'और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया पलट होने लगा' - नयी दिल्ली के काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे ?
इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ की आने की संकेत पाते ही नई दिल्ली की काया पलट होने लगा। और इसके लिए हर स्तर पर अनेक प्रयत्न किये गए होंगे, जैसे -
1) पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी।
2) इमारतों पर जमी धुल-मिट्टी साफ़ कर के उन्हें सजाया-सँवारा गया होगा।
3) पूरे दिल्ली शहर में साफ
सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी।
4) सड़कों के नाम की पट्टी लगाकर रेलिंग और क्रासिंग को रंगीन किया गया होगा।
5) आंतकवादी घटनाएँ या फिर इंग्लैंड विरोधी कार्यवाही या धरने न हो उसके लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए होंगे।
6) जगह-जगह स्वागत द्वार बनाया गया होगा।
7) मार्ग पर दोनों देश के ध्वज लहराए गए होंगे।
8) राजपथ के दोनों ओर फूल-पौधे लगाए गए होंगे।
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और देखतेही देखतेनई दि ल्ली का कायापलट होनेलगा नई दि ल्ली केकायापलट केलि ए क्या क्या प्रयत्न कि ए गए होंग े?
'और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया पलट होने लगा'-नयी दिल्ली के काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे? Solution : नई दिल्ली के कायापलट के लिए सबसे पहले गंदगी के ढेरों को हटाया गया होगा। सड़कों, सरकारी इमारतों और पर्यटन स्थलों को रंगा-पोता और सजाया-संवारा गया होगा। उन पर बिजलियों का प्रकाश किया गया होगा।
और देखते ी देखते नई हदल्ली का काया पलट ोने लगा नई हदल्ली के काया पलट के मलए क्या क्या प्रयत्न ककए गए ोंगे?
1) पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। 2) इमारतों पर जमी धुल-मिट्टी साफ़ कर के उन्हें सजाया-सँवारा गया होगा। 3) पूरे दिल्ली शहर में साफ सफाई के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की गई होगी। 4) सड़कों के नाम की पट्टी लगाकर रेलिंग और क्रासिंग को रंगीन किया गया होगा।
नई वदल्ली की कायापलट क्यों होने लगी थी?
नई दिल्ली की कायापलट इसलिए होने लगी, क्योंकि ब्रिटेन की महारानी रानी एलिजाबेथ नई दिल्ली आने वाली थी। भारत उस समय नया-नया ही स्वतंत्र हुआ था और अंग्रेज भले ही हमें छोड़ कर चले गए थे, लेकिन भारत गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह उबर नहीं पाया था। ... इस तरह महारानी के स्वागत हेतु नई दिल्ली की पूरी तरह कायापलट की जाने लगी।
नई दिल्ली की कायाकल्प क्यों होने लगी थी?
Solution : नई दिल्ली में इंग्लैंड की रानी एलिजावेथ द्वितीय अपने पति सहित दौरा करने वाली थीं। भारत के शासक उनका शाही सम्मान करना चाहते थे। इसलिए नई दिल्ली को पूरी तरह राजसी सज-धज से संवारा जाने लगा। यहाँ तक कि उसकी कायापलट हो गई।