महाशिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए - mahaashivaraatri ke din kya karana chaahie


पं. दयानंद शास्त्री

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व रात्रि व्यापिनी होने पर विशेष फल मिलता हैं। फाल्गुन कॄष्ण पक्ष त्रयोदशी को देवाधिदेव महादेव को पूजने का यह परम पवित्र महापर्व महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा।

इस बार महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र का साक्षी सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग एवं त्रयोदशी प्रदोष का योग बना है, जो शिवभक्तों के लिए बेहद फलदायी होगा। यह संयोग अत्यंत दुर्लभ है। इस संयोग में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का पाठ करें। शिव विशेष वरदान देते हैं।

भगवान शिव को औघड़ और भोलेनाथ भी कहा जाता है, लेकिन शिव जितने भोले और आसानी से प्रसन्न होने वाले हैं, उनका गुस्सा भी उतना ही प्रलयंकारी है। कहते हैं कि जिस दिन शिव ने अपनी तीसरी आंख खोल दी, उसी दिन दुनिया का अंत निश्चित है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति वर्षभर कोई व्रत उपवास नहीं रखता है और वह मात्र महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है। शिवरात्रि पर 4 प्रहर की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। शिवरात्रि पर 4 प्रहर की पूजा से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती हैं।

महाशिवरात्रि पर इन 10 उपायों को आजमाएं

इसी दिन भगवान‌ शिव अर्द्धरात्रि में ब्रह्माजी के अंश से लिंग रूप में प्रकट हुए थे। कई जगहों पर मान्यता है कि इसी दिन भोलेनाथ का गौरा माता से विवाह हुआ था। इस दिन विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ का पूजा-अर्चन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

*शिवरात्रि पर घर में पारद के शिवलिंग की स्थापना योग्य ब्राह्मण से सलाह कर स्थापना कर प्रतिदिन पूजन कर सकते हैं। इससे आमदनी बढ़ने के योग बनते हैं।

* शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

* पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।

* शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं व 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।

* शिवलिंग का 101 बार जलाभिषेक करें। साथ ही ॐ हौं जूं सः। ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मुक्षीय मामृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं हौं ॐ। मंत्र का जप करते रहें। इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।

*शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।

*शिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।

*शिवरात्रि पर भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं। तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है।

*अगर विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिलाकर दूध चढ़ाएं। जल्दी ही विवाह हो सकता है।

* मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें। इससे धन की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि पर क्या उपाय करना चाहिए?

यदि आप चाहें तो शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। घर के मंदिर में जल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से इस शिवलिंग को स्नान कराएं। ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। इस उपाय को करने से आपको नौकरी या व्‍यापार में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

महाशिवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए?

महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को कभी भी मांस, तंबाकू या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भोलेनाथ नाराज हो सकते है। 4. महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा करते समय शिवलिंग या मूर्ति पर कुमकुम, हल्दी या नारियल का पानी ना चढ़ाएं।

महाशिवरात्रि में पूजा कैसे की जाती है?

भगवान शिव का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर-स्नान कराएं। - इसके बाद भगवान का एक साथ पंचामृत स्नान कराएं। फिर सुगंध-स्नान कराएं फिर शुद्ध स्नान कराएं। अब भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं।

शिवरात्रि का व्रत कब छोड़ा जाता है?

माना जाता है कि महाशिवरात्रि के व्रत की शुरुआत त्रयोदशी से ही हो जाती है और इसी दिन से लोगों को शुद्ध सात्विक आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। कुछ लोग तो इसी दिन से व्रत का आरंभ कर देते हैं। इसके बाद चतुर्दशी तिथि को पूजा करके व्रत करने का संकल्‍प लेते हैं।

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