निम्नलिखित में से कौन अफगानिस्तान की आधिकारिक भाषा है? - nimnalikhit mein se kaun aphagaanistaan kee aadhikaarik bhaasha hai?

अफगानिस्तान एक बहुभाषी देश है जिसमें दो भाषाएं - दारी और पश्तो - दोनों आधिकारिक और व्यापक रूप से बोली जाती हैं। दारी अफगानिस्तान में फारसी भाषा का आधिकारिक नाम है। इसे अक्सर अफगान फारसी के रूप में जाना जाता है। फारसी और पश्तो दोनों ईरानी भाषा उप-परिवार से भारत-यूरोपीय भाषाएं हैं। उज़्बेक, तुर्कमेनिस्तान, बलूचि, पशायी और नूरिस्तान जैसी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को देश भर में अल्पसंख्यक समूहों द्वारा बोली जाती है। छोटी भाषाओं में हिंदी-उर्दू, पंजाबी, अशकुणु, कामकाता-विरी, वासी-वेर, त्रेगामी और कलाशा-अल, पामिरी (शुगनी, मुंजी, इश्ककीमी और वाखी), ब्राहुई, अरबी, क्यूज़िलबाश, एमाक, और पशाई और किरगिज़।.[1][2] भाषाविद् हेराल्ड हार्मन का मानना है कि अफगानिस्तान 40 से अधिक छोटी भाषाओं का घर है, लगभग 200 अलग-अलग बोलीभाषाओं के साथ|[3]

भाषा नीति[संपादित करें]

1964 के अफगानिस्तान के संविधान द्वारा स्थापित दारी और पश्तो देश की आधिकारिक भाषाएं हैं। दारी अफगानिस्तान की आधिकारिक भाषाओं की सबसे व्यापक बोली जाने वाली भाषा है और देश के लिए लिंगुआ फ़्रैंका के रूप में कार्य करती है। 1980 में, अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को उन क्षेत्रों में आधिकारिक दर्जा दिया गया जहां वे बहुमत की भाषा हैं।[4]

नामकरण नीति[संपादित करें]

पड़ोसी ईरान में बोली जाने वाली बोलियों के विपरीत अफगानिस्तान में बोली जाने वाली फारसी बोलियों को नामित करने के लिए अफरी अधिकारियों द्वारा दीरी की लंबी अवधि की सिफारिश की जाती है।

अवलोकन[संपादित करें]

अफगानिस्तान की भाषाएं दारी देश के लिंगुआ फ्रैंका के रूप में कार्य करती है और ताजिक, हज़ारस और एमाक सहित विभिन्न अफगान जातीय समूहों की मूल भाषा है। पश्तो अफगानिस्तान में प्रमुख जातीय समूह पश्तूनों की मूल जीभ है। अफगानिस्तान के बहु-जातीय चरित्र के कारण, भाषा विविधता के साथ-साथ द्विभाषीवाद और बहुभाषीवाद आम घटनाएं हैं। विभिन्न समूहों के आकार और संरचना के बारे में सटीक आंकड़े अनुपलब्ध हैं क्योंकि दशकों में अफगानिस्तान में कोई व्यवस्थित जनगणना नहीं हुई है। अनुमान निम्नलिखित प्राथमिक भाषाओं का सुझाव देते हैं:एशिया के फाउंडेशन द्वारा 6,226 यादृच्छिक रूप से चुने गए अफगान नागरिकों के 2006 के एक सर्वेक्षण सर्वेक्षण सर्वेक्षण के मुताबिक, दारी 49% की पहली भाषा थी, जिसमें अतिरिक्त 37% ने दूसरी भाषा के रूप में दारी बोलने की क्षमता बताई थी; 42% दारी पढ़ने में सक्षम थे। दूसरा, पश्तो मतदान के 40% लोगों की पहली भाषा थी, जबकि अतिरिक्त 28% ने इसे दूसरी भाषा के रूप में बताया; 33% पश्तो पढ़ने में सक्षम थे। उज़्बेक 9% की पहली भाषा थी और 6% के लिए दूसरी भाषा थी। तुर्कमेनिस्तान 2% की पहली भाषा और 3% के लिए दूसरी भाषा थी। अंग्रेजी 8% और उर्दू 7% से बोली जाती थी।[5]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "Documentation for ISO 639 identifier: prs". Sil.org. 18 January 2010. मूल से 18 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि December 5, 2014.
  2. "The World Factbook: Afghanistan". Cia.gov. मूल से 15 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि December 5, 2014.
  3. Wahab, Shaista; Youngerman, Barry (2007). A Brief History of Afghanistan (English में). Infobase Publishing. पृ॰ 18. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781438108193. Afghan Hindus and Sikhs speak Hindi or Punjabi in addition to Dari and Pashto.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "AFGHANISTAN v. Languages". Ch. M. Kieffer. Encyclopædia Iranica. मूल से 29 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-04-08. A. Official languages. Paṧtō (1) is the native tongue of 50 to 55 percent of Afghans... Persian (2) is the language most spoken in Afghanistan. The native tongue of twenty five percent of the population, it is split into numerous dialects.
  5. "Languages of Afghanistan". Encyclopædia Britannica. मूल से 12 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2018.

अफ़ग़ानिस्तान


  • दरी फ़ारसी(افغانستان)
  • अफ़ग़ानिस्तान
  • पश्तो भाषा (افغانستان)
  • अफ़ग़ानिस्तान

राजधानी

एवं सबसे बड़ा शहर

आधिकारिक भाषानृजातीय समूहधर्म निवासीनामगठन

• होतक राजवंश

• दुर्रानी साम्राज्य

• अफ़ग़ानिस्तानी अमीरात

• मान्यता प्राप्त

• अफगानिस्तान का साम्राज्य

• गणतंत्र की घोषणा

• अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात

• अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात

• अफगानिस्तान के इस्लामी गणराज्य का पतन

क्षेत्रफल

• कुल

• जल क्षेत्र (%)

जनसंख्या

• 2020 आकलन

• जनघनत्व

जीडीपी (पीपीपी)

• कुल

• प्रति व्यक्ति

जीडीपी (सांकेतिक)

• कुल

• प्रति व्यक्ति

गिनी (2008)HDI (2019)मुद्रासमय मंडलवाहन चलते हैंदूरभाष कोडइंटरनेट टीएलडी

इस्लामिक अमीरात अफ़ग़ानिस्तान

ध्येय वाक्य: ला इलाह इल्ली ल-लाह, मुअम्मदुन रसिलु एल-लाह
لا إله إلا الله محمد رسول الله (अरबी भाषा)
"कोई भगवान नही लेकिन अल्लाह है और मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं।"

काबुल
33°N 66°E / 33°N 66°Eनिर्देशांक: 33°N 66°E / 33°N 66°E

  • दरी फ़ारसी
  • पश्तो भाषा

  • 42% पश्तून
  • 27% ताजिक
  • 9% हज़ारा
  • 9% उज़बेक
  • 4% अइमाक़
  • 3% तुर्कमेन
  • 2% बलोच
  • 4% अफगानिस्तान में जातीय समूह

  • 99.7% इस्लाम
  • 0.3% अन्य

अफगानिस्तान
1709–1738
1747–1842
1823–1926
19 अगस्त 1919
9 जून 1926
17 जुलाई 1973
7 सितंबर 1996
26 जनवरी 2004
15 अगस्त 2021
652,864[1] कि॰मी2 (252,072 वर्ग मील) 40वीं)
नगण्य
31,390,200[2] (44वीं)
48.08/किमी2 (124.5/मील2) (174वीं)
2018 प्राक्कलन
$72.911 billion[3] (96वीं)
$2,024 (169वीं)
2018 प्राक्कलन
$21.657 बिलियन (111वीं)
$493 (177वीं)
27.8[4]
निम्न · प्रथम
0.511[5]
निम्न · 169वीं
अफगान रुपया (افغانی) (आईएसओ ४२१७)
UTC+4:30 हिजरी कैलेंडर (D†)
दक्षिण
+93
.af
افغانستان.

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात दक्षिण एशिया में अवस्थित देश है, जो विश्व का एक भूूूू-आवेष्ठित देश है। अप्रैल 2007 में अफगानिस्तान सार्क का आठवाँ सदस्य बना। अफगानिस्तान के पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है।

अफ़गानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3,000 से 2,000 ई.पू. के रूप में मानी जा सकती है। यह क्षेत्र एक ऐसे भू-रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है जो मध्य एशिया और पश्चिम एशिया को भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति से जोड़ता है। इस भूमि पर कुषाण, हफ्थलिट, समानी, गजनवी, मोहमद गौरी, मुगल, दुर्रानी और अनेक दूसरे प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान हुआ है। प्राचीन काल में फ़ारस तथा शक साम्राज्यों का अंग रहा अफ़्ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इनमें सिकन्दर, फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क,मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गौरी, नादिर शाह सिख साम्राज्य इत्यादि के नाम प्रमुख हैं। ब्रिटिश सेनाओं ने भी कई बार अफ़गानिस्तान पर आक्रमण किया। वर्तमान में अमेरिका द्वारा तालिबान पर आक्रमण किये जाने के बाद नाटो(NATO) की सेनाएँ वहाँ बनी हुई थीं जो सन 2021 में वहां से निकाल दी गईं हैं।

अफ़गानिस्तान के प्रमुख नगर हैं- राजधानी काबुल, कन्धार (गन्धार प्रदेश) भारत के प्राचीन ग्रन्थ महाभारत में इसे राजा सकुनी का प्रदेश गन्धार प्रदेश कहा जाता था। यहाँ कई नस्ल के लोग रहते हैं जिनमें पश्तून (पठान या अफ़ग़ान) सबसे अधिक हैं। इसके अलावा उज्बेक, ताजिक, तुर्कमेन और हज़ारा शामिल हैं। यहाँ की मुख्य भाषा पश्तो है। फ़ारसी भाषा के अफ़गान रूप को दरी कहते हैं।

वर्तमान में अफगानिस्तान में तालिबान नामक संगठन का नियंत्रण है। अब वहा शरिया क़ानून लागू किया गया है

नाम[स्रोत सम्पादित करें]

अफ़्ग़ानिस्तान का नाम अफगान और स्थान या (स्तान ) जिसका मतलब भूमि होता है से लकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है अफ़गानों की भूमि। स्थान या (स्तान) भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत का शब्द है- पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कज़ाख़स्तान, हिन्दुस्तान इत्यादि जिसका अर्थ है भूमि या देश। अफ़्गान का अर्थ यहां के सबसे अधिक वसित नस्ल (पश्तून) को कहते है। अफ़्गान शब्द को संस्कृत अवगान से निकला हुआ माना जाता है। ध्यान रहे की "अफ़्ग़ान" शब्द में ग़ की ध्वनी है और "ग" की नहीं।

"स्टेन" का अर्थ है भूमि। अफगानिस्तान का अर्थ है अफगानों की भूमि। शब्द "स्टेन" का उपयोग कुर्दिस्तान और उज़बेकिस्तान के नामों में भी किया जाता है।

इतिहास[स्रोत सम्पादित करें]

मानव बसाहट १०,००० साल से भी अधिक पुराना हो सकता है। ईसा के १८०० साल पहले आर्यों का आगमन इस क्षेत्र में हुआ। ईसा के ७०० साल पहले इसके उत्तरी क्षेत्र में गांधार महाजनपद था जिसके बारे में भारतीय काव्य ग्रंथ महाभारत तथा अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है। ईसापूर्व ५०० में फ़ारस के हखामनी शासकों ने इसको जीत लिया। सिकन्दर के फारस विजय अभियान के तहत अफ़गानिस्तान भी यूनानी साम्राज्य का अंग बन गया। इसके बाद यह शकों के शासन में आए। शक स्कीथियों के भारतीय अंग थे। ईसापूर्व २३० में मौर्य शासन के तहत अफ़ग़ानिस्तान का संपूर्ण इलाका आ चुका था पर मौर्यों का शासन अधिक दिनों तक नहीं रहा। इसके बाद पार्थियन और फ़िर सासानी शासकों ने फ़ारस में केन्द्रित अपने साम्राज्यों का हिस्सा इसे बना लिया। सासनी वंश इस्लाम के आगमन से पूर्व का आखिरी ईरानी वंश था। अरबों ने ख़ुरासान पर सन् ७०७ में अधिकार कर लिया। सामानी वंश, जो फ़ारसी मूल के पर सुन्नी थे, ने ९८७ इस्वी में अपना शासन गजनवियों को खो दिया जिसके फलस्वरूप लगभग संपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान ग़ज़नवियों के हाथों आ गया। ग़ोर के शासकों ने गज़नी पर ११८३ में अधिकार कर लिया।

मध्यकाल में कई अफ़्गान शासकों ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया या करने का प्रयत्न किया जिनमें लोदी वंश का नाम प्रमुख है। अफगानिस्तान पर सिख साम्राज्य के प्रतापी राजा दिलीप सिंह का कई वर्षों तक अधिकार रहा l अफगान से मिलकर बाबर, नादिर शाह तथा अहमद शाह अब्दाली ने दिल्ली पर आक्रमण किए अफ़ग़ानिस्तान के कुछ क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के अंग थे।

आधुनिक काल[स्रोत सम्पादित करें]

उन्नीसवीं सदी में आंग्ल-अफ़ग़ान युद्धों के कारण अफ़ग़ानिस्तान का काफी हिस्सा ब्रिटिश इंडिया के अधीन हो गया जिसके बाद अफ़ग़ानिस्तान में यूरोपीय प्रभाव बढ़ता गया। १९१९ में अफ़ग़ानिस्तान ने विदेशी ताकतों से एक बार फिर स्वतंत्रता पाई। आधुनिक काल में १९३३-१९७३ के बीच का काल अफ़ग़ानिस्तान का सबसे अधिक व्यवस्थित काल रहा जब ज़ाहिर शाह का शासन था। पर पहले उसके जीजा तथा बाद में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्तापलट के कारण देश में फिर से अस्थिरता आ गई। सोवियत सेना ने कम्युनिस्ट पार्टी के सहयोग के लिए देश में कदम रखा और मुजाहिदीन ने सोवियत सेनाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और बाद में अमेरिका तथा पाकिस्तान के सहयोग से सोवियतों को वापस जाना पड़ा। ११ सितम्बर २००१ के हमले में मुजाहिदीन का हाथ होने की खबर के बाद अमेरिका ने देश के अधिकांश हिस्से पर सत्तारुढ़ मुजाहिदीन (तालिबान), जिसको कभी अमेरिका ने सोवियत सेनाओं के खिलाफ लड़ने में हथियारों से सहयोग दिया था, के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

नाम की उत्पत्ति[स्रोत सम्पादित करें]

अफगानिस्तान नाम अफ्गान समुदाय की जगह के रूप में प्रयुक्त किया गया है, यह नाम सबसे पहले 10 वीं शताब्दी में हूदूद उल-आलम (विश्व की सीमाएं) नाम की भौगोलिक किताब में आया था इसके रचनाकार का नाम अज्ञात है' साल 2006 में पारित देश के संविधान में अफगानिस्तान के सभी नागरिकों को अफ्गान कहा गया है जो अफगानिस्तान के सभी नागरिक अफ्गान है'

वर्तमान[स्रोत सम्पादित करें]

वर्तमान में 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया। अमेरिका ने यह फैसला लिया था कि अफगानिस्तान से वह अपने सभी सैनिकों को अपने देश में लेकर आएगा। जैसे ही अमेरिकी सेना अपने देश लौट गई, तब तालिबान ने बहुत तेजी से पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। लेकिन वहा के लोग उनके खिलाफ आंदोलन( कारवाही) कर रहे हैं जिनमे पंजशीर के जूनियर मसूद अहमद और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह मुख्यत है तालिबान ने क़ाबुल पर कब्ज़ा जमाया हुआ है और बंदूक की नोक पर एक आतंकी सरकार का गठन किया जिससे वहा के लोगो मे दहशत का माहोल बना हुआ हैं खासकर महिलाओं मे क्योंकि उन्होंने तालिबान का पूर्व शासन देखा है जिसमे महिलाओं का कोई सम्मान नहीं था। फिलहाल अफगानिस्तान के उज्वल भविष्य पर दुख और अशांति के बादल मंडरा रहे है।

प्रशासनिक विभाग[स्रोत सम्पादित करें]

अफ़ग़ानिस्तान में कुल ३४ प्रशासनिक विभाग हैं। इनके नाम हैं -

  1. बदख़्शान
  2. बदगीश
  3. बाग़लान
  4. बाल्क़
  5. बमयन
  6. दायकुंडी
  7. फ़राह
  8. फ़रयब
  9. ग़ज़नी
  10. ग़ोर
  11. हेलमंद
  12. हेरात
  13. ज़ोजान
  14. क़ाबुल
  15. कांदहार (कांधार)
  16. क़पिसा
  17. ख़ोस्त
  18. कोनार
  19. कुन्दूज
  20. लगमान
  21. लोगर
  22. नांगरहर
  23. निमरूज़
  24. नूरेस्तान
  25. ओरुज़्ग़ान
  26. पक़्तिया
  27. पक़्तिका
  28. पंजशिर
  29. परवान
  30. समंगान
  31. सरे पोल
  32. तक़ार
  33. वारदाक़
  34. ज़बोल

भूगोल[स्रोत सम्पादित करें]

अफ़गानिस्तान का उत्थान स्वरूप

अफ़ग़ानिस्तान चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगती है। इसे डूरण्ड रेखा भी कहते हैं। केन्द्रीय तथा उत्तरपूर्व की दिशा में पर्वतमालाएँ हैं जो उत्तरपूर्व में ताजिकिस्तान स्थित हिन्दूकुश पर्वतों का विस्तार हैं। अक्सर तापमान का दैनिक अन्तरण अधिक होता है। 1934 में लीग आफ नेशन का सदस्य हुआ 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुआ

यह भी देखिए[स्रोत सम्पादित करें]

  • अफ़ग़ानिस्तान के युद्ध
  • अफ़्गानिस्तान के नगरो की सूची
  • ग़ की ध्वनी

सन्दर्भ[स्रोत सम्पादित करें]

  1. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अफगानिस्तान
  2. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय अफगानिस्तान, 2020.
  3. "अफगानिस्तान". अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष. अभिगमन तिथि 17 अगस्त 2021.
  4. "गिनी इंडेक्स". विश्व बैंक. मूल से 11 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अगस्त 2021.
  5. Human Development Report 2020 The Next Frontier: Human Development and the Anthropocene (हिन्दी:मानव विकास रिपोर्ट 2020 अगला फ्रंटियर: मानव विकास और मानववंशी) (PDF) (अँग्रेजी में). संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम. 15 दिसंबर 2020. पपृ॰ 343–346. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-92-1-126442-5. अभिगमन तिथि 17 अगस्त 2021.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)

बाहरी कड़ियाँ[स्रोत सम्पादित करें]

  • अफ़्गानिस्तान कभी आर्याना था (वेद प्रताप वैदिक)

अफगानिस्तान का अधिकारी भाषा क्या है?

भाषा नीति 1964 के अफगानिस्तान के संविधान द्वारा स्थापित दारी और पश्तो देश की आधिकारिक भाषाएं हैं। दारी अफगानिस्तान की आधिकारिक भाषाओं की सबसे व्यापक बोली जाने वाली भाषा है और देश के लिए लिंगुआ फ़्रैंका के रूप में कार्य करती है।

अफगानिस्तान का दूसरा नाम क्या है?

17वीं सदी तक अफगानिस्तान नाम का कोई राष्ट्र नहीं था। अफगानिस्तान नाम का विशेष-प्रचलन अहमद शाह दुर्रानी के शासन-काल (1747-1773) में ही हुआ। इसके पूर्व अफगानिस्तान को आर्याना, आर्यानुम्र वीजू, पख्तिया, खुरासान, पश्तूनख्वाह और रोह आदि नामों से पुकारा जाता था जिसमें गांधार, कम्बोज, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु आदि क्षेत्र थे।

अफगानिस्तान की राजधानी और भाषा क्या है?

अफगानिस्तान के पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। ... अफ़ग़ानिस्तान.

तालिबान की भाषा क्या है?

तालिबान पश्तो भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ज्ञानार्थी (छात्र)।

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