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प्राचीन काल में राजा अपनी इतनी सारी रानियों को कैसे संतुष्ट रखते थे?
इसे सुनेंरोकेंआयुर्वेद विज्ञान के अनुसार प्राचीन काल में राजाओं ने 100 रानियों को संतुष्ट करने के लिए जावित्री, जायफल, अश्वगंधा, शिलाजीत, सफेद मूसली का सेवन किया करते थे. लड़ाई फ़ौज करती थी नाम राजा का होता था। रानियाँ अपना इंतज़ाम करके रखती थी।
महाराजा पटियाला की कितनी रानियां थी?
इसे सुनेंरोकें365 रानियों वाला वो ‘रंगीन मिजाज’ राजा, जिसके थे 50 से ज्यादा बच्चे, दिलचस्प है कहानी भारत में ऐसे कई राजे-महाराजे हुए हैं, जो किसी न किसी वजह से मशहूर हैं। ऐसे ही एकोो राजा थे पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह, जिनकी रंगीन मिजाजी के किस्से तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
दुनिया का सबसे अय्याश राजा कौन था?
इसे सुनेंरोकेंदुनिया का सबसे अय्याश राजा . 12 अक्तूबर 1891 को जन्में महाराजा भूपिंदर सिंह ने 38 सालों तक राज किया। महाराजा साहब के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 10 से ज़्यादा शादियां की थी। यही नहीं आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि उनके करीब 88 बच्चे थे।
सबसे अय्याश रानी कौन थी?
इसे सुनेंरोकेंमहारानी गायत्री देवी गायत्री देवी के बारे में कहा जाता है कि वह एक बहुत ही बड़े शानदार महल में पली बढ़ी थी, और उनके महल में लगभग 500 से ज्यादा नौकर काम करते थे. इसके साथ-साथ गायत्री देवी को गाड़ियों और शिकार का भी बहुत शौक था.
राजा महाराजा कैसे रहते थे?
इसे सुनेंरोकेंउसे यह भी पता होगा कि प्राचीन काल में जो भी राजा महाराजा थे। उनकी एक नहीं बल्कि कई रानियां और रखैलें थीं। साथ ही वह अपने राज्य और लोगों की देखभाल के लिए काम कर रहे थे। प्राचीन काल में राजा महाराजा भी कभी-कभी शत्रु से युद्ध करते थे।
पहले के राजा क्या खाते थे?
इसे सुनेंरोकेंप्राचीन काल के राजा महाराजा शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन करते थे ।
पटियाला के अंतिम शासक कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंपटियाला के किला मुबारक की स्थापना आज ही के दिन 12 फरवरी 1764 को बाबा आला सिंह ने की थी। राजा आला सिंह इस पटियाला रियायत के पहले और महाराजा यादविंदर सिंह इस के अंतिम शासक बने।
पटियाला के महाराजा के राज्य की राजधानी क्या थी?
इसे सुनेंरोकेंइजलस-ए-खास स्टे
दुनिया की सबसे अय्याश रानी कौन थी?
जैसे की आपने पुछा है की दुनिया की सबसे अय्यास रानी कौन थी तो हम आपको बता दे कि एलिजाबेथ बाथरी इक ऐसी रानी थी जो अय्यास भी थी और क्रूर भी थी
इसे सुनेंरोकेंआयुर्वेद विज्ञान के अनुसार प्राचीन काल में राजाओं ने 100 रानियों को संतुष्ट करने के लिए जावित्री, जायफल, अश्वगंधा, शिलाजीत, सफेद मूसली का सेवन किया करते थे. इन सभी पदार्थों में ऐसे खनिज और विटामिंस मौजूद होते हैं जो शरीर के परिसंचरण प्रतिरक्षा और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को तेज करता है.
Home » Relationship » इसे खाकर राजा महाराजा 100 रानियों को करते थे संतुष्ट - आयुर्वेद
हेल्थ डेस्क: आयुर्वेदिक विज्ञान की बात करें तो प्राचीन काल में राजा महराजा के पास 100 से भी ज्यादा रानियां होती थी। उन सभी रानियों को राजा महाराजा पूरी संतुष्टि देते थे। इसके लिए वो कई तरह के आयुर्वेदिक नुस्खे आजमाते थे। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे उस चीज के बारे में जिस चीज को खा कर राजा महाराजा 100 रानियों को संतुष्ट करते थे। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
आयुर्वेदिक विज्ञान।
राजा महाराजा 100 से ज्यादा रानियों को संतुष्ट करने के लिए अपने शरीर की स्टेमिना को बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर देते थे। इसके लिए वो सफ़ेद मूसली, काली मूसली, अश्वगंधा, जावित्री, कौंच के बीज का सेवन सबसे अधिक करते थे। इससे शरीर की उत्तेजना में तो वृद्धि होती ही थी। साथ ही साथ इससे शरीर में स्पर्म की भी कमी नहीं होती थी।
आयुर्वेद के अनुसार आज के समय में अगर कोई पुरुष सफ़ेद मूसली, काली मूसली, अश्वगंधा, जावित्री, कौंच के बीज का सेवन करते हैं तो इससे इनकी सारी यौन परेशानियां जैसे शीघ्रपतन, बांझपन, नपुंसकता और मर्दाना कमजोरी से छुटकारा मिल जायेगा। साथ ही साथ शरीर में स्पर्म की भी कमी नहीं होगी। इससे पुरुषों का शरीर स्वस्थ और बीमारियों से भी मुक्त रहेगा। इस औषधि की सबसे बड़ी बात यह हैं की इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता हैं और शरीर की स्टेमिना में भी वृद्धि होती हैं।
कैसे करें इसका सेवन।
आप बाजार में पंसारी की दूकान से बराबर-बराबर मात्रा में सफ़ेद मूसली, काली मूसली, अश्वगंधा, जावित्री, कौंच के बीज को खरीद कर अपने घर लेते आएं और इसे पीसकर इसका पाउडर बना लें। साथ ही साथ इन सभी चीजों को एक साथ मिला लें।
आप इसका सेवन प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक चम्मच गुनगुने पाती या दूध के साथ करें। इससे आपकी शारीरिक ताकत में जबरदस्त वृद्धि होगी। साथ ही साथ आपके शरीर की स्टेमिना बढ़ जाएगी। इससे आप लंबे समय तक प्रेम संबंध एन्जॉय करने में सफल रहेंगे। इससे स्पर्म काउंट की समस्या भी नहीं होगी।