प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की क्या विशेषताएं? - praayadveepeey bhaarat kee nadiyon kee kya visheshataen?

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प्रायद्वीपीय नदियों और हिमालय की नदियों के बीच के कोई तीन अंतर बताइए।

हिमालय नदियाँ

प्रायद्वीपीय नदियाँ

(i) हिमालय नदियाँ लम्बी होती है और ये लम्बे रस्ते तय करती है।

(ii) इन नदियों को वर्षा के साथ -साथ हिम से भी जल मिलता है इसलिए ये बारहमासी नदियाँ होती है।

(iii) हिमालय की प्रमुख नदियों में कई सहयक नदियाँ आकर मिलती है।

(iv) ये नदियाँ अपने साथ भरी मात्रा में सिल्ट लेकर दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा बनती हैl जिसे सुंदरवन कहते है।

(v) भारत में हिमालय की नदियाँ बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।

(i) ये नदियाँ अपेक्षाकृत छोटी होती है और छोटी दुरी तय करती है।

(ii) इस नदियों का प्रवाह वर्षा पर निर्भर करती है। ये प्रायः मौसमी होती है।

(iii) प्रमुख प्रायदुपीय नदियाँ जैसे महानदी, गोदावरी ,कृष्णा तथा कावेरी में छोटी सहयक नदियाँ आकर मिलती है।

(iv) ये नदियाँ डेल्टा और ज्वारमुख का निर्माण करती है इनके डेल्टा छोटे होते है।

(v) प्रायद्वीपीय नदियाँ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों में गिरती है।

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 निम्नलिखित में से कौन सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है?

  • नर्मदा

  • गोदावरी

  • कृष्णा

  • कृष्णा

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वूलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?

  • राजस्थान

  • पंजाब

  • उत्तर प्रदेश

  • उत्तर प्रदेश

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निम्नलिखित में से कौन-सा वृक्ष की शाखाओं के समान अपवाह प्रतिरूप प्रणाली को दर्शाता है?

  • अरीय

  • केंद्राभिमुख

  • द्रुमाकृतिक

  • द्रुमाकृतिक

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नर्मदा नदी का उद्गम कहां से है?

  • सतपुड़ा

  • अमरकंटक

  • ब्रह्मागिरी 

  • ब्रह्मागिरी 

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निम्नलिखित में से कौन-सी लवणीय जल वाली झील है?

  • सांभर

  • वूलर

  • डलडल

  • डलडल

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प्रायद्वीपीय नदियाँ

  • भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट  या सह्याद्रि कहते हैं।
  • भारत में मुख्य जल विभाजक का निर्माण पश्चिमी घाट द्वारा होता है, जो दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय श्रृंखला उत्तर से दक्षिण की ओर 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। 
  • प्रायद्वीपीय भाग की अधिकतर मुख्य नदियाँ जैसे – महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी पूर्व की ओर बहती हैं तथा बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं।
  • पश्चिमी घाट से पश्चिम में बहने वाली अनेक छोटी धाराएँ हैं।
  • नर्मदा एवं ताप्ती , दो ही बड़ी नदियाँ हैं जो कि पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।
  • प्रायद्वीपीय नदियों की अपवाह द्रोणियाँ आकार में अपेक्षाकृत छोटी हैं।

प्रायद्वीपीय नदी द्रोणियाँ

1.नर्मदा द्रोणी

  • नर्मदा का उद्गम मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी के निकट है।
  • यह पश्चिम की ओर एक भ्रंश घाटी में बहती है।
  • समुद्र तक पहुँचने के क्रम में यह नदी बहुत से दर्शनीय स्थलों का निर्माण करती है।
  • जबलपुर के निकट संगमरमर के शैलों में यह नदी गहरे गार्ज से बहती है तथा जहाँ यह नदी तीव्र ढाल से गिरती है, वहाँ ‘धुंआधार प्रपात’ का निर्माण करती है।
  • नर्मदा की सभी सहायक नदियाँ बहुत छोटी हैं, इनमें से अधिकतर समकोण पर मुख्य धारा से मिलती हैं।
  • नर्मदा द्रोणी मध्य प्रदेश तथा गुजरात के कुछ भागों में विस्तृत है।

2.ताप्ती  द्रोणी

  • ताप्ती का उद्गम मध्य प्रदेश के बेतुल जिले में सतपुड़ा की श्रृंखलाओं में है।
  • यह भी नर्मदा के समानांतर एक भ्रंश घाटी में बहती है, लेकिन इसकी लंबाई बहुत कम है। इसकी द्रोणी मध्यप्रदेश, गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्य में है।
  • अरब सागर तथा पश्चिमी घाट के बीच का तटीय मैदान बहुत अधिक संकीर्ण है। इसलिए तटीय नदियों की लंबाई बहुत कम है।
  • पश्चिम की ओर बहने वाली मुख्य नदियाँ साबरमती, माही, भारत-पुजा तथा पेरियार हैं।

3.गोदावरी द्रोणी

  • गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है।
  • यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चिम घाट की ढालों से निकलती है। इसकी लंबाई लगभग 1,500 कि०मी है।
  • यह बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  • प्रायद्वीपीय नदियों में इसका अपवाह तंत्र सबसे बड़ा है।
  • इसकी द्रोणी महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश, उड़ीसा तथा आंध्र प्रदेश में स्थित है।
  • गोदावरी में अनेक सहायक नदियाँ मिलती हैं, जैसे – पूर्णा, वर्धा, प्रान्हिता, मांजरा, वेनगंगा तथा पेनगंगा।
  • बड़े आकार और विस्तार के कारण इसे ‘दक्षिण गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है।

 4.महानदी द्रोणी

  • महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि से है तथा यह उड़ीसा से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 860 कि॰मी॰ है।
  • इसकी अपवाह द्रोणी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा उड़ीसा में है।

 5.कृष्णा द्रोणी

  • महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में महाबालेश्वर के निकट एक स्रोत से निकलती है।
  • कृष्णा नदी लगभग 1,400 कि०मी० बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  • तुंगभद्रा, कोयना, घाटप्रभा, मुसी तथा भीमा इसकी कुछ सहायक नदियाँ हैं।
  • इसकी द्रोणी महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में फैली है।

6.कावेरी द्रोणी

  • कावेरी पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी श्रृंखला से निकलती है तथा तमिलनाडु में कुडलूर के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
  • इसकी लंबाई 760 कि॰मी॰ है।
  • इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं – अमरावती, भवानी, हेमावती तथा काबिनि।
  • इसकी द्रोणी तमिलनाडु, केरल तथा कर्नाटक में विस्तृत है।
  • भारत में दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात कावेरी नदी बनाती है। इसे शिवसमुंदरम् के नाम से जाना जाता है।
  • प्रपात द्वारा उत्पादित विद्युत मैसूर, बंगलोर तथा कोलार स्वर्ण-क्षेत्र को प्रदान की जाती है।

प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की क्या विशेषताएं हैं?

प्रायद्वीपीय नदियो की विशेषताए है - निश्चित जलमार्ग ,बल का अभाव और पानी का गैर बारहमासी प्रवाह। नर्मदा और तापी जो दरार घाटी के माध्यम से प्रवाह करती है वो आक्षेप है। शुरआती तृत्य अवधिं के दौरान प्रायद्वीप के पश्चिमी दिशा में घटाव के कारण समुद्र का अपनी जलमग्नता के नीचे चले जाना ।

प्रायद्वीपीय नदी के 3 लक्षण क्या है?

प्रायद्वीपीय नदी के निम्नलिखित तीन लक्षण हैं प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ समतल भागों से होकर नहीं बहती हैं, इसलिए इनसे नहरें नहीं निकाली जातीं। प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता। प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ टेढ़ी-मेढ़ी नहीं बहती अर्थात विसर्प नहीं बनातीं।

उत्तर भारतीय नदियों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं कैसे हैं प्रायद्वीपीय नदियों से भिन्न हैं?

राजामुंद्री के बाद यह नदी कई धाराओं में विभक्त होकर एक बृहत डेल्टा का निर्माण करती है। कृष्णा पूर्व दिशा में बहने वाली दूसरी बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है, जो सह्याद्रि में महाबलेश्वर के निकट निकलती है। इसकी कुल लंबाई 1,401 किलोमीटर है। कोयना, तुंगभद्रा और भीमा इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं

प्रायद्वीपीय नदियों में क्या अंतर है?

हिमालय की नदियाँ बारहमासी होती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती हैं और प्रायः मानसून में प्रवाहित होती हैं। हिमालयी नदियाँ अपने विकास क्रम में नवीन हैं और नवीन वलित पर्वतों के मध्य प्रवाहित होती हैं, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ प्रौढ़ावस्था में हैं और प्रायद्वीपीय पठारों से होकर प्रवाहित होती हैं।

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