पैसे से क्या क्या नहीं मिलता है? - paise se kya kya nahin milata hai?

बहुत से लोगों का मानना है कि दुनिया में पैसा ही सब कुछ है.

लेकिन ये बात पूरी तरह सही नहीं है, माना आज की दुनिया में पैसे का बहुत महत्व है और पैसे के दम पर बहुत सारी चीज़ें की जा सकती है.

कुछ लोगों को तो ये भी गलतफहमी होती है कि पैसे से आप कुछ भी खरीद सकते है. चलो ये मान लिया कि बाज़ार में मिलने वाली चीजें तो आप पैसे से खरीद सकते है लेकिन उन चीज़ों का क्या जो बाज़ार में नहीं मिलती?

आज हम आपको ऐसी चीज़ें बताएँगे जो पैसे से कभी भी नहीं खरीदी जा सकती.

योग्यता 

योग्यता, काबिलियत, हुनर ये एक ऐसी चीज़ है जिसकी कोई कीमत नहीं होती. आप योग्य व्यक्ति को खरीद सकते है लेकिन उसकी योग्यता को नहीं. चाहे कितना भी पैसा हो, कितना भी जुगाड़ हो या कितनी ही ताकत जो हुनर, जो योग्यता आपमें है ही नहीं वो आप कभी हासिल नहीं कर सकते.

मुकेश अम्बानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक है लेकिन वो चाहे अपनी सारी दौलत भी लगा दे तो सचिन तेंदुलकर जैसा हुनर नहीं ला सकता.

आपके पास कुबेर का खजाना ही क्यों ना हो लेकिन वो पैसा आपको टैगोर, प्रेमचंद, ग़ालिब या गुलज़ार जैसा कलाकार नहीं बना सकता.

विश्वास 

विश्वास एक ऐसी चीज़ है जो यदि खो जाए या टूट जाए तो फिर वापिस कभी नहीं आता. आपके पास चाहे कितना भी धन क्यों ना हो यदि आपने किसी का विश्वास तोड़ दिया या आपकी किसी हरकत की वजह से लोगों का विश्वास आप पर से उठ गया तो चाहे कितना भी पैसा खर्च करो, खोया विश्वास कभी नहीं आता.

सीधी सी बात है क्या आप उस आतंकवादी या लुटेरे पर विश्वास करेंगे जिसके पास अनाप शनाप पैसा है? या फिर क्या आप उस कर्मचारी पर विश्वास करेंगे जो धोखाधड़ी करता है? या उस मालिक पर विश्वास करेंगे जो हमेशा झूठे वादे करता है?

सम्मान 

इस बात से शायद बहुत से लोग सहमत ना हो. क्योंकि बहुत से लोगों को लगता है कि जिसके पास पैसा है उसका हर जगह सम्मान होता है.

लेकिन ये बात गलत है. पैसे वाले का सम्मान नहीं उसके पैसे का सम्मान होता है. यदि एक दिन वो पैसे वाला ये कह दे कि वो कंगाल हो गया है तो देखना किस तरह सारा सम्मान, सारी इज्ज़त सबकुछ लोग भूल जाते है.

ऐसा भी अक्सर देखा गया है कि सामने से भले ही आपको कितनी भी इज्ज़त मिले लेकिन पीठ पीछे शायद ही सम्मान मिलता हो. क्योंकि सम्मान आपके काम का, आपकी योग्यता का और आपके व्यवहार का होता है पैसे से तो सिर्फ चापलूसी ही मिलती है.

सच्ची ख़ुशी 

ये सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है जो पैसा चाहकर भी नहीं खरीद सकता. पैसे से सांसारिक सुख और ऐश का सामान खरीदा जा सकता है लेकिन सच्ची ख़ुशी नहीं खरीद सकते.

आपके पास कितना भी पैसा हो लेकी अगर आप अकेले है तो वो पैसा किस काम का? पैसे से आप अपने इर्द गिर्द भीड़ इकट्ठी कर सकते हो लेकिन दिल का हाल पूछने वाला दोस्त या सुख दुःख में साथ देने वाला परिवार नहीं.

अगर भरोसा नहीं होता तो उस करोडपति से पूछो जिसका परिवार उसे छोड़ कर चला गया हो? उस अमीर से पूछो जो लाख कोशिश करने के बाद भी अपने बच्चों के घर टूटने से ना बचा सका हो.

ये सब वो चीज़ें है जिनके बारे में हम तब तक नहीं सोचते जब तक ये सब खो नहीं जाती या फिर कुछ लोग ऐसे होते है जो पैसे की चमक में इतने अंधे हो जाते है कि उन्हें लगता है कि सब कुछ पैसा ही है.

फिर एक वक्त आता है जब पैसा धरा का धरा ही रह जाता है और दुनिया आपकी दौलत को नहीं आपके व्यवहार को, आपकी योग्यता को और आपकी सच्ची ख़ुशी को याद करती है.

ना जाने क्यों लोग इस शाश्वत सत्य को भूल जाते हैं कि अंत में पैसा साथ नहीं जाता वो यही रह जाता है और हम मिटटी बन जाते है.

लेकिन लोग इस बात को जानते हुए भी अनदेखा करते है और चाँद सिक्कों के लिए अपनी खुशियाँ, अपना आत्मसम्मान और अपनी खुशियों तक का सौदा कर इस पैसे के गुलाम होकर रह जाते है.

पैसों से क्या नहीं खरीदा जा सकता?

सच्चा प्रेम ज्ञान,बुद्धि, नींद,भरोसा आदि पैसे से नहीं खरीदा जा सकता है। भरोसा एक हैजो सभी रिशतो में आवश्यकहै और इसे पैसे से नहीं खरीदा जा सकता है। प्यार, ईमानदारी,भक्ति और भी बहुत सी चीजें हैं। पैसे से वो नहीं ख़रीदा जा सकता जो हम सब के पास है ।

ऐसी कौन सी चीज है जो पैसे से नहीं मिलती?

प्यार,इज्जत,ज्ञान,भरोशा,समय,किस्मत ये सब चीजें हम पैसे से नही खरीद सकते। सच्चा सम्मान।

पैसे का क्या महत्व है?

जीवन में कुछ चीजें ऐसी है, जिन्हें धन से नहीं खरीदा जा सकता शेष सारी चीजें पाने के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है। हम सब जानते हैं कि पैसा सब कुछ नहीं होता परंतु कुछ भी खरीदने के लिए पैसा महत्वपूर्ण है। हमें अपनी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए धन की जरूरत होती है। हमें बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए पैसे की जरूरत होती है।

अगर पैसे नहीं होते तो क्या होता?

यदि दुनिया में पैसा नहीं होता , तब केवल वस्तु-विनियम (Barter system) होता और ज़िंदगी बहुत सीधी सादी होती । थोड़ा विषयांतर करते हैं । फलवाली बाल कृष्ण को फल दे रही है और बाल कृष्ण बदले में अंजलि में भरकर अनाज ला रहे हैं । अनाज लाते हुए अंजलि से अनाज गिर भी गया लेकिन फलवाली ने फल दे दिए ।

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