राम का वन-गमन (Page 23)
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 राम के वियोग में किसने और कब प्राण त्याग दिए?
उत्तर- राम के वियोग में राजा दशरथ ने वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए ।
प्रश्न-2 जब राम, सीता और लक्ष्मण जंगल जाने से पहले पिता का आशीर्वाद लेने गए तब वहाँ उन्होंने क्या देखा?
उत्तर- उन्होंने देखा कि महाराज दशरथ दर्द से कराह रहे थे और तीनों रानियाँ वहीं थी । मंत्रीगण रानी कैकेयी को ज्ञान, दर्शन, निति-रीति, परंपरा का हवाला देकर समझा रहे थे पर रानी कैकेयी अपने बात पर अड़ी रही ।
प्रश्न-3 दशरथ के जीवन में संचार कब हुआ?
उत्तर - राम ने कक्ष में प्रवेश किया तो दशरथ में जीवन का संचार हुआ और वह उठ कर बैठ गए ।
प्रश्न-4 रानी कैकेयी ने राम, लक्ष्मण और सीता को क्या दिया?
उत्तर - रानी कैकेयी ने राम, लक्ष्मण और सीता को वल्कल वस्त्र दिए ।
प्रश्न-5 राम के लिए क्या अधिक दुखदाई था?
उत्तर - सीता को तपस्विनी रूप में देखना राम के लिए अधिक दुखदाई था ।
प्रश्न- 6महलकेबाहरकौनरथलेकरखड़ेथे?
उत्तर - महल के बाहर मंत्री सुमंत्र रथ ले कर खड़े थे ।
प्रश्न-7 राम क्यों विचलित हो गए?
उत्तर - नगरवासियों की आँखों में आँसू थे और वे रथ की पीछे दौड़ रहे थे । यह देख कर राम विचलित हो गए ।
प्रश्न-8 किसने किससे कहा?
i. “पुत्र! मेरी मति मारी गयी है । मैं वचनबद्ध हूँ । ऐसा निर्णय करने के लिए विवश हूँ ।”
राजा दशरथ ने राम से कहा ।
ii. “आंतरिक पीड़ा आपको ऐसा कहने पर विवश कर रही है ।मुझे राज्य का कोई लोभ नहीं है ।”
राम ने दशरथ से कहा ।
iii. “आप हमें आशीर्वाद देकर विदा करें । विदाई का दुःख सहन करना कठिन है । इसे और न बढ़ाएं ।”
राम ने दशरथ से कहा ।
iv. “सीता वन जाएगी तो सब अयोध्यावासी उसके साथ जाएँगे । भरत सूनी अयोध्या पर राज करेंगे ।”
महर्षि वशिष्ठ ने कक्ष में उपस्तिथ लोगों से कहा ।
राम के वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे प्राण
बिलावर। शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य पर उपमंडल में कई रामलीला मंडलियां रामलीला का मंचन कर रही हैं। वीरवार रात को रामलीला क्लब बिलावर में किए गए मंचन में राजा दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे। जिसमें एक में रामचंद्र को 14 वर्ष का वनवास और दूसरे में भरत को सिंहासन। इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण वनवास के लिए निकल पड़ते हैं, जिसे देख दर्शक भावुक हो जाते हैं। वहीं, राम के वनगमन से दुखी राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। इस दौरान जय श्रीराम के जयघोष गूंज उठे।
मंचन के दौरान दिखाया गया कि सीता स्वयंवर के बाद जब श्रीराम, लक्ष्मण अयोध्या पहुंचते हैं तो पूरे राज्य में खुशियां मनाई जाती है। राजा दशरथ श्रीराम को अयोध्या का राज पाठ देने का निर्णय करते हैं। इस दौरान कैकेयी ने अपनी दासी मंथरा के कहने पर पूर्व में दिए गए राजा दशरथ से दो वर मांग लेती है। पहले वर में श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरे वर में भरत को अयोध्या की राजगद्दी मांगा। जब श्रीराम को यह पता चलता है तो वह सहर्ष वन जाने की तैयारी करते हैं। इसके बाद माता जानकी और लक्ष्मण भी श्रीराम के साथ वन जाने की जिद करते हैं। इसके बाद राम, सीता, लक्ष्मण तीनों सन्यासी की वेशभूषा में राजा दशरथ और तीनों रानियों से आज्ञा लेकर खुशी-खुशी वन की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। अंतिम दृश्य में राजा दशरथ राम के वियोग में अपने प्राण त्याग देते हैं, जिससे अयोध्या में मातम छा जाता है। मांडली, धर्मकोट, फिंतर, भड्डू, बिलावर किशनपुर और अन्य कई गांवों में भी रामलीला का मंचन शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य पर किया जा रहा है।
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