महासागरीय नितल पर मिलने वाले अवसादों के आवरण को महासागरीय निक्षेप कहते हैं। ये अवसाद अघन रूप में महासागरीय तली पर जमे रहते हैं। इन अवसादों की प्राप्ति चट्टानों पर निरन्तर क्रियाशील प्रक्रमों के कारण उनके अपक्षय व अपरदन से प्राप्त होने वाले अवसादों तथा महारागरीय जीवों तथा वनस्पतियों के अपशेषों से निर्मित एवं विकसित होती हैं। इन अवसादों को प्राप्ति के आधार पर दो भागों में बांटा जा सकता है:- 1- स्थलजात निक्षेप, 2- सागरीय निक्षेप,
1- स्थलजात निक्षेप:- ये निक्षेप धरातल से नदियों, वायु, हिमानी आदि के अनाच्छादन एवं अपरदन द्वारा महासागरों में एकत्रित किये जाते हैं। बजरी, रेत, सिल्ट, मृतिका, पंक आदि प्रमुख स्थलजात निक्षेप हैं। 2- सागरीय निक्षेप:- इसे मुख्यत: दो भागों में बांटा जा सकता है- ¡- जैविक निक्षेप, ¡¡- अजैविक निक्षेप,
ये महासागरीय बेसिन के सबसे नीचे भाग हैं और इनकी तली औसत महासागरीय नितल के काफी नीचे मिलती हैं। इनकी स्थिति सर्वत्र न मिलकर यत्र-तत्र बिखरे हुए रूप में मिलती हैं। वास्तव में ये महासागरीय नितल पर स्थित तीव्र ढाल वाले लम्बे, पतले तथा गहरे अवनमन के क्षेत्र हैं। इनकी उतपत्ति महासागरीय तली में प्रथ्वी के क्रस्ट के वलन एवं भ्रंशन के परिणामस्वरूप मानी जाती हैं। अर्थात इनकी उतपत्ति विवर्तनिक क्रियाओं से हुई हैं।
विश्व के प्रमुख महासागरीय गर्त[संपादित करें]
- मेरियाना गर्त
- आटाकामा गर्त
- टोंगा गर्त
- फिलीपींस गर्त
- टासकरोरा गर्त
- प्यूर्टोरिका गर्त
- रोमशे गर्त
- सुण्डा गर्त
विषयसूची
महासागरीय को कितने भागों में विभाजित किया गया?
इसे सुनेंरोकें➲ महासागरीय तल को तीन भागों में विभाजित किया जाता है… महाद्वीपीय सीमा : महाद्वीपीय सीमा किनारों और गहरे समुद्री बेसिन के बीच के भाग होते हैं। इन महादीपीय सीमा में महाद्वीपीय मग्नतट, महाद्वीपीय ढाल, महाद्वीपीय उभार और गहरी महासागरीय खाइयां आदि आती हैं।
अटलांटिक महासागर को अंध महासागर क्यों कहा जाता है?
इसे सुनेंरोकेंअन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है।
कौन सी नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ती है?
इसे सुनेंरोकेंसमंदर के रास्ते होने वाले अंतरराष्ट्रीय कारोबार एक बड़ा हिस्सा पनामा नहर से होकर गुजरता है. ये नहर प्रशांत महासागर को अटलांटिक महासागर से जोड़ती है.
कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
Step by step video & image solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 10 exams….वृहदान्त्र को कितने भागों में विभेदित किया जा सकता है?
Subject | Biology (more Questions) |
Class | 10th |
Type of Answer | Video & Image |
S आकार का महासागरीय कटक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर मध्य अटलाण्टिक कटक है। ‘S’ के आकार का महासागरीय कटक मध्य अटलांटिक कटक है।
पनामा नहर को कौन सा देश जोड़ता है?
इसे सुनेंरोकेंदरअसल, हम बात कर रहे हैं पनामा नहर की, जो मध्य अमेरिका के पनामा में स्थित है। यह नहर प्रशांत महासागर और (कैरेबियन सागर होकर) अटलांटिक महासागर को जोड़ती है। 82 किलोमीटर लंबी यह नहर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख जलमार्गों में से एक है, जहां से हर साल 15 हजार से भी अधिक छोटे-बड़े जहाज गुजरते हैं।
कौन से दो शहर स्वेज नहर से जुड़े हैं?
इसे सुनेंरोकेंस्वेज नहर बन जाने से यूरोप एवं सुदूर पूर्व के देशों के मध्य दूरी बहुत घट गयी है। जैसे की लिवरपूल से मुम्बई आने में 7,250 किमी तथा हांगकांग पहुँचने मे 4,500 किमी; न्यूयार्क से मुम्बई पहुँचने मे 4,500 किमी की दूरी कम हो जाती है। इस नहर के कारण ही भारत तथा यूरोपीय देशों के बीच व्यापारिक सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए हैं।
व्यवसाय के बाएं वातावरण को कितने भागों में विभक्त किया गया है?
इसे सुनेंरोकेंबाहरी कारोबारी माहौल को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, यानी सूक्ष्म पर्यावरण और मैक्रो पर्यावरण। पहला किसी विशेष व्यवसाय के कामकाज को प्रभावित करता है जिससे वे संबंधित हैं, जबकि बाद वाला अर्थव्यवस्था में संचालित सभी व्यावसायिक संस्थाओं के कामकाज को प्रभावित करता है।
- महासागर प्रथम श्रेणी के उच्चावच है। यह पृथ्वी के गहरे क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत है तथा इसमें पृथ्वी की विशाल जलराशि संचित है। महाद्वीपों के विपरीत महासागर एक-दूसरे से स्वाभाविक रूप में इतने करीब हैं कि उनका सीमांकन करना कठिन हो जाता है। फिर भी भूगोलविदों ने पृथ्वी के महासागरीय भाग को पांच महासागरों में विभाजित किया है।
- जिनके नाम हैं - प्रशांत, अटलांटिक, हिन्द, दक्षिणी एवं आर्कटिका।
- जिस प्रकार स्थलीय भाग पर पर्वत, पठार व मैदान आदि पाए जाते हैं, उसी प्रकार महासागरीय नितल पर भी विभिन्न प्रकार की आकृतियां पाई जाती है।
महासागरीय नितल अथवा अधस्तल को चार प्रमुख भागों में बांटा जा सकता है -
- क. महाद्वीपीय मग्नतल
- ख. महाद्वीपीय मग्नढाल
- ग. गहरे समुद्री मैदान
- घ. महासागरीय गर्त
महाद्वीपीय मग्नतट -
- यह महासागर का सबसे उथला भाग होता है जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है।
- महाद्वीपीय मग्नतटों की चौड़ाई में एक महासागर से दूसरे महासागर के बीच भिन्नता पाई जाती है।
- यहां पर अवसादों की मोटाई भी अलग-अलग होती है।
- यहां लम्बे समय तक प्राप्त स्थूल तलछट अवसाद जीवाश्मी ईंधनों के स्रोत बनते हैं।
- समुद्र में जो भी प्राकृतिक गैसों एवं पेट्रोलियम के भंडार पाए गए हैं, उन सबका संबंध महाद्वीपीय मग्नतट से ही है।
- यह महासागरीय नितल के 8.6 प्रतिशत भाग पर फैले हैं।
महाद्वीपीय मग्नढाल -
- मग्नतट तथा सागरीय मैदान के बीच तीव्र ढाल वाले मंडल को ‘महाद्वीपीय मग्नढाल’ कहते हैं।
- इसकी ढाल प्रवणता मग्नतट के मोड़ के पास से सामान्यतः 40 से अधिक होती है।
- मग्नढाल पर जल की गहराई 200 मीटर से 3000 मीटर के बीच होती है।
- मग्नढाल समस्त सागरीय क्षेत्रफल के 8.5 प्रतिशत पर फैला है।
- मग्नढालों पर सागरीय निक्षेप का अभाव पाया जाता है।
गहरे समुद्री मैदान
- गहरे समुद्री मैदान महासागरीय बेसिनों के मंद ढाल वाले क्षेत्र होते हैं।
- इनकी गहराई 3000 से 6000 मीटर तक होती है।
- समस्त महासागरीय क्षेत्रफल के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पर इनका विस्तार पाया जाता है। उल्लेखनीय है कि इनका विस्तार भिन्न-भिन्न महासागरों में भिन्न-भिन्न है।
- प्रशांत महासागर में इनका सर्वाधिक विस्तार है।
- ये मैदान महीन कणों वाले अवसादों जैसे मृत्तिका एवं गाद से ढके होते हैं।
महासागरीय गर्त
- ये महासागर के सबसे गहरे भाग होते हैं।
- ये महासागरीय नितल के लगभग 7 प्रतिशत भाग पर फैले हैं।
- आकार की दृष्टि से महासागरीय गर्तों को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
- लंबे गर्त को ‘खाई’ जबकि कम क्षेत्रफल वाले किंतु अधिक गहरे गर्त को ‘गर्त’ कहते हैं।
- विश्व का सबसे गहरा गर्त मेरियाना गर्त है जो प्रशांत महासागर में अवस्थित है।
विश्व की 10 सर्वाधिक गहरे गर्त
गर्त | सागर | अधिकतम गहराई |
मेरियाना | प्रशांत | 11,033 मीटर |
टोंगा | प्रशांत | 10, 882 मीटर |
फिलीपींस | प्रशांत | 10545 मीटर |
कुरिल-कमचटका | प्रशांत | 10,542 मीटर |
कर्माडेक | प्रशांत | 10047 मीटर |
इजू-बोनिन | प्रशांत | 9810 मीटर |
जापान | प्रशांत | 9504 मीटर |
प्यूर्टो रिको | अटलांटिक | 8800 मीटर |
दक्षिण सैंडविच | अटलांटिक | 8428 मीटर |
अटाकामा | प्रशांत | 8065 मीटर |
- उपर्युक्त महासागरीय नितल के प्रमुख उच्चावचों के अतिरिक्त कुछ लघु परंतु अत्यधिक महत्त्वपूर्ण आकृतियां महासागरों के विभिन्न भागों में प्रमुखता से पाई जाती है।
मध्य महासागरीय कटक
- मध्य महासागरीय कटक नीवन बेसाल्ट चट्टानों की एक पर्वतीय श्रृंखला के समान है या फिर यह कह सकते हैं कि ये अंतर्जलीय पर्वत तंत्र के समान हैं जिसमें विविध पर्वत श्रेणियां एवं घाटियां पाई जाती है।
- मध्य अटलांटिक कटक सबसे लंबा महासागरीय कटक है जो उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप तक अंग्रेजी के ‘S’ अक्षर के आकार में विस्तारित है।
महासागर एवं उनमें अवस्थित कुछ प्रमुख कटक
- अटलांटिक महासागर - डॉल्फिन कटक, विविल थामसन कटक, टेलीग्राफ पठार, चैलेंजर उभार, रियो ग्रांडे कटक आदि।
- हिंद महासागर - एम्सटर्डम सेंटपाल कटक, चागोस कटक, सेशल्स कटक 900 पूर्वी कटक आदि।
- प्रशांत महासागर - जुआन डे फ्यूका कटक, अल्बाट्रॉस कटक, चिली कटक, न्यूजीलैंड कटक, क्वींसलैंड कटक आदि।
प्रवाल द्वीप
- ये मुख्यतः उष्ण कटिबंधीय महासागरों में पाए जाने वाले प्रवाल भित्तियों द्वारा निर्मित छोटे आकार के द्वीप होते हैं।
- ये गहरे अवनमन को चारो ओर से घेरे रहते हैं।
- भारत का लक्षद्वीप प्रवाल द्वीप का सुंदर उदाहरण हैं
समुद्री टीला
- नुकीले शिखरों वाला एक पर्वत जो समुद्री तली से ऊपर की ओर उठता है परंतु महासागरों के सतह तक नहीं पहुंचता है, समुद्री टीला कहलाता है।
- ये ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित होते है।
- प्रशांत महासागर स्थित एम्परर समुद्री टीला जो हवाईयन द्वीप का विस्तार है, इसका एक अच्छा उदाहरण है।
अंतःसागरीय कन्दरा
- महाद्वीपीय मग्नतट तथा मग्नढाल पर संकरी गहरी तथा खड़ी दीवार वाली घाटियों को महासागर के अंदर होन के कारण ‘अंतःसागरीय कन्दरा’ अथवा ‘कैनियन’ कहते है।
- हडसन कैनियन विश्व का सबसे चर्चित अंतःसागरीय कैनियन है जबकि स्थल भाग पर सबसे चर्चित कैनियन कोलोराडो नदी द्वारा निर्मित ग्रैंड कैनियन है।
निमग्न द्वीप
- यह चपटे शिखर वाले एक प्रकार के समुद्री टीले ही होते हैं।
- इनका निर्माण भी ज्वालामुखी क्रिया के परिणामस्वरूप ही होता है।
- अधिकांश निमग्न द्वीप प्रशांत महासागर में पाए जाते हैं।