी खा सकते हैं। इन रोटियों में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये धीरे-धीरे डाइजेस्ट होता है और ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ने से रोक सकता है।
- आप अपने घर में आराम से बैठकर रीयल-टाइम रिमोट केयर प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए Phable Care ऐप का उपयोग करें और भारत के प्रमुख डायबेटोलॉजिस्ट से परामर्श करें, दवाइयाँ ऑर्डर करें, लैब टेस्ट बुक करें, ब्लड शुगर मॉनिटरिंग को इंटिग्रेट करें और अन्य डिवाइसेस ख़रीदें। इसके अलावा, हमारे डायबिटीज मैनेजमेंट प्रोग्राम को चेक करें जो 360º देखभाल प्रदान करते हैं। आइए डायबिटीज का इलाज एक साथ मिलकर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डायबिटीज में कौन-सा आटा खाएं?
डायबिटीज में आप रागी, चने, बाजरे, जौ, ज्वार, बेसन, ओट्स , सोया और मल्टीग्रेन आटे की रोटी खा सकते हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन के साथ-साथ अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
शुगर फ्री आटा कौन सा है?
हालांकि, किसी आटे को शुगर फ्री आटा कहना मुश्किल है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए आप कुट्टू, रागी, चना, जौ, ज्वार, बेसन आदि के आटे का सेवन कर सकते हैं।
क्या शुगर के मरीज ज्वार की रोटी खा सकते हैं?
हाँ, शुगर के मरीज ज्वार की रोटी खा सकते हैं। ज्वार में डाइट्री फाइबर, मैग्नीशियम, प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है।
डायबिटीज के मरीज क्या चने के आटे की रोटी खा सकते हैं?
हाँ, डायबिटीज के मरीज चने के आटे की रोटी खा सकते हैं। चने के आटे की रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और यह फाइबर व प्रोटीन से भरपूर होता है। अतः इसकी रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
शुगर के मरीज बाजरे की रोटी खा सकते हैं क्या?
हाँ, शुगर के रोगी बाजरे की रोटी खा सकते हैं। बाजरे मे फाइबर, मैग्नीशियम तथा अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना
गेहूं में शुगर की मात्रा कितनी होती है?
100 ग्राम गेहूं में शुगर की मात्रा 0. 3 ग्राम होती है।
गेहूं की रोटी खाने से शुगर बढ़ता है क्या?
हाँ, गेहूं के आटे की रोटी शुगर बढ़ा सकती है। गेहूं के आटे में कार्ब्स होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अतः आटे की रोटियां अधिक मात्रा में न खाएं। अगर मन में सवाल है कि शुगर में कितनी रोटी खानी चाहिए या एक दिन में कितनी रोटी खानी चाहिए, तो इसका जवाब है एक दिन में आटे की दो छोटे आकार की रोटियां खा सकते हैं।
(जनरल फिजिशियन, 6+ वर्ष के अनुभव के साथ)
डॉ. पाखी शर्मा, गायनोकोलॉजी और आब्सटेट्रिक्स, फैमिली मेडिसिन और मेडिकल इमरजेंसी विशेषज्ञ हैं। उनके पास प्रसिद्ध अस्पतालों और क्लीनिकों में 6+ वर्षों का कार्य अनुभव है। वे श्री देवराज Urs यूनिवर्सिटी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर की पूर्व छात्रा रह चुकी हैं। वर्तमान में डॉ. पाखी शर्मा, जनरल फिजिशियन के तौर पर Phablecare से जुड़ी हुई हैं।