साइकिल चलाना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण क्यों था? - saikil chalaana mahilaon ke lie mahatvapoorn kyon tha?

जहाँ पहिया है

NCERT Solution

प्रश्न 1: आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है? क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर: हमारा समाज पितृ-प्रधान समाज है जहाँ महिलाओं पर कई पाबंदियाँ लगाई जाती हैं। लेखक ने 'जंजीरों' द्वारा उन्हीं पाबंदियों की ओर इशारा किया है। लेखक का अवलोकन बिलकुल सटीक है। आज भी कई स्थान ऐसे हैं जहाँ महिलाओं को पढ़ने से रोका जाता है। कन्याओं की भ्रूण हत्या की जाती है। लड़कियों को यदि पढ़ाया भी जाता है तो केवल इसलिए कि उनकी शादी किसी खाते पीते घर में हो जाये।

Chapter List

ध्वनि लाख की चूड़ियाँ बस की यात्रा दीवानों की हस्ती चिट्ठियों की दुनिया भगवान के डाकिये क्या निराश कठिन समय नहीं कबीर कामचोर सिनेमा ने बोलना सुदामा चरित जहाँ पहिया है अकबरी लोटा सूर के पद पानी की कहानी बाज और साँप टोपी

प्रश्न 2: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन कौन से बदलाव आए हैं?

उत्तर: साइकिल आंदोलन ने पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। महिलाएँ अब पहले से अधिक स्वतंत्र हो गई हैं। कहीं आने जाने के लिए अब वे घर के पुरुषों की मोहताज नहीं हैं। अब उनके पास खाली समय भी बच पाता है क्योंकि साइकिल के इस्तेमाल से कहीं आने जाने में समय की बचत होती है।

प्रश्न 3: शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?

उत्तर: आर. साइकिल्स के मालिक ने इस आंदोलन का समर्थन इसलिए किया कि इसके कारण उसके दुकान की बिक्री बढ़ गई। उसकी बिक्री और मुनाफे में कई गुना का इजाफा हुआ।

प्रश्न 4: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन कौन सी बाधा आई?

उत्तर: प्रारंभ में लोगों ने साइकिल चलाने वाली महिलाओं पर फब्तियाँ कसीं। उनपर अभद्र टीका टिप्पणी की।

प्रश्न 5: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' क्यों रखा होगा? अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर: पहिया गतिशीलता का सूचक माना जाता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भी चक्र है जो प्रगति का सूचक है। इस कहानी में साइकिल के कारण होने वाली प्रगति के बारे में बताया गया है। इसलिए लेखक इस पाठ के शीर्षक में पहिये का इस्तेमाल किया है। मेरे हिसाब से इस पाठ का एक और शीर्षक हो सकता है 'साइकिल से स्वतंत्रता' क्योंकि साइकिल चलाना सीखने से महिलाओं को एक नई आजादी मिली है।

प्रश्न 6: साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।

उत्तर: आज भी ग्रामीण महिलाओं को कई प्रकार की बंदिशों में रहना पड़ता है। आज शहरों में महिलाएँ लगभग हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। हमारे देश में महिलाएँ ऊँचे पदों पर आसीन हो चुकी हैं; जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, आदि। लेकिन गाँवों की महिलाओं के लिए अभी यह सब किसी सपने जैसा ही है। साइकिल चलाने से महिलाएँ काफी हद तक स्वतंत्र हो जाती हैं और उनमें एक प्रकार की गतिशीलता आ जाती है। इसलिए साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 7: साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?

उत्तर: जब आपके पास से कोई मोटरसाइकिल या मोटरकार फर्राटे से निकल जाती है तो हो सकता है कि आप भयभीत हो जायें। इंजन वाली गाड़ियाँ प्रदूषण भी फैलाती हैं। लेकिन साइकिल तो बड़े ही आराम से चलती है और पर्यावरण हितैषी होती है। इसलिए साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है।

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पैरागान कान्वेंट स्कूल

कक्षा – आठवीं

पाठ – १३ ( जहाँ  पहिया है )

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1 ‘जहाँ पहिया है’ के लेखक कौन हैं?

उत्तर – ‘जहाँ पहिया है’ के लेखक पी. साईनाथ जी हैं।

प्रश्न-2 ‘पुडुकोट्टई’ किस राज्य में है?

उत्तर – ‘पुडुकोट्टई’ तमिलनाडु राज्य में है।

प्रश्न-3 “…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका

लोग निकाल ही लेते है..”
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों‘ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

उत्तर – लेखक जंजीरों द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं की ओर इशारा कर रहा है।

प्रश्न-4 ‘पुडुकोट्टई’ की लगभग कितनी महिलाओं ने साइकिल चलाना सीख लिया है?

उत्तर – अगर दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है।

प्रश्न-5 अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर – ‘साइकिल ने महिलाओं को बनाया स्वतंत्र’ भी इस पाठ का उपयुक्त नाम हो सकता है क्योंकि साइकिल ने पुडुकोट्टई की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है।

प्रश्न-6 साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?

उत्तर – साइकिल बिना ईंधन के और बिना शोरगुल के चलती है। यह पर्यावरण को दूषित भी नहीं करती है। रास्ता कैसा भी हो यह चलने के लिए तैयार रहती है। इन्हीं कारणों से साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है।

प्रश्न-7 ‘पुडुकोट्टई’ स्थान का वर्णन पाठ में क्यों किया गया है?

उत्तर – ‘पुडुकोट्टई’ स्थान का वर्णन पाठ में इसलिए किया गया है क्योंकि यहाँ की महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है।

प्रश्न-8 साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी‘ का अनुभव क्यों होता होगा?

उत्तर – साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी‘ का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि वह कहीं भी जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं थी।

प्रश्न-9 साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं। पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर – साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि साइकिल चलाने से वह स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह कई घरेलू कार्य इसकी मदद से कम समय में कर लेती हैं। वह कहीं जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती।

प्रश्न-10 प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

उत्तर – प्रारंभ में लोगों ने साइकिल चलाने वाली महिलाओं पर फब्तियाँ कसीं। लोगों ने उनके उत्साह को तोड़ने का बहुत प्रयास किया। लेड़ीज साइकिल पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न होने के कारण महिलाओं को जेंटस साइकिलें खरीदनी पड़ती थी।

प्रश्न-11 आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है‘ क्यों रखा होगा?

उत्तर – लेखक द्वारा दिया गया शीर्षक बिलकुल उपयुक्त है। पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और पुडुकोट्टई की महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साईकिल को चुना है।

प्रश्न-12 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पुडुकोट्टई की महिलाओं ने किस प्रकार लोगों को हक्का – बक्का कर दिया?

उत्तर – 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हैंडल पड़ झाड़ियाँ लगाए, घंटियाँ बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का – बक्का कर दिया।

साइकिल चलाने से महिलाओं को क्या फायदा हुआ?

साइकिल चलाने से किसी भी व्यक्ति को आज़ादी और खुशहाली का अनुभव होता है और आनंद महसूस होता है। आत्मसम्मान प्राप्त होता है और आत्मनिर्भरता आती है। महिलाएँ भी साइकिल चलाना सीखकर अपनी स्वाधीनता के प्रति, अपने अधिकारों के प्रति जाग्रत हुई हैं। वे आत्मनिर्भर हो गईं हैं।

साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

उत्तर – साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि साइकिल चलाने से वह स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह कई घरेलू कार्य इसकी मदद से कम समय में कर लेती हैं। वह कहीं जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती।

साइकिल चलाना महिलाओं को क्या अनुभव कराता है?

साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है, यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-“बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-“साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ।

महिलाओं के साइकिल चलाने के बारे में लेखक की क्या सोच थी?

लेखक कहता है कि साइकिल आंदोलन की शुरुआत करने वाली महिलाओं में से एक आगे चलने वाली महिला का कहना है कि इस आंदोलन की महत्वपूर्ण बात यह है की इसने महिलाओं को बहुत आत्मविश्वास प्रदान किया है। उनका यह स्वयं का मनाना है कि इस साइकिल आंदोलन ने महिलाओं की पुरुषों पर उनकी निर्भरता कम कर दी है।

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