हिन्दू धर्म और ज्योतिष के अनुसार सूर्योस्त के बाद कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए। उन्हें करने से घर में रोग, शोक और संकट पैदा होते हैं और साथ ही देवी लक्ष्मी रूठ जाती है। आओ जानते हैं उन्हीं कार्यों में से 10 ऐसे कार्य जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वर्ना आप पछताएंगे।
1. नाखून, बाल और दाढ़ी काटना : मान्यता अनुसार कहते हैं कि रात में बाल नहीं कटवाना चाहिए और सेविंग नहीं बनवान चाहिए। इससे जहां नाकारात्मक असर होता है वहीं कर्ज भी बढ़ता है।
2. दूध पीना : रात में दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि दूध की तासीर ठंडी होती है।
3. पेड़ पौधों को छूना या पानी देना : सूर्यास्त के बाद पेड़ पौधों को छूना, उनके पत्ते तोड़ना या उन्हें पानी देना सही नहीं माना जाता। मान्यता अनुसार वे सूर्यास्त के बाद सो जाते हैं। सूर्यास्त के बाद भूलकर भी तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
4. सूर्यास्त के बाद स्नान : कई लोग दो समय स्नान करते हैं सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के बाद। यदि सूर्यास्त के बाद स्नान कर रहे हैं तो माथे पर चंदन ना लगाएं। रात्रि को स्नान करने से शीत का प्रकोप बढ़ जाता है।
5. कपड़े धोना और सूखाना : सूर्यास्त के बाद कपड़े धोना सूखाना सही नहीं माना जाता है। इससे आसमान से नकारात्मक उर्जा प्रवेश कर जाती है। यह भी कहा जाता है कि इससे व्यक्ति रोगी हो जाता है। इससे कपड़ों पर बैक्टीरिया की संख्या भी बढ़ने की मान्यता है।
6. खाना खुला रखना : सूर्यास्त के बाद भोजन या पानी को खुला नहीं छोड़ना चाहिए उन्हें ढककर ही रखना चाहिए। मान्यता अनुसार खुला छोड़ने से उसमें नकारात्मक गुण बढ़ जाते हैं।
7. अंतिम संस्कार नहीं करते हैं : गरुण पुराण के अनुसार सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है तो मरने वाले को परलोक में कष्ट भोगने पड़ते हैं। अगले जन्म में उसके अंगों में खराबी आ सकती है।
8. दही या चावल का सेवन : सूर्यास्त के बाद दही का सेवन करना भी वर्जित है। दही का दान भी नहीं करते हैं। दही का संबंध शुक्र ग्रह से है और
शुक्र को धन वैभव का प्रदाता माना गया है। सूर्यास्त के समय या सूर्यास्त के बाद दही का दान करने से सुख-समृद्धि चली जाती है। इसी तरह सूर्यास्त के बाद चावल का सेवन भी नहीं किया जाता है। जैन धर्म के अनुसार तो सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे रोग बढ़ते हैं। इसके और भी कई नुकसान होते हैं।
9. झाड़ू-पोछा नहीं लगाते हैं : मान्यता अनुसार सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू-पोछा या साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से धन हानि होने लगती है।
10.
सोना वर्जित है : सूर्यास्त के ठीक बाद या सूर्यास्त के समय सोना वर्जित माना गया है साथ ही इस समय भोग और स्त्री संग सोना भी वर्जित है। इससे आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इससे धन और सेहत की हानि होती है। शास्त्रों में
सूर्यास्त का समय पूजन-वंदन के लिए निश्चित किया गया है।
नोट : सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार करना, तुलसी के पौधे को छूना दही और चालव का सेवन करना सबसे बड़ा नुकसान माना जाता है, जिसकी भरपाई बहुत ही कठिन होती है। इससे देवी लक्ष्मी सदा के लिए रूठ जाती है।
नई दिल्ली: भारत में विभिन्न समुदाय के लोग बसते हैं. हर धर्म की अपनी-अपनी विशेषताएं होती हैं. क्या आप जानते हैं कि इन सभी धर्मों में कॉमन बात क्या है. इनमें एक सामान्य बात है दान देना. जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा हमारे देश में पुराने समय से चली आ रही है. अगर आप अपने घर की बरकत चाहते हैं तो आपके लिए दान देने का समय जानना चाहिए और साथ में ये भी जानें की इस समय किन चीजों का दान करना चाहिए और किन चीजों का नहीं.
भारत में दो COVID वैक्सीन को मिली इमरजेंसी यूज की मंजूरी, जल्द शुरू होगा वैक्सीनेशन
दान देने का भी होता है समय
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो दान देने से हमें पुण्य मिलता है. लेकिन दान देना हर समय शुभ नहीं होता है. कभी-कभी गलत समय पर दिया गया दान आपके लिए बर्बादी का कारण भी बन सकता
है. ऐसा ही एक समय है सूर्यास्त.. ऐसा कहा जाता है कि डूबते हुए सूर्य के समय कुछ तरह के दान नहीं करने चाहिए.
कुछ चीजों का दान देना हो सकता है हानिकारक
शास्त्रों में कहा गया है कि दान करना बहुत शुभ होता है. हालांकि कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें दान में देना आपके लिए हानिकारक हो सकता है. इन चीजों को दान में देने से आपके घर से धन-सपंत्ति कम हो जाती है. भूलकर भी इन चीजों को शाम को दान में नहीं देना चाहिए.
बिजनेसमैन की पहली पसंद बना यूपी, निवेश मित्र पोर्टल से जुड़े 10 नए विभाग, 166 नई ऑनलाइन सेवाएं
कानपुर के आचार्य दीपक कुमार दीक्षित (लंकेश) का भी कहना है की शाम के समय किसी को भी दूध, दही और प्याज न दें. ऐसी मान्यता है कि इससे घर की बरकत और सुख-समृद्धि खत्म हो जाती है.
चन्द्रमा और सूर्य का संबंध
दूध से
दूध का संबंध चन्द्रमा और सूर्य दोनों से है. लक्ष्मी और विष्णु जी के साथ दूध का संबंध प्राचीन समय से माना गया है. दिन-रात के संधि काल में दूध किसी को भी दान या नहीं देना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि दूध शाम के समय देने से बरकत चली जाती है.
दही से शुक्र का संबंध
ज्योतिशास्त्र में कहा गया है कि शुक्र से दही का संबंध है. दही सुख और वैभव देती है. इसलिए कहते हैं कि दही किसी को भी सूर्यास्त के समय नहीं देनी चाहिए. ऐसा करने से सुख और वैभव की भी कमी जीवन में
हो जाती है.
शाम को प्याज-लहसुन भी न दें
इसके अलावा शाम के समय किसी को भी प्याज-लहसुन देने से बचना चाहिए. इनका संबंध केतु ग्रह से होता है जोकि ऊपरी ताकतों का स्वामी कहलाता है. कहा जाता है कि इसका संबंध जादू-टोने से भी होता है.
प्राचीनकाल की कुछ परंपराएं है जो भारत देश में निभाई जा रही हैं. इनका कोई आधार तो नहीं है केवल विश्वास और आस्था है. माना जाता है इन परंपराओं को निभाने से घर में सुख- शांति बनी रहती है. किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
छात्रवृत्ति घोटाले में 11 के खिलाफ गैर जमानती वारंट, हाथरस के 4 कॉलेजों में हुआ था फर्जीवाड़ा
WATCH LIVE TV