Question 1. Answer: (b) ओस की बूँद का। Question 2. Answer: (b) काली-काली। Question 3. Answer: (c) आग का एक बड़ा गोला। Question 4. Answer: (b) पेंग्विन। Question 5. Answer: (b) बेर की झाड़ी पर मिली। Question 6. Answer: (c) क्योंकि पेड़ बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं। Question 7. Answer: (a) क्योंकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने से पानी बनता है।
क्रोध और घृणा से किसका शरीर काँप उठा ?
(a) लेखक का
(b) ओस की बूंद का
(c) मछली का
(d) नदी का
नदी तट पर ऊँची मीनार से किस रंग की हवा निकल रही थी ?
(a) भूरे रंग की
(b) काली-काली
(c) बैंगनी
(d) नीली
हमारी पृथ्वी प्रारम्भ में किस रूप में थी ?
(a) जंगल से भरी
(b) नदियों से भरी
(c) आग का एक बड़ा गोला
(d) चट्टानों से भरी हुई
ओस की बूंद ने समुद्र में क्या नहीं देखा?
(a) घोंघा
(b) पेंग्विन
(c) कई-कई मन भारी कछुवे
(d) जालीदार मछलियाँ
लेखक को ओस की बूंद कहाँ मिली ?
(a) नीम के पेड़ पर मिली
(b) बेर की झाड़ी पर मिली
(c) पीपल के पत्ते पर मिली
(d) केले के पत्ते पर मिली
ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी ?
(a) क्योंकि नदियाँ बहुत बेरहम होती हैं, वे जलकणों को भीतर खींच लेती
हैं
(b) क्योंकि कुएँ बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को भीतर खींच लेते हैं
(c) क्योंकि पेड़ बहत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं
(d) क्योंकि खेत बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज (पुरखा) क्यों कहा ?
(a)
क्योंकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने से पानी बनता है
(b) क्योंकि हाइड्रोजन से ऑक्सीजन मिलती है
(c) क्योंकि पहले पानी आया बाद में ऑक्सीजन
(d) क्योंकि पहले पानी आया बाद में हाइड्रोजन
Question 8.
ओस की बूंद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी ?
(a) नदी की प्रतीक्षा कर रही थी
(b) बेर के पेड़ की प्रतीक्षा कर रही थी
(c)
सूर्य की प्रतीक्षा कर रही थी
(d) लेखक की प्रतीक्षा कर रही थी
Answer: (c) सूर्य की प्रतीक्षा कर रही थी।
गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
(1)
“उनके वंशज अपनी भयावह लपटों से अव भी उनका मुख उज्ज्वल किए हुए हैं। हाँ, तो मेरे पुरखे बड़ी दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेजी से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखों गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूर्य चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ। वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु । उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सृषं का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला। सूर्य से टूटा हुआ भाग । इतना भारी खिंचाव सँभाल न सका और कई टुकड़ों । में टूट गया। उन्हीं में से एक टुकड़ा हमारी पृथ्वी है। यह प्रारंभ में एक बड़ा आग का गोला थी।”
Question 1.
प्रचण्ड प्रकाश किस प्रकार का था ?
(a) बहुत धुंधला
(b) नीले रंग का
(c) उगते सूर्य जैसा
(d) प्रचण्ड प्रकाश आँखें चौंधियाने वाला था।
Answer: (d) प्रचण्ड प्रकाश आँखें चोधियाने वाला था।
Question 2.
सूर्य के पास आने पर पिण्ड कैसा लग रहा था ?
(a) बहुत छोटा
(b) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बड़ा होता जा रहा था
(c) वर्फ के गोले जैसा
(d) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बहुत छोटा होता जा रहा
था
Answer: (b) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बड़ा होता जा रहा था।
Question 3.
पिण्ड का सूर्य पर क्या प्रभाव पड़ने लगा।
(a) पिण्ड की आकर्षण शक्ति से सूर्य काँपने लगा, लगता था इससे सूर्य चूर-चूर हो जाएगा
(b) कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ा
(c) पिण्ड काँपने लगा था
(d) सूर्य चमकने लगा
Answer: (a) पिण्ड की आकर्षण शक्ति से सूर्य काँपने लगा, लगता था इससे सूर्य चूर-चूर हो जाएगा।
Question 4.
उस पिण्ड की भीषण आकर्षण-शक्ति का क्या असर हुआ ?
(a) कुछ असर नहीं हुआ
(b) पिण्ड का एक भाग टूट गया
(म) उस पिण्ड की भीषण आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया घि
(d) पिण्ड टकरा गया
Answer: (c) उस पिण्ड की भीषण आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया घि
उस पिण्ड की भीपण आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया।
Question 5.
हमारी पृी कौन-सा टुकड़ा है और किसका टुकड़ा है ?
(a) चाँद का टुकड़ा
(b) सूर्य का टूटा हुआ भाग कई टुकड़ों में टूट गया उन्हीं टुकड़ों में से एक हमारी पृथ्वी वन गई
(c) शनि ग्रह का टुकड़ा
(d) मंगल ग्रह का टुकड़ा
Answer: (b) सूर्य का टूटा हुआ भाग कई टुकड़ों में टूट गया। उन्हीं टुकड़ों में से एक हमारी पृथ्वी बन गई ।
(2)
मैं और गहराई की खोज में किनारों से दूर गई तो मैंने एक ऐसी वस्तु दखी कि मैं चौंक पड़ी। अब तक समुद्र में अँधेरा था, सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था और बल लगाकर देखने के कारण मेरे नेत्र दुखने लगे थे। मैं सोच रही थी कि यहाँ पर जीवों को कैसे दिखाई पड़ता होगा कि सामने ऐसा जीव दिखाई पड़ा मानो कोई लालटेन लिए घूम रहा हो। यह एक अत्यंत सुंदर मछली थी। इसके शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी ,जो इसे मार्ग दिखलाती थी। इसका प्रकाश देखकर कितनी छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं और यह जब भूखी होती थी तो पेट भर उनका भोजन करती थी।
Question
1.
अब तक समुद्र में प्रकाश की स्थिति क्या थी ?
(a) अब तक समुद्र में सूर्य का प्रकाश था
(b) अब तक समुद्र में अँधेरा था। सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था
(c) कुछ जगह समुद्र में अँधेरा था तथा कुछ जगह प्रकाश था
(d) समुद्र में सब जगह घोर अँधेरा था
Answer: (b) अब तक समुद्र में अँधेरा था। सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था।
Question 2.
बूंद ने ऐसी क्या चीज देखी थी, जिसे देखकर बूंद चौंक
पड़ी ?
(a) एक साँप देखा था
(b) एक बड़ी चट्टान देखी थी
(c) दूर से आता जलयान देखा था
(d) बूँद को एक ऐसा जीव दिखाई दिया जो मानो लालटेन लिये घूम रहा हो, यह जीव एक सुन्दर मछली थी
Answer: (d) बूंद को एक ऐसा जीव दिखाई दिया जो मानो लालटेन लिए घूम रहा हो, यह जीव एक सुन्दर मछली थी।
Question 3.
इस प्रकाश वाली मछली की क्या विशेषता थी ?
(a) इस मछली के शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी, जो इसे मार्ग दिखलाती
थी
(b) यह बहुत तेज तैरती थी
(c) यह अन्य मछलियों का शिकार करती थी
(d) समुद्र में उजाला करने में सहायक थी
Answer: (a) इस मछली के शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी; जो इसे मार्ग दिखलाती थी।
Question 4.
इसके प्रकाश का अन्य मछलियों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?
(a) अन्य मछलियाँ इससे डरकर भाग जाती थीं
(b) अन्य मछलियाँ चौंक जाती थीं
(c) इसके प्रकाश से प्रभावित होकर छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती
थीं, भूख लगने पर यह इन छोटी मछलियों से अपना पेट भर लेती थी
(d) अन्य मछलियाँ इसके पीछे दौड़ने लगती थीं
Answer: (c) इसके प्रकाश से प्रभावित होकर छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं, भूख लगने पर यह इन छोटी मछलियों से अपना पेट भर लेती थी।
Question 5.
‘अत्यंत’ के सही सन्धि विच्छेद का चयन कीजिए
(a) अत +यंत
(b) अति + अंत
(c) अत्य + अंत
(d) अत्यं + त
Answer: (b) अति + अंत।
(3)
सरिता के वे दिवस बड़े मजे के थे। हम कभी भूमि को काटते, कभी पेड़ों को खोखला कर उन्हें गिरा देते। बहते-बहते मैं एक दिन एक नगर के पास पहुंची। मैंने देखा कि नदी के तट पर एक ऊँची मीनार में से कुछ काली-काली हवा निकल रही है। मैं उत्सुक हो उसे देखने को क्या बढ़ी कि अपने हाथों दुर्भाग्य को न्यौता दिया। ज्योंही मैं उसके पास पहुंची अपने और साथियों के साथ एक मोटे नल में खींच ले गई। कई दिनों तक मैं नल-नल घूमती फिरी। मैं प्रतिक्षण उसमें से निकल भागने की चेष्टा में लगी रहती थी। भाग्य मेरे साथ था। बस, एक दिन रात के समय मैं ऐसे स्थान पर पहुँची जहाँ नल टूटा हुआ था। मैं तुरंत उसमें होकर निकल भागी और पृथ्वी में समा गई। अंदर घूमते-घूमते इस बेर के पेड़ के पास पहुंची।
Question 1.
सरिता के रूप में कौन-से दिन बड़े मजे के थे ?
(a) बरसात के दिन
(b) गर्मियों के दिन
(c) पानी सूखने के दिन
(d) जब भूमि को काटने और पेड़ों को खोखला कर गिराने का मौका मिलता था
Answer: (d) जब भूमि को काटने और पेड़ों को खोखला कर गिराने का मौका मिलता था।
Question 2.
नगर के पास बूँद ने क्या देखा ?
(a) बूंद ने नदी के तट पर एक नाव देखी
(b) द ने नदी के तट पर एक ऊँची मीनार देखी; जिसमें से काली-काली हवा निकल रही थी
(c) बूंद ने नदी के तट पर एक मशीन देखी
(d) पानी की एक टंकी देखी
Answer: (b) बूंद ने नदी के तट पर एक ऊँची मीनार देखी; जिसमें से काली-काली हवा निकल रही थी।
Question
3.
द ने किस दुर्भाग्य को न्योता दिया ?
(a) वह गर्म तवे पर गिर पड़ी
(b) वह गर्म रेत में गुम हो गई
(c) बूंद जैसे ही आगे बढ़ी, एक मोटे नल ने उसको अपने भीतर खींच लिया
(d) वह एक गहरे कुएँ में गिर पड़ी
Answer: (c) बूँद जैसे ही आगे बढ़ी, एक मोटे नल ने उसको अपने भीतर खींच लिया।
Question 4.
बूँद को निकलने का मौका किस प्रकार मिला ?
(a) बूँद एक रात टूटे हुए नल से होकर तुरन्त निकल भागी
(b) बूंद एक रात
पानी की टोंटी से निकल भागी
(c) बूँद एक लोटे से नीचे गिर गई
(d) बूंद पेड़ के पत्ते से नीचे गिर गई
Answer: (a) बूंद एक रात टूटे हुए नल से होकर तुरन्त निकल भागी।
Question 5.
बूंद बेर के पेड़ के पास कैसे पहुँची ?
(a) बादलों से गिरकर
(b) नदी से होकर
(c) झरने के साथ बहकर
(d) नल से निकल भागने पर वह पृथ्वी में समा गई और अंदर घूमते-घूमते बेर के पेड़ के पास पहुँची
Answer: (d) नल से निकल भागने पर वह पृथ्वी में समा गई और अंदर घूमते-घूमते बेर के पेड़ के पास पहुंची