नवाब साहब ने डकार लेकर क्या व्यक्त किया? - navaab saahab ne dakaar lekar kya vyakt kiya?

One Line Answer

बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया?

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Solution

लेखक ने देखा कि नवाब साहब ने खीरों की फाँकों का रसास्वादन किया उन्हें मुँह के करीब ले जाकर सूंघा और बाहर फेंक दिया। इसके बाद नवाब साहब को डकार लेता देखकर लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि क्या इस तरह सँघने मात्र से पेट भर सकता है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

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Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - अतिरिक्त प्रश्न

Q 7Q 6Q 8

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़
अतिरिक्त प्रश्न | Q 7

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नवाब साहब ने डकार लेकर लेखक के सामने क्या व्यक्त करना चाहा?

Explanation: लेखक ने देखा कि नवाब साहब ने खीरों की फाँकों का रसास्वादन किया उन्हें मुँह के करीब ले जाकर सूंघा और बाहर फेंक दिया। इसके बाद नवाब साहब को डकार लेता देखकर लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि क्या इस तरह सँघने मात्र से पेट भर सकता है।

नवाब साहब का व्यवहार क्या दर्शाता है?

उत्तरः नवाब का व्यवहार यह दर्शाता है कि वे बनावटी जीवन-शैली के अभ्यस्त हैं। उनमें दिखावे की प्रवृत्ति है। वे रईस नहीं हैं, बल्कि रईस होने का ढोंग कर रहे हैं।

लेखक ने डिब्बे के बारे में क्या अनुमान किया था?

अनुमान के प्रतिकूल डिब्बा निर्जन नहीं था। एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। सामने दो ताजे-चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा कूद जाने से सज्जन की आँखों में एकांत चिन्तन में विघ्न का असंतोष दिखाई दिया।

नवाब साहब की कार्यशैली देखकर लेखक के मन में क्या प्रश्न उठा?

उत्तर- नवाब की जीवन शैली देखकर लेखक के मन में यह प्रश्न उठा कि केवल स्वाद और सुगंध की कल्पना मात्र से इन नवाबों का पेट कैसे भरता होगा?

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