सिंघाड़े की तासीर क्या होती है? - singhaade kee taaseer kya hotee hai?

सिंघाड़ा एक फल है जो पानी के किनारो पर उगता है। हर फल की तरह इसकी भी बहुत सी खासियतें हैं। इसे पिस कर आटा भी बनाया जाता है, जिसे भारत में व्रत के समय भी खाया जाता है क्योकि यह अनाज की श्रेणी में नहीं आता है, यह फल की श्रेणी में आता है। हर किसी फल की एक निश्चित तासीर होती है या तो गर्म तासीर या फिर ठंडी तासीर। उसी प्रकार सिंघाड़े की भी एक निश्चित तासीर होती है, अगर आप जानना चाहते हैं कि सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े।

  • सिंघाड़ा क्या होता है ?
  • सिंघाड़े को कैसे खाया जाता है
  • सिंघाड़ा खाने के फायदे
  • सिंघाड़ा खाने के नुकसान
  • सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम
  • सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी ?

सिंघाड़ा क्या होता है ?

यह तिकोने आकर का पानी के किनार पर उगने वाला फल है जो किचड़ युक्त जमीन पर ही उगता है। इस फल के 2 सींग निकले हुए होते हैं और बीच का भाग खुरदुरा होता है। इसके ऊपर छिलका लगा होता है जो मुलायम एवं मोटा होता है। इस फल के छिलके का रंग काला होता है। इस फल को छील कर पिस कर आटा भी बनाया जाता है जिसे सिंगाड़े का आटा कहा जाता है।

सिंघाड़े को कैसे खाया जाता है

सिंघाड़े को बड़ी आसानी से खाया जा सकता है, सिंघाड़ा तिकोने आकार का होता है। इसे कच्चा या उबालकर दोनों तरह से खाया जाता है। सिंघाड़े के फलों को सुखाकर, पिसकर आटा भी बनाया जाता है। इस आटे से हलवा, पूरी ,पराठा ,पकोड़े आदि बनाए जाते हैं। सिंघाड़े में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस, मिनरल्स आदि पाए जाते हैं।

सिंघाड़ा खाने के फायदे

  • बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सिंघाड़े को खाया जाता है। बवासीर से निजात दिलाने में सिंघाड़े का बहुत महत्व होता है।
  • इसका लेप बना कर लगाने से सूजन या दर्द में आराम मिलता है।
  • सिंघाड़े में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं जैसे कि कैल्शियम जो हड्डी, दाँत आदि के लिए बहुत आवश्यक होता है, प्रतिदिन सिंघाड़े का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है।
  • गर्भवती महिला के लिए सिंघाड़े बहुत लाभकारी होते है यह गर्भवती महिला के साथ साथ बच्चे को भी पोषण देते है।
  • शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में सिंघाडा बहुत ही लाभकारी होता हैं |
  • हार्ट को मजबूत रखने में भी सिंघाड़ा बहुत ही फायदेमंद होता हैं |

सिंघाड़ा खाने के नुकसान

  • सिंघाड़े से ज्यादा कुछ नुकसान नहीं होता है पर अगर इसे अधिक मात्रा में खा लिया जाए तो पाचन संबंथी समस्याए हो सकती है।
  • सिंघाड़े को खाने के बाद आप को ध्यान रखना होगा की आप तुरंत पानी न पिले इससे आपको खांसी हो सकती है।
  • अगर आपको पानी में उगने वाले फलों से परहेज है तो सिंघाड़े का सेवन बिल्कुल नहीं करें वरना आपको इससे एलर्जी हो सकती है।

सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम

सिंघाड़े का वैज्ञानिक नाम Trapa bispinosa / natans है। सिंघाड़ा का इंग्लिश नाम Water chestnut, Water caltrop है। इसे संस्कृत में श्रंगाटक कहा जाता है।

सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी ?

सिंघाड़े की तासीर ठंडी होता है। इसी कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसे खा सकते हैं, और यह मोटापे और रक्तपित्त को कम करने में भी फायदेमंद होता है।

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सिंघाडे में कौन-से पोषक तत्व होते हैं
सिंघाड़ा फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अकसर सर्दी के मौसम में लोग इस फल को खाना पसंद करते हैं। इसमें विटामिन ए विटामिन सी मैंगनीज कार्बोहाइड्रेट सिट्रिक एसिड मैंगनीज थायमाइन रीबोफ्लेविन फास्फोराइलेज बीटा-एमिलेज, प्रोटीन और निकोटेनिक एसिड पाया जाता है। इनके अलावा भी सिंघाड़े में कई विटामिंस और मिनरल्स होते हैं जिससे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ मिलता है।

सिंघाडे की तासीर क्या होती है
सिंघाड़ा सर्दी में खाया जाने वाला एक फल है। यह जलीय पौधे का फल होता है। सिंघाड़े की स्वाद मधुर और तासीर ठंडी होता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडा तासीर होने के कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। इसे पित्त वात और कफ प्रकृति लोग खा सकते हैं। सिंघाड़ा रक्तपित्त और मोटापे को कम करने में फायदेमंद होता है।

सिंघाड़ा कैसे खाना चाहिए
वैसे तो अधिकतर लोग सिंघाड़े का फल खाना पसंद करते हैं। सिंघाड़े का सेवन छीलकर किया जा सकता है। आप चाहें तो कच्चे सिंघाड़े को फ्राई करके भी खा सकते हैं। इसके साथ ही सिंघाड़े का सेवन आटा के रूप में रोटी बनाकर भी किया जा सकता है।

सिंघाड़ा से सेहत को होने वाले फायदे

1. सिंघाड़ा वजन कम करने में फायदेमंद है
वजन कम करने के लिए सिंघाड़े का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में कैलोरी बहुत कम होती है जिससे वजन कम होता है। 100 ग्राम सिंघाड़े में सिर्फ 97 कैलोरी होती है। साथ ही इसमें फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है। फाइबर देरी से पचता है जिससे भूख कम लगती है और वजन कम होने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो सिंघाड़े का सेवन कर सकते हैं। वजन घटाने के लिए यह फल बहुत फायदेमंद है।

2. सिंघाड़ा बवासीर में फायदेमंद है
सिंघाड़ा बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है जो बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। फाइबर मल त्याग को आसान बनाता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है। जब कब्ज ठीक होने लगता है तो बवासीर की समस्या से भी निजात मिल जाता है।

3. सिंघाड़ा दांतों और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है
सिंघाड़े में विटामिंस और मिनरल्स काफी अच्छा मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शरीर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है। इससे दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है। सिंघाड़े में कैल्शियम बहुत अधिक पाया जाता है। जिससे दांतों और हड्डियां मजबूत और बेहतर बनती है।

4. सिंघाड़ा बवासीर में फायदेमंद है
सिंघाड़ा बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है जो बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। फाइबर मल त्याग को आसान बनाता है जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है। जब कब्ज ठीक होने लगता है तो बवासीर की समस्या से भी निजात मिल जाता है।

5. प्रेगनेंसी या गर्भावस्था में सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए
प्रेगनेंसी में सिंघाड़े का सेवन आसानी से किया जा सकता है। यह मां और भ्रूण दोनों के लिए फायदेमंद होता है। सिंघाड़े के सेवन से गर्भपात होने का खतरा भी कम रहता है। इतना ही नहीं इसके सेवन से पीरियड्स से संबंधित समस्याएं भी दूर होती है।

सिंघाड़ा कौन सी बीमारी में काम आता है?

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट हेल्थ का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन सिंघाड़ा ब्लड प्रेशर को कम करने में बहुत मदद करता है। सिंघाड़ा पोटेशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह सोडियम के इफेक्ट को कम करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम करता है। ऐसे में ये हार्ट के लिए एक अच्छा फल है।

सिंघाड़े के आटे की तासीर क्या होती है?

सिंघाडे की तासीर क्या होती है सिंघाड़े की स्वाद मधुर और तासीर ठंडी होता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडा तासीर होने के कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। इसे पित्त वात और कफ प्रकृति लोग खा सकते हैं। सिंघाड़ा रक्तपित्त और मोटापे को कम करने में फायदेमंद होता है।

सिंघाड़े कब खाना चाहिए?

सर्दी में सिंघाड़ा खाना काफी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं।

उबले हुए सिंघाड़े खाने से क्या होता है?

फाइबर से भरपूर सिंघाड़े, पाचन को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। पेट से जुड़ी कई समस्याओं जैसे पेट में गैस, कब्ज, अपच, उल्टी-दस्त, मतली, ब्लोटिंग आदि को दूर करने में मदद करते हैं। यह आपकी आंतो की सूजन कम करने और उन्हें स्वस्थ रखने में भी लाभकारी हैं।

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