राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत क्या है? - raajasv ka sabase bada srot kya hai?

राजस्व का मुख्य स्त्रोत है आयकर

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : 157वें आयकर दिवस पर आयकर विभाग कार्यालय की ओर से सोमवार को विभिन्न कार्यक्

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : 157वें आयकर दिवस पर आयकर विभाग कार्यालय की ओर से सोमवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह के समय नाईवाली चौक स्थित राव तुलाराम पार्क में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया वहीं इसके पश्चात मॉडल टाउन स्थित आयकर भवन में नगर के प्रमुख अधिवक्ताओं, चार्टेड अकाउंटेंट व मुख्य करदाताओं के साथ सभा का भी आयोजन किया गया। अपने संबोधन में आयकर अधिकारी आरडी शर्मा ने कहा कि कराधन की परंपरा भारतवर्ष में बहुत पुरानी है। रघुवंश महाकाव्य में कालीदास महाराजा दिलीप को कहते हैं कि राजा अपनी प्रजा के कल्याण के लिए कुछ इस प्रकार कर एकत्रित करता है जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से जल लेता है, ¨कतु इसे पृथ्वी पर ही हजारों जगहों पर वापस दे देता है। मनु स्मृति में भी कहा गया है कि कर का संग्रहण इस प्रकार हो कि करदाता को इसकी चुभन न हो। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कर की समानता तथा न्याय पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि कर की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि सरकारों के राजस्व का यही मुख्य स्त्रोत है। टैक्स देना ऐच्छिक नहीं है अपितु प्रत्येक व्यक्ति को उसकी आय के स्लैब के अनुसार कर देना होता है। अधिक कर का संग्रहण सरकार को अधिक समाज कल्याण की योजनाएं चलाने में समर्थ बनाता है। सभा में आयकर अधिकार अनिल छाबड़ा, देशराज ¨सह यादव ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर एमएल गुलाटी, मुकेश जैन, रितेश भार्गव, नमन शर्मा, एमएल सपरा, अभिषेक वर्मा, सुबोध गुप्ता, संजीव जैन, केएन अग्रवाल, यशपाल यादव, अजय ऐरन, नवल किशोर व सुरेश कुमार विशेष तौर पर मौजूद थे।

Edited By: Jagran

भारत सरकार की आय और व्यय के स्रोत क्या हैं

भारत सरकार ने 2017-18 के बजट में बताया था सरकार की कुल आय 2146735 करोड़ थी जबकि वित्तीय घाटा 5,46,532 करोड़ , राजस्व घाटा 3,21,163 करोड़ और प्राथमिक घाटा 23,544 करोड़ रुपये था l इन तीनों घाटों से स्पष्ट है कि सरकार की आय उसके व्यय से कम थी| सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए हीनार्थ प्रबंधन (Deficit Financing) का सहारा लेती है|

हम सभी को पता है कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ की सरकार लोगों के कल्याण को अधिकत्तम करने के लिए काम करती है न कि लाभ को अधिकत्तम करने के लिए | इसी कारण सरकार को कई ऐसी योजनाओं को शुरू करना पड़ता है जो कि धन अर्जन के हिसाब से तो बहुत ही फिसड्डी साबित होती हैं लेकिन जन कल्याण के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| इन जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही सरकार के वित्तीय घाटे में कोई कमी नही आ रही हैl सरकार ने सन 2017-18 के बजट में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2% पर रखने का लक्ष्य रखा है जबकि 2018-19 में इसे 3% के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है l

इस लेख में हमने आम लोगों और विद्यार्थियों की जानकारी के लिए यह बताने का प्रयास किया है कि आखिर सरकार किन किन माध्यमों से धन कमाती है और किन किन मदों पर खर्च करती है l

सरकार की आय (बजट 2017-18) के स्रोत निम्न हैं : (100 पैसे  की आय के हिसाब से)

1. उधारी और अन्य देनदारियां .......19 पैसे
2. निगम-कर (कंपनी कर)       ..... 19 पैसे
3. आय कर                       ..... 16 पैसे
4. संघ उत्पाद शुल्क              ......14 पैसे
5. सेवा कर और अन्य कर     ...... 10 पैसे
6. गैर कर आय                 ...... 10 पैसे
7. सीमा-शुल्क                    ......9 पैसे
8. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां    .....3 पैसे

 

image source:TOI

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नोट: यहाँ पर यह बात ध्यान रखने वाली है कि “उधारी और अन्य देनदारियां” को सरकार की आय के रूप में दिखाया गया है जबकि ये सब सरकार के लिए बाहर से लिया गया कर्ज होता है जो कि सरकार को बाद में ब्याज सहित चुकाना पड़ता है l इस प्रकार हम देखते हैं कि सरकार की शुद्ध आय 81पैसे है जबकि उधारी से प्राप्त आय 19 पैसे हैl

सरकार के व्यय (बजट 2017-18) के स्रोत निम्न हैं : (100 पैसे के व्यय के हिसाब से)

1.  करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा ...24 पैसे
2.  ब्याज भुगतान                       ......18 पैसे
3.  अन्य खर्चे                             .....13 पैसे
4.  केन्द्रीय कृत योजनाओं पर व्यय* ......11 पैसे
5.  सब्सिडी                              .....10 पैसे
6.  केंद्र प्रायोजित योजनाएं              .....10 पैसे
7.  रक्षा व्यय                               ....9 पैसे
8.  वित्त आयोग और अन्य स्थानान्तरण..5 पैसे

image source:TOI

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नोट: “केन्द्रीय कृत योजनाओं पर व्यय”  में उन योजनाओं पर किये गए व्यय को शामिल किया जाता है जो कि 100% केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों से चलायी जातीं हैं जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र के साथ-साथ राज्य भी वित्तीय सहायता देते हैं l

इस प्रकार ऊपर दिए गए आंकड़ों से एक बात तो साफ हो जाती है कि सरकार की आय की दो मुख्य मदें हैं, केंद्र द्वारा वित्त आयोग की सिफारिस के आधार पर “राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता” और केंद्र सरकार द्वारा लिए गए उधार पर दिया जाने वाला “ब्याज भुगतान” जबकि दूसरी ओर यह भी एक सत्य है कि सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी उसके द्वारा लिया गया “ऋण” है |

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भारत में राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत क्या है?

सही उत्तर है कॉरपोरेट कर। कॉरपोरेट कर भारत सरकार की आय का एकमात्र सबसे बड़ा स्रोत है।

राज्य के राजस्व का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत क्या है?

राजस्व का मुख्य स्त्रोत है आयकर

भारत में किसी राज्य सरकार के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत क्या है?

भारत में राजस्व का मुख्य स्रोत सीमा शुल्क तथा उत्पाद शुल्क सहित व्यक्तियों तथा कंपनियों पर लगाया गया आयकर है।

उत्तर प्रदेश में राजस्व का मुख्य स्रोत क्या है?

कृषि आयकर – कृषि आयकर राज्य सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है। भारत के अनेक राज्यों में कृषि को आयकर से मुक्त रखा गया है, किन्तु उत्तर प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र पर कर लगाती है।

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