वहीं कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनके बारे में माना जाता है कि उनके सेवन से गर्भस्थ शिशु
का रंग काला हो सकता है। आगे हम आपको ऐसे ही एक पेय पदार्थ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में उसे लेने से बच्चे का रंग काला हो सकता है।क्या बच्चे का रंग काला हो सकता है
भारत में चाय सबसे पसंदीदा पेय पदार्थ है और यहां अमूमन हर इंसान के दिन की शुरुआत चाय की चुस्की से ही होती है। प्रेगनेंट महिलाओं का भी चाय पीने का मन करता है लेकिन वो इस बात से डर जाती हैं कि कहीं प्रेग्नेंसी में चाय पीने से उनके गर्भस्थ शिशु का रंग काला न हो जाए।
आपने भी ऐसी बातें सुनी ही होंगी कि चाय या कोल्ड ड्रिक पीन से बच्चे का रंग काला पड़ जाता है। आगे जानते हैं कि क्या इस तरह की मान्यताएं सच में सही हैं।
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कैसे बनता है स्किन का कलर
स्किन में एक नैचुरल पिगमेंट होता है जिसे मेलानिन कहते हैं। यही पिगमेंट हमारी स्किन के कलर के लिए जिम्मेदार होता है। मेलानिन जेनेटिक होता है और इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि चाय पीने से रंग काला होता है इसलिए यह सिर्फ एक मिथ्या ही है कि चाय पीने वाली प्रेगनेंट महिलाओं के बच्चे का रंग काला होता है।
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क्या है डॉक्टर की राय
रिजॉयस अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सोनिया चावला कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में चाय या कोल्ड ड्रिंक पीने का संबंध बच्चे के रंग से नहीं होता है। आप प्रेग्नेंसी में चाय पिएं या कॉफी, इसका कोई असर बच्चे के रंग पर नहीं पड़ता है।
डॉक्टर सोनिया कहती हैं कि बच्चे का रंग पेरेंट्स के जीन्स पर निर्भर करता है। बच्चे का रंग अपनी मां या पिता जैसा ही होता है।
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प्रेग्नेंसी में कितनी चाय पिएं
गर्भावस्था में कैफीन का सेवन ठीक नहीं होता है और चाय में कैफीन भी होता है इसलिए प्रेग्नेंसी में ज्यादा चाय पीना नुकसानदायक हो सकता है। प्रेग्नेंसी में एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में कैफीन लेना ठीक नहीं होता है।
दूध की चाय, ग्रीन और ब्लैक टी और उलोंग टी में लगभग 40 से 50 मिलीग्राम कैफीन होता है। वहीं हर्बल टी में 0.4 मिलीग्राम कैफीन होता है इसलिए प्रेग्नेंसी में ग्रीन टी लेना ज्यादा सही है।
फिर भी अगर आपको चाय बहुत पसंद है तो आप दिन में तीन से चार कप चाय पी सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि कैफीन अधिक लेने से मिसकैरेज हो सकता है इसलिए इसकी मात्रा कम ही रखें।
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जानिए, गर्भावस्था में चाय पीना क्यों है हानिकारक...
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा चाय और काफी पीना भी मां और शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. जी हां चाय और कॉफी दोनों ही गर्भपात जैसी बड़ी अनहोनी का कारण भी बन सकती हैं.
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ज्यादा चाय पीने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है
प्रेगनेंसी के दौरान औरतों के लिए सबसे बड़ी समस्या यहीं होती है कि वे क्या खाएं और क्या न खाएं. क्योंकि वह जो भी आहार लेती हैं वह उनके अजन्मे बच्चे तक भी पहुंचता है. इसलिए इस दौरान कई चीजों से परहेज करने में ही समझदारी होती है और डॉक्टर भी हेल्दी फूड खाने की सलाह देते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा चाय और काफी पीना भी मां और शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. जी हां चाय और कॉफी दोनों ही गर्भपात जैसी बड़ी अनहोनी का कारण भी बन सकती हैं. आइए जानें गर्भावस्था के दौरान चाय और कॉफी पीने के नुकसान के बारें...
- प्रेगनेंसी के दौरान आपको एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए. अगर आपको चाय या कॉफी पीनी है तो आप बहुत हल्की मात्रा में इसे पीएं.
- जितना हो सके पाउडर कॉफी, फिल्टर कॉफी, एस्प्रेसो आदि पीने से बचें क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा कैफीन होता है.
- चाय और कॉफी में मौजूद
कैफीन भ्रूण पर असर डालता है.
- रोजाना अधिक कॉफी पीने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है और इसके अलावा बच्चे का वजन कम होने की परेशानी भी हो सकती है.
- गर्भावस्था के दौरान ब्लैक टी के सेवन से भी बचना
चाहिए. साथ ही ग्रीन टी भी न पीए इससे गर्भपात होने का खतरा हो सकता है.
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