मुंह में इन्फेक्शन होने पर कौन सी गोली लेनी चाहिए? - munh mein inphekshan hone par kaun see golee lenee chaahie?

मौसम का बदलाव गले में खराश की वजह बन सकता है। लेकिन, कुछ लोगों को यह समस्या हमेशा बनी रहती है। इस स्थिति में रोगी को कुछ भी खाने-पीने या निगलने में गले में तेज दर्द होता है। कुछ लोगों को गुनगुने पानी और नमक का गरारा करने से लाभ हो जाता है जबकि, बहुत से लोगों को कुछ देर के लिए आराम होता है और बाद में उनके गले में दोबारा से खराश हो जाता है। इस दर्द भरी विकट परिस्थिति से निकलने के लिए कुछ खास किस्म की दवाइयाँ हैं आइये जानते हैं उनके बारे में।

Table of Contents

  • गले में खराश के कारण – What are the Causes of Sore Throat in Hindi
  • गले में खराश के लक्षण – What are the Symptoms of Sore Throat in Hindi
  • गले में खराश की दवा – Sore Throat Medicines in Hindi
    • 1. स्ट्रेप्सिल्स (strepsils)
    • 2. कोफ़्लेट SF लोज़ेंज (koflet SF lounzes)
  • गले में खराश से तुरंत राहत पाने की घरेलू दवा – Home medicines for sore Throat in Hindi
    • गरारे करें
    • गरम पानी पिएं
    • नींबू पानी
    • अदरक का सूप
    • गले की सिकाई करें
  • गले में खराश होने में परहेज 
  • डॉक्टर के पास जाएं-

गले में खराश के कारण – What are the Causes of Sore Throat in Hindi

गले में खराश होने के बहुत से कारण हो सकते हैं:

  • सर्दी, ठंडी या कोई अन्य वायरल इन्फेक्शन
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन
  • एलर्जी
  • शुष्क हवा
  • धूम्रपान या प्रदूषित हवा
  • गले में किसी प्रकार की चोट
  • खाने की नली में भोजन ऊपर लौटना
  • गले या जीभ में ट्यूमर हालांकि, यह लक्षण बहुत कम देखने को मिलता है

गले में खराश के लक्षण – What are the Symptoms of Sore Throat in Hindi

जब कोई व्यक्ति गले की खराश से पीड़ित होता है तो उसे नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं-

  • गले में तेज जलन
  • सूखी कर्कश आवाज
  • गले में खिंचाव महसूस होना
  • गले में सूजन और कोमलता

पढ़ें- गले में खराश के घरेलू नुस्खे

अन्य लक्षण:

  • कफ
  • बहती नाक
  • छींक
  • भूख में कमी
  • गले में सूजन
  • बंद नाक

गले में खराश की दवा – Sore Throat Medicines in Hindi

1. स्ट्रेप्सिल्स (strepsils)

गले के खराश को रोककर दर्द को कम करने के लिए Strepsisls बहुत फायदेमंद है। यह गले में मौजूद जीवाणु और कीटाणु को मारता है और उनकी बढ़त को रोकता है। इस दवा का स्वाद मीठा होता है जिससे इसे चूसने में कोई परेशानी नहीं होती है। एक गोली लगभग 2 घंटे तक राहत दे सकती है।

पढ़ें- गले में कुछ अटक गया है, जाने इलाज

स्ट्रेप्सिल्स के कई फ्लेवर हैं जो स्वाद में जायका लगाने का काम करते हैं। यह ऑरेंज, हनी एंड लेमन, लेमन शुगर फ्री, वार्म जिंजर, कूल, और शोर थ्रोट एंड ब्लॉक्ड नोज फ्लेवर में उपलब्ध है।

अगर आपके गले में तेज दर्द हो रहा है तो इसके दो फ्लेवर और हैं- 1) एक्स्ट्रा ब्लैकरंट 2)इंटेंसिव हनी एंड लेमन

2. कोफ़्लेट SF लोज़ेंज (koflet SF lounzes)

कोफ़्लेट SF लोज़ेंज हिमालया द्वारा निर्मित एक प्रकार का टेबलेट है। यह एक शुगर फ्री मीठी गोली है जो गले के जीवाणुओं और कीटाणुओं से लड़कर गले की खराश को दूर करती है। इसके चार फ्लेवर हैं- 

  • लेमन लाइम
  • ऑरेंज
  • बेसिल हनी
  • जिंजर मिंट

गले में खराश से तुरंत राहत पाने की घरेलू दवा – Home medicines for sore Throat in Hindi

गरारे करें

गले की खराश को तुरंत दूर करने के लिए नमक पानी से गरारे करना एक बहुत ही अच्छी घरेलू दवा है। इसके लिए एक चम्मच नमक को एक गिलास पानी में मिलाकर गुनगुना करें और उससे गरारे करें। इससे गले का दर्द और खराश दूर होगा साथ ही अगर आपको गला गड़ने की समस्या है तो उससे भी राहत मिलेगी।

पढ़ें- गले में इन्फेक्शन का इलाज

गरम पानी पिएं

अगर आप ठंडा पानी की जगह गरम पानी पीते हैं तो आपको खराश की दवा, टेबलेट या सिरप को पीने की जरूरत नहीं होगी। गर्म पानी पीने से गले की खिचखिच दूर होती है और दर्द से आराम मिलता है। अगर आप पानी में शहद मिला लेते हैं तो लाभ दोगुना हो जाएगा और वजन कम करने में भी मदद मिलेगी।

नींबू पानी

नींबू पानी की गिनती भारत के प्रसिद्ध पेय में होती है। इसमें मौजूद विटामिन सी मुंह में लार के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे गले की नमीं बनी रहती है और गले में खराश का दर्द दूर होता है।

अदरक का सूप

अदरक में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण गले के खराश को दूर करता है और दर्द से राहत दिलाता है। यदि आप अदरक का सूप नहीं बना पाते हैं तो कोई बात नहीं आप अदरक की चाय को दवा के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक की चाय बनाने के लिए अदरक को बारीक काट लें और एक कप पानी में दो चम्मच अदरक डालकर पानी को अच्छी तरह से उबालें और जब चाय गुनगुनी हो जाए तब उसे पी लें। फ्लेवर के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू डाल सकते हैं।

गले की सिकाई करें

सिकाई से गले का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। सिकाई गले की ग्रंथियों को आराम देता है और खराश से राहत मिलती है। गले की आंतरिक सिकाई के लिए आप गर्म पानी पिएं और बाहरी सिकाई के लिए पोटली का इस्तेमाल करें।

गले में खराश होने में परहेज 

  • तले-भुने और मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • ब्रेड और अचार का सेवन न करें।
  • स्मोकिंग से दूरी बनाए।
  • शराब न पिएं।

डॉक्टर के पास जाएं-

अगर आपके गले की खराश लगातार बढ़ती जा रही है तो आपको घर बैठकर इलाज करने के बजाय किसी अच्छे ENT डॉक्टर की क्लीनिक में जाएं और अपने गले की जाँच कराए। कई बार टॉन्सिल्स या गले में इन्फेक्शन होने की वजह से भी गले में खराश हो सकता है। इन्फेक्शन फैलने से तकलीफ और अधिक हो जाती है।

अगर आपके गले में भी खराश है तो आप Pristyn Care के ENT डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं। इसके लिए आप हमारे Pristyn Care ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

मुंह में इन्फेक्शन हो तो क्या करना चाहिए?

इस रोग के उपचार के लिए रसोई के कुछ उपायों में शामिल है: साल्ट-वाटर से मुँह को गार्गल करना और बिना मीठा दही खाना, जो ओरल कैविटी में अच्छे माइक्रो-ऑर्गनिज़्म्स की संख्या को बढ़ाता है। ओरल थ्रश से पीड़ित रोगियों को सलाह दी जाती है कि इस रोग से प्रभावित होने पर माउथवॉश और स्प्रे का उपयोग न करें।

गाल में इन्फेक्शन कैसे होता है?

गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से होता है। बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित होने के बाद गले में जलन, दर्द, सूजन, बुखार और खांसी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। अगर ये तकलीफें वायरस अटैक (Virus Attack) की वजह से हो रही है तो अपने आप ही ठीक हो जाती है।

इन्फेक्शन की दवाई क्या है?

हल्दी का उपयोग ना केवल व्यंजनों में किया जाता है। बल्कि इसका उपयोग घाव को भरने में भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसके अंदर एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो कई बैक्टीरियल संक्रमण से ना केवल राहत दिला सकते हैं। बल्कि यह इंफेक्शन को फैलने से भी रोक सकती है।

इंफेक्शन में कौन सी दवा लेनी चाहिए?

टेर्बिनाफ़िन का उपयोग आमतौर पर नाखून के संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है जो आमतौर पर टिनिया प्रकार के कवक के कारण उत्पन्न होता हैं। फ्लुकोनाज़ोल का उपयोग आमतौर पर योनि थ्रश का उपचार करने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग एंटीफंगल क्रीम के विकल्प के रूप में किया जाता है।

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