सरल लोलक से क्या तात्पर्य सरल लोलक का आवर्तकाल का व्यंजक स्थापित कीजिए? - saral lolak se kya taatpary saral lolak ka aavartakaal ka vyanjak sthaapit keejie?

  • सरल लोलक
    • सरल लोलक के आवर्तकाल का व्यंजक
    • सेकंड लोलक
      • सरल लोलक संबंधित प्रश्न उत्तर
        • 1. किसी पेंडुलम की लंबाई चार गुना कर देने पर उसका आवर्तकाल?
        • 2. सरल लोलक का सूत्र है?

सरल लोलक

जब किसी छोटे और भारी पिंड को किसी भारहीन पिंड एवं लम्बाई में न बढ़ने वाले धागे के एक सिरे से पिंड को बांधकर धागे को किसी घर्षण रहित दीवार (छत) से लटका दें। तो इस प्रकार बने समायोजन को सरल लोलक (simple pendulum in Hindi) कहते हैं।
सरल लोलक की गति सरल आवर्त गति का एक उदाहरण है। व्यवहार में यह समायोजन संभव नहीं है।

सरल लोलक के आवर्तकाल का व्यंजक

माना m द्रव्यमान के किसी गोलक को ℓ लंबाई के धागे के किसी बिंदु से लटकाया गया है।

सरल लोलक का आवर्तकाल

जब इस गोलक को साम्य स्थिति में A से x दूरी विस्थापिन करके छोड़ दिया जाता है तो यह सरल लोलक दोलन करने लगता है।
यदि किसी क्षण बिंदु B पर सरल लोलक की स्थिति में भार mg को दो घटकों में वियोजित करने पर
क्षैतिज घटक = mgcosθ
ऊर्ध्वाधर घटक = mgsinθ
ऊर्ध्वाधर घटक सदैव साम्य स्थिति की ओर होता है अतः इसे प्रत्यानयन बल F कहते हैं।

तो F = – mgsinθ
या ma = – mg \large (\frac{x}{ℓ})
a = – g \large (\frac{x}{ℓ})   समी.①
अतः a ∝ – x
या \footnotesize \boxed { त्वरण = - विस्थापन }
यहां त्वरण सदैव विस्थापन के अनुक्रमानुपाती होता है।
अतः सरल लोलक की गति सरल आवर्त गति है।
तो समी.① से
a = g \large (\frac{x}{ℓ})
\large \frac{x}{a} = \large \frac{ℓ}{g}
चूंकि सरल लोलक का आवर्तकाल T = 2π \sqrt{\frac{विस्थापन}{त्वरण}} होता है तो
विस्थापन/त्वरण या \large \frac{x}{a} का मान रखने पर
\footnotesize \boxed { T = 2π \sqrt{\frac{ℓ}{g}} }

यह सरल लोलक का आवर्तकाल का सूत्र है। सरल लोलक का आवर्तकाल (time period of simple pendulum in hindi) पिंड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।

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सेकंड लोलक

जब किसी लोलक का आवर्तकाल 2 सेकंड होता है तो इस प्रकार की लोलक को सेकंड लोलक (second’s pendulum in Hindi) कहते हैं।
अतः सरल लोलक का आवर्तकाल के सूत्र से
T = 2π \sqrt{\frac{ℓ}{g}}
चूंकि आवर्तकाल 2 सेकंड है तो
T = 2 रखने पर

\footnotesize \boxed { l = \frac{g}{π^2} }
माना किसी स्थान पर g = 9.8 मीटर/सेकंड2, T = 2 सेकंड हो तो
ℓ = \frac{9.8}{(3.14)^2}
ℓ = 0.992 मीटर
ℓ = 99.2 सेमी
अतः स्पष्ट होता है कि किसी सरल लोलक की लंबाई 99.2 सेमी कर दें। तो उसका आवर्तकाल 2 सेकंड होगा। तब उसे सेकंड लोलक कहते हैं।

सरल लोलक संबंधित प्रश्न उत्तर


1. किसी पेंडुलम की लंबाई चार गुना कर देने पर उसका आवर्तकाल?

Ans. 2 गुना हो जाएगा।

2. सरल लोलक का सूत्र है?

Ans. T = 2π \sqrt{\frac{l}{g}}

सरल लोलक से क्या तात्पर्य है सरल लोलक के आवर्तकाल का व्यंजक स्थापित कीजिए?

सरल लोलक के आवर्तकाल का व्यंजक जब इस गोलक को साम्य स्थिति में A से x दूरी विस्थापिन करके छोड़ दिया जाता है तो यह सरल लोलक दोलन करने लगता है। ऊर्ध्वाधर घटक सदैव साम्य स्थिति की ओर होता है अतः इसे प्रत्यानयन बल F कहते हैं। यहां त्वरण सदैव विस्थापन के अनुक्रमानुपाती होता है। अतः सरल लोलक की गति सरल आवर्त गति है।

सरल लोलक से क्या तात्पर्य है?

सरल लोलक किसे कहते हैं ? यदि किसी पदार्थ के भारी (लेकिन बिन्दु समान) कण को एक भारहीन, लम्बाई में न बढने वाली अतन्य डोरी के एक सिरे से बाँधकर किसी दूढ़ आधार से लटका दें, तो उसे सरल लोलक कहते हैं।

लोलक से क्या तात्पर्य है?

किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (लातिन: pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है।

सेकंड लोलक से क्या तात्पर्य?

सैकेन्डी लोलक (seconds pendulum) वह लोलक है जिसका आवर्तकाल ठीक-ठीक २ सेकेण्ड होता है। अतः इसकी आवृत्ति १/२ हर्ट्ज होती है।

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