नर्वस सिस्टम खराब होने पर क्या होता है? - narvas sistam kharaab hone par kya hota hai?

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वंय के लिए भी समय निकाल पाना मुश्किल हो गया है। यही कारण है कि लोग तेजी से बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। कई बार शरीर में सामान्य से अलग संकेत देखने के बाद भी हमें यह अहसास नहीं होता कि कहीं हम बीमारी से ग्रस्त तो नहीं। आपका नर्वस सिस्टम (Nervous System) खराब होने पर भी शरीर आपको कुछ संकेत देता है, जिससे यह पहचाना जा सकता है नर्वस सिस्टम में खराबी है या नहीं। नर्वस सिस्टम यानि तंत्रिका प्रणाली जिसे मानव शरीर का मुख्य अंग माना जाता है। इसके अनियंत्रित हो जाने पर मनुष्य की सोचने समझने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। माना जाता है कि नर्वस सिस्टम हमारी शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करता है। नर्वस सिस्टम का डैमेज होना मतलब पैरालाइसिस (Paralysis) जैसी गंभीर बीमारियां होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आपका नर्वस सिस्टम ही आपके दिमाग को कोई भी गतिविधी करने के लिए प्रेरित करता है और दिमाग को सुचारू रखता है। नर्वस सिस्टम में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और कुछ संवेदनशील अंग (Sensitive Part) होते हैं।

हमारा नर्वस सिस्टम हमारी इंद्रियों के माध्यम से जानकारी लेता है और शरीर को प्रतिक्रियाएं देता है। उदाहरण के तौर पर समझें तो यदि आपने किसी बिजली के तार को हाथ लगाया उससे आपको झटका लगा तो ऐसे में आपका नर्वस ही है जौ आपको अपना हाथ पीछे करने की प्रतिक्रिया देतै है। वहीं रीढ़ की हड्डी और आपका मस्तिष्क मिलकर आपको सेंटर्ल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) यानि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बनाते हैं। किसी भी गतिविधि को करते समय आपका ब्रेन आपके न्यूरॉन्स को संदेश पहुंचाता है। इसी विषय पर आज हमने मुंबई के पीडी हिंडूजा हॉस्पिटल और एमआरसी की कंसल्टेंट फीजिशियन डॉ. गौरंगी शाह से बात की। आइये जानते हैं डॉ. गौरंगी से नर्वस सिस्टम में खराबी होने पर कैसे पहचाना जाए। 

नर्वस सिस्टम खराब होने के लक्षण 

1. अचानक सिर में दर्द होना (Sudden Headache)

डॉ. गौरंगी के मुताबिक नर्वस सिस्टम खराब होने के संकेतों में से एक है सिर में अचानक तेज दर्द होना। कई लोगों में सिर का दर्द होना आम बात है। बहुत से लोगों में कई सालों से सिर दर्द की समस्या रहती है। ऐसे में उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। आपको घबराने की आवश्यकता तब है जब आपके सिर में तेजी से दर्द होने के साथ ही उल्टी आने या बेहोशी आने जैसे लक्षण दिखाई दें। ऐसा होने पर आपका शरीर अपनी कार्यक्षमता प्रदर्शित करने में असमर्थ हो जाता है। 

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2. आंखों के आगे अंधेरा छा जाना (Darkness Before Eyes)

आंखों के आगे अंधेरा छा जाना भी नर्वस सिस्टम में खराबी होने का ही एक लक्षण है। हालांकि कई बार यह समस्या हीट स्ट्रोक या चक्कर आने के कारण भी हो सकती है। लेकिन इसे नजरअंदाज करना नर्वस सिस्टम पर बुरा असर डाल सकता है। इसे वीजुअल ब्लैक आउट और वीजुअल डिस्टरबेंस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी समस्या होने पर आपको डबल दिखना भी शुरू हो जाता है, जिसे भी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का ही लक्षण माना जाता है। ऐसे संकेत दिखने पर तत्काल रूप से चिक्त्सक से सलाह लेनी चाहिए। 

3. कमजोरी और पैरालाइसिस लिंब्स (Weakness and Paralysis of Limbs)

कई बार पैरालाइसिस की समस्या हो जाने पर आपके हाथ पैर काम करना बंद कर देते हैं। लेकिन कुछ मामलों में इसकी शुरूआत हाथों पैरों में कमजोरी और दर्द के साथ भी होती है। यदि आप किसी चीज को कुछ समय  तक पकड़ पाने में और ठीक से खड़े हो पाने में भी असमर्थ हो रहे हैं तो समझ लीजिए कि यह भी नर्वस सिस्टम में खराबी का संकेत हो सकता है। 

4. लिक्विड पीने में समस्या होना (Difficulty in Drinking Liquids)

पैरालाइसिस केवल आपके शरीर में ही नहीं बल्कि किसी भी अंग में हो सकता है। कई बार यह आपके मुंह में भी हो सकता है, जिससे आपकी खान पान से जुड़ी तकलीफें बढ़ सकती हैं। इसमें आपको पानी पीने में भी समस्या हो सकती है। डॉ. गौरंगी के अनुसार इस समस्या में आपके स्वैलोइंग मसल्स पैरालाइस्ड हो जाते हैं, जिस कारण आपके गले से पानी उतरना भी मुश्किल हो जाता है। इसमें कई बार फेशियल पैरालाइसिस भी हो सकता है, जिसमें व्यक्ति एक तरफ से खान पान कर सकता है। इसे ड्रूपिंग के नाम से भी जाना जाता है। 

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5. इनवॉलेंटरी मूवमेंट (Involuntary Movements)

इनवॉलेंटरी मूवमेंट में आपकी शरीर के कुछ अंगों पर आपका नियंत्रण नहीं रहता है। इस स्थिति में आपके हाथ पैर और उंगलियों का नियंत्रण ठीक नहीं रहता है। इसमें अचानक से हाथ की उंगलियों का हिलना जरकी मूवमेंट यानि शरीर के अंगों का नियंत्रित नहीं रहना। इस स्थिति में व्यक्ति खुद पर पूरी तरह से काबू पाने में असमर्थ हो जाता है। हालांकि यह किन्हीं अन्य कारणों से भी हो सकती है। शरीर में इस प्रकार की स्थिति को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का ही लक्षण है। 

6. चलने फिरने में समस्या होना (Trouble in Walking)

नर्वस सिस्टम की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को चलने फिरने की भी समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों में चलने के दौरान लड़खड़ाहट भी हो सकती है। इस लक्षण को भी काफी आसानी से पहचाना जा सकता है। 

7.ज्यादा पेशाब लगना (Excessive Urination)

ज्यादा पेशाब लगना भी सीधा-सीधा नर्वस सिस्टम में खराबी होने का संकेत है। नर्वस सिस्टम खराब होने पर दिमाग और बलैडर के बीच का संतुलन बिगड़ जाता है। इस स्थिति में पेशाब आने की बजाय आपको ऐसा महसूस होगा कि लगातार पेशाब आ रही है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। 

8.शरीर में चोट लगने के बाद ऐहसास नहीं होना (Not feeling pain after injury)

कई बार छोटी मोटी चोटें लगने से आपको चोट लगने का ऐहसास नहीं होता है। लेकिन बड़ी चोटें या खरोच आने के बाद भी चोट लगने का या पीड़ा का आभास न हो तो यह नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या हो सकती है। क्योंकि आपका नर्वस सिस्टम ही आपको चोट लगने और पीड़ा होने का ऐहसास दिलाता है। 

नर्वस सिस्टम में खराबी के कारण

1. ब्रेन ट्यूमर स्पेस ऑक्यूपाइंग लीसन (Brain tumour and Space Occupying Lesion)

नर्वस सिस्टम में खराबी या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) ब्रेन ट्यूमर या मस्तिष्क से जुड़े अन्य विकारों के कारण भी हो सकता है। दिमाग के उपरी कवच जिसे मेनिन्गाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। इस एरिया में संक्रमण या फिर बैक्टीरिया की वजह से कई बार सूजन उतपन्न हो जाती है। इससे भी आपको न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकता है। इस स्थिति में भी मरीज को बेहोशी होने के साथ सिर में तेज दर्द और उल्टी की शिकायत हो सकती है। खासकर बुखार आने के बाद उल्टी या फिर सिर में दर्द होने से आप आसानी से नर्वस सिस्टम में खराबी को पहचान सकते हैं। 

2. ब्रेन के आसपास खून की कमी होना (Reduced Blood Supply around Brain) 

ब्रेन तक रक्त का संचार होना बेहद जरूरी है। यदि ब्रेन तक रक्त का संचार सुचारू रूप से नहीं होता है तो आपको न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। अब रक्त का संचार ठीक तरह से न होने के 2 कारण हो सकते हैं। खून सप्लाई करने वाली धमनियों में थक्का बनन के कारण भी रक्त संचार में बाधा आती है। साथ ही उस जगह पर अचानक से ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण भी ऐसा हो सकता है। ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाने के कारण हेमरेज की भी समस्या हो सकती है। 

3. पार्किन्संस (Parkinson’s)

पार्किन्संस नामक समस्या सीधे आपके मस्तिष्क से जुड़ी होती है। आमतौर पर यह समस्या 60 वर्ष से उपर के लोगों में देखी जाती है। यदि आपको पार्किन्संस की समस्या है तो भी आपके नर्वस सिस्टम में खराबी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

क्या है इसके उपचार (Treatment)

  • ब्रेन सेल एक बार डेड हो जाने के बाद दोबारा से नहीं बनते हैं। इसलिए नर्वस सिस्टम में खराबी होने पर बिना किसी देरी के चिकित्सक को दिखाएं। 
  • अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांचते रहें
  • कोशिश करें कि वजन नियंत्रित रखें
  • रोजाना 5000 से 10000 कदम पैदल चलें
  • पाचन तंत्र को ठीक रखें
  • डायबिटीज को नियंत्रित करें 

नर्वस सिस्टम में खराबी आने से आपकी जैवनशैली अस्त व्यस्त हो सकती है। इसलिए नर्वस सिस्टम का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए, जिससे आपकी शरीर की कोशिकाओं का संतुलन बना रहे।

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नर्वस सिस्टम कमजोर होने पर क्या होता है?

मस्तिष्क की नसें हमारे पूरे शरीर से जुड़ी रहती हैं। इसलिए यदि आपको चलने – फिरने में दिक्कत महसूस हो रही है, तो यह नसों में कमजोरी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, इससे मांसपेशियों को भी नुकसान हो सकता है जिसका असर आपके चलने ओर उठने बैठने पर पड़ता है।

नर्वस सिस्टम के लक्षण क्या है?

नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षणों की ऐसे करें पहचान.
मूड में बार-बार बदलाव कई बार नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति में मूड तेजी से बदलता है। ... .
आत्महत्या का खयाल आना ... .
अवसाद ... .
थकान और तनाव ... .
सेक्स लाइफ पर प्रभाव ... .
एकाग्र नहीं हो पाते हैं ... .
शारीरिक लक्षण ... .
भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता.

नर्वस सिस्टम को कैसे ठीक करें?

हरी पत्तेदार सब्जियां पत्तेवाली हरी सब्जियां (पालक, मेथी अन्य साग) पोषक तत्वों व विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, मैग्नीशियम एवं एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना होती हैं। ये ब्रेन और नर्वस सिस्टम की एजिंग को स्लो करती हैं और हमें स्वस्थ रखती हैं।

नसों की कमजोरी के क्या लक्षण है?

अगर आपको शरीर में झुनझुनी होती है तो यह भी दिमागी नसों की कमजोरी के लक्षण हैं. कई बार जब आपके दिमाग की नसों में ब्लड सही से नहीं पहुंच पाता है जिसकी कारण से शरीर के अलग-अलग अंगों में झुनझुनी होने लगती है. कई बार दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित होने से स्ट्रोक की समस्या हो सकती हैं.

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