स्वच्छता के लिए हम क्या प्रयास कर सकते हैं - svachchhata ke lie ham kya prayaas kar sakate hain

Solution : स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों को निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए(1) स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों का पहला कर्तव्य है कि वे स्वयं के शरीर की सफाई रखें, इसके लिए नित्य स्नान करें, साफ कपड़े पहनें। (2) शौच जाने के उपरान्त हाथों को साबुन से धोएँ। (3) अपने नाखूनों को काटें जिससे उनमें गन्दगी न रहे। क्योंकि नाखूनों में भरी गन्दगी मुँह में पहुँच कर संक्रमण का कारण बन जाती है। (4) अपने घर और स्कूल की साफ-सफाई में अपना पूरा सहयोग करना चाहिए। (5) स्वयं कचरा नहीं फैलाना चाहिए और ढके पात्र का ही पानी हाथ धोकर उससे लेकर पीना चाहिए। बाद में उसे ढक देना चाहिए। (6) हमेशा खाना खाने से पहले हाथ धो लेना चाहिए। | (7) बाजार की खुली चीजें खरीद कर कभी भी नहीं खानी चाहिए। (8) कच्ची सब्जी व फलों को हमेशा अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए। (9) गन्दे पैरों को कभी भी बिछौने पर नहीं रखने चाहिए। (10) बाल्टी को धोकर ही स्नान करना चाहिए और उसमें पीने का पानी भरना चाहिए। (11) हमेशा ताजा खाना ही खाना चाहिए। | (12) हमेशा शौचालय का ही प्रयोग करना चाहिए।

स्वच्छता के लिए हम क्या क्या कर सकते हैं?

पर्यावरण को बचाने के लिये पेड़-पौधों और वृक्षारोपण करेंगे। शौचालय का प्रयोग करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलायें। अपने आस-पास रखे कूड़ेदान का प्रयोग करने के लिये लोगों को बतायें। कॉर्टून और चित्रों के जरिये लोगों को स्वच्छता के सही मायने समझायें।

स्वच्छता और स्वच्छता हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है, जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना, नाखून काटना, आदि। इसके लिए हमें प्रतिदिन सुबह जैसे ही हम सोकर उठते हैं, अपने दांतों को साफ करना चाहिए।

अपने आप को स्वच्छ रखने के लिए आप क्या क्या करते हैं?

शौच के बाद सफाई मल या मूत्र त्याग के बाद अपने अंगों को साफ पानी से धोयें। अपने हाथों को पानी से धोना न भूलें। शौचालय, स्नानागार और आसपास के इलाके को साफ रखें। खुले में शौच करने से बचें।

स्वच्छता का महत्व क्या है?

Solution : स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। स्वच्छता रखने से न तो बीमारियाँ बढ़ती हैं, न पेयजल और खाद्य पदार्थ दुषित होते हैं और न पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मानव जीवन सुखमय बनता है। अत: मानव के लिए स्वच्छता सब तरह से आवश्यक है।

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