1. राम और लक्ष्मण का अगला पड़ाव क्या था?
राम और लक्ष्मण का अगला पड़ाव ऋष्यमूक पर्वत जहाँ सुग्रीव रहते थे|
2. कबंध और शबरी ने दोनों भाईयों किससे मिलने की सलाह दी?
कबंध और शबरी ने दोनों भाईयों को सुग्रीव से मिलने की सलाह दी और कहा था कि वे सीता की खोज में सहायक होंगें|
3. सुग्रीव का मूल निवास कहाँ था?
सुग्रीव का मूलय निवास किष्किंधा था|
4. सुग्रीव किसके पुत्र थे ?
सुग्रीव किष्किंधा के वानरराज के छोटे पुत्र थे|
5. सुग्रीव को किसके डर से ऋष्यमूक पर्वत पर रहने जाना पड़ा था ?
सुग्रीव को अपने बड़े भाई बाली के कारण ऋष्यमूक पर्वत पर रहने जाना पड़ा था क्योंकि बाली राजकाज के कारण उन्हें मार डालना चाहते थे|
6. राम और लक्ष्मण को आता देख सुग्रीव ने अपने साथियों क्या कहा?
राम और लक्ष्मण को आता देख सुग्रीव ने कहा ये दोनों अवश्य बाली के गुप्तचर होंगे| मुझे मारने आ रहे होंगें|
7. सुग्रीव के प्रमुख साथी कौन थे?
सुग्रीव के प्रमुख साथी हनुमान थे|
8. हनुमान भेस बदल कर कहाँ गए?
हनुमान भेस बदल कर राम और लक्ष्मण के पास गए|
9. लक्ष्मण ने जब अपना परिचय और आने का कारण बताया तब हनुमान क्या सोचने लगे?
लक्ष्मण का परिचय और आने का कारण सुनकर हनुमान के चेहरे पर हलकी-सी मुस्कुराहट आ गई और वे सोचने लगे कोई उससे सहायता माँगने आया है, जिसे स्वयं सहायता चाहिए।|
10. हनुमान राम और लक्ष्मण को ऋष्यमूक पर्वत पर कैसे ले गए?
हनुमान राम और लक्ष्मण को ऋष्यमूक पर्वत पर अपने कंधे पर बैठा कर ले गए|
11. सुग्रीव और राम ने किस प्रकार दोस्ती की?
सुग्रीव और राम ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता का वचन लिया|
12. राम ने गहनों को देखकर क्या कहा?
राम ने गहनों को तुरंत पहचान लिया और कुछ गहने लक्ष्मण ने भी पहचाने| गहने देखकर राम शोक सागर में डूब गए थे|
13. सुग्रीव ने अपनी व्यथा के बारे में राम को क्या बताया?
सुग्रीव ने राम को बताया बाली ने उसे उसके राज्य से निकाल दिया था, उसकी पत्नी को भी छीन लिया और अब उसे मारने की भी कोशिश कर रहा था|
14. संकट में पड़ने पर किसने सुग्रीव का साथ दिया?
संकट में पड़ने पर हनुमान, नल और नील ने उनका साथ दिया|
15. राम ने किस प्रकार अपनी शक्ति का प्रदर्शन सुग्रीव को दिखाया?
राम ने धुनष उठाया और तीर चला कर शाल के सातों विशाल वृक्ष एक बार में धरती पर गिराकर पनी शक्ति का प्रदर्शन सुग्रीव को दिखाया|
16. राम ने सुग्रीव को किससे युद्ध के लिए ललकारने को कहा ?
राम ने सुग्रीव को बाली को युद्ध के लिए ललकारने को कहा|
17. राम ने युद्ध के लिए क्या योजना बनाई?
राम ने कहा कि मैं पेड़ की आट से युद्ध देखूँगा| जब तुम पर संकट आएगा, तुम्हारी सहायता करूँगा | बाली की मृत्यु मेरे ही बाण से होगी |
18. राम ने किस दुविधा के कारण बाली परबाण नहीं चलाया?
राम दुविधा में थे क्योंकि दोनों भाईयों के चेहरे मिलते-जुलते थे| दूर से दोनों भाई एक जैसे लग रहे थे| वे बाली को पहचान नहीं पाए और अगर बिना पहचाने बाण चलाते तो वह बाण सुग्रीव को लग सकता था इसी दुविधा में राम ने बाण नहीं चलाया था|
19. बाली के मृत्यु के बाद क्या हुआ?
बाली के मृत्यु के बाद सुग्रीव का राज्यभिषक हुआ उन्हें राज गद्दी मिली थी और राम की सलाह पर ही बाली के पुत्र अंगद को युवराज का पद दिया गया था |
20. किष्किंधा लौटने के बाद राम किसकी प्रतीक्षा कर रहे थे?
किष्किंधा लौटने के बाद राम सुग्रीव की वानरसेना की प्रतिक्षा कर रहे थे क्योंकि उन्हें सीता कि खोज करनी थी|
21. हनुमान ने जब सुग्रीव को उनका वचन याद दिलाया तब उन्होंने क्या किया?
हनुमान ने जब सुग्रीव को उनका वचन याद दिलाया तब उन्होंने सेना पति नल को वानरसेना एकत्र करने का आदेश दिया|
22.राम वानरों की सेना भेजने से पहले क्या चाहते थे?
राम वानरों की सेना भेजने से पहले चतुर और बुद्धिमान दूतों लंका भेजना चाहते थे|
23. राम ने हनुमान को अँगूठी क्यों दी?
राम ने हनुमान को अपनी अँगूठी इसलिए दी ताकि जब वह सीता से मिले तो उन्हें दिखाए जिससे वह समझ जाएँगी कि वह राम के दूत हैं|
24. अंगद और हनुमान टोली के साथ चलते-चलते कहा पहुँच गए?
अंगद और हनुमान टोली के साथ चलते चलते ऐसे स्थान पर पहुँच गए, जिसके आगे भूमि ही नहीं थी| आगे केवल जल और विशाल समुद्र था|
25. संपाति कौन था और उसने क्या बताया था ?
संपाति जटायु का भाई था और उसने बताया था कि सीता लंका में हैं|
26. जामवंत ने हनुमान से क्या कहा?
जामवंत ने हनुमान से कहा कि हनुमान आपको जाना होगा इस समुद्र को पार करने का कार्य सिर्फ आप ही कर सकते हैं|
राम और सुग्रीव Notes
विषयसूची
शबरी ने राम लक्ष्मर् को खाने के मलए क्या हिया है?
इसे सुनेंरोकेंजहां भक्त शबरी प्रभु राम व लक्ष्मण का स्वागत करती है। इसके बाद उनको मीठे-मीठे बेर चखकर खाने को देती है।
शबरी श्रीराम को कहाँ मिली उन्होंने राम और लक्ष्मण को क्या खिलाए?
इसे सुनेंरोकेंरामायण के अनुसार शबरी ने भगवान राम को जंगली बेर खिलाए थे लेकिन इससे पहले उन्होंने इन बेरों को चखकर यह सुनिश्चित कर लिया था कि ये मीठे हैं या नहीं। यहां एक छोटी सी पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है और लोगों का मानना है कि शबरी यहीं रहती थीं। यहां मंदिर के आसपास छोटे-छोटे बेर के पेड़ दिखते हैं।
लंका के राक्षस क्यों डरे हुए थे?
इसे सुनेंरोकेंवह राम से विवाह करना चाहती थी। वह राम को देखकर उन पर आसक्त हो गई थी। वह उन्हें पाना चाहती थी। राम और लक्ष्मण द्वारा विवाह के लिए मना करने के कारण उसने क्रोधित होकर सीता के ऊपर आक्रमण कर दिया।
वन में भटकते हुए राम और लक्ष्मण ने क्या देखा था?
इसे सुनेंरोकेंराम और लक्ष्मण का सीता की खोज में वन-वन भटकते जटायु से मिलने का दृश्य देख कर दर्शक भावुक हो गए। …
शबरी का पति कौन था?
इसे सुनेंरोकेंशबरी का असली नाम “श्रमणा” था। ये भील सामुदाय के शबर जाति से संबंध रखती थीं इसी कारण कालांतर में उनका नाम शबरी हुआ। इनके पिता भीलों के मुखिया थे, उन्होंने श्रमणा का विवाह एक भील कुमार से तय किया था।
सिंहिका राक्षसी कौन थी?
इसे सुनेंरोकेंसिंहिका कश्यप ऋषि की पत्नी तथा प्रजापति दक्ष की पुत्री दिति के गर्भ से उत्पन्न तीन संतानों में से एक थी। यह राहु की माता थी। सिंहिका का वध लंका जाते समय हनुमान द्वारा हुआ। सिंहिका का विवाह दानव श्रेष्ठ विप्रचित्ति से हुआ था।
रामायण से क्या शिक्षा मिलती है?
इसे सुनेंरोकेंरामायण की सबसे बड़ी सीख है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है। जिस तरह माता सीता पर रावण ने बुरी नज़र डाली और अंत में भगवान राम ने रावण को पराजित कर सीता को वापस पा लिया। कहानी का सार है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली या बड़ी क्यों ना हो लेकिन अपनी अच्छी नीयत और गुणों के कारण सच्चाई की ही जीत होती है।
शबरी कौन थी उसने राम को क्या बताया?
इसे सुनेंरोकेंशबरी श्री राम की परम भक्त थी जिन्होंने उन्हें झूठे बैर खिलाये थे, शबरी का असली नाम “श्रमणा” था, वह भील सामुदाय के शबर जाति से सम्बन्ध रखती थीं इसी कारण कालांतर में उनका नाम शबरी पड़ा । जब मतंग का अंत समय आया तो उन्होंने शबरी से कहा कि वे अपने आश्रम में ही भगवान राम की प्रतीक्षा करें, वे उनसे मिलने जरूर आएंगे।
रामायण में कितने कांड होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंरामायण पढ़ने एवं सुनने वालों को शायद ये तो पता होगा कि सम्पूर्ण रामायण सात अध्याय अथवा सात काण्ड में संग्रहित है परन्तु हर कांड के विशिष्ट कथानांक के बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे।