लेखक ने फादर बुल्के को मानवीय करुणा की चमक क्यों कहा है? - lekhak ne phaadar bulke ko maanaveey karuna kee chamak kyon kaha hai?

लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?

फ़ादर बुल्के मानवीय करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था जो कि उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता था। विपत्ति की घड़ी में वे सांत्वना के दो बोल द्वारा किसी भी मनुष्य का धीरज बाँधते थे। स्वयं लेखक की पत्नि तथा पुत्र की मृत्यु पर फ़ादर बुल्के ने उन्हें सांत्वना दी थी। किसी भी मानव का दु:ख उनसे देखा नहीं जाता था। उसके कष्ट दूर करने के लिए वे यथाशक्ति प्रयास करते थे।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

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लेखक ने फ़ादर कामिल बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक क्यों कहा है स्पष्ट कीजिए?

उत्तर: लेखक ने फादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक इसलिए कहा है क्योंकि उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था और वे लोगों को अपने शुभ आशीशों से भर देते थे। वे जिससे भी एक बार मिल लेते थे, सुख दुख में हमेशा उनके साथ रहते थे। किसी भी मानव का दुख उनसे देखा नहीं जाता था और उसका कष्ट दूर करने के लिए पूरा प्रयत्न करते थे।

मानवीय करुणा की दिव्य चमक क्या है?

लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है? लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करूणा के दिव्य चमक' इसलिए कहा है क्योंकि फ़ादर के हृदय में मानव मात्र के प्रति करूणा की असीम भावना विद्दमान थी। उनके मन में अपने हर एक प्रियजन के लिए ममता और अपनत्व का भावना उमड़ता रहता था।

मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं?

1 Answer. 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' नामक पाठ के माध्यम से हमें फ़ादर जैसे 'मानवीय करुणा के सागर' बुल्के की तरह करुणा एवं सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने का संदेश मिलता है, वहीं यह भी संदेश मिलता है कि हमें अपनी मातृभूमि से असीम प्यार करना चाहिए।

लेखक ने फादर कामिल बुल्के को क्या कहकर संबोधित किया है *?

Solution : लेखक ने फादर कामिल बुल्के को मानवीय करणा को दिव्य चमक कहा है । फादर के मन में सब परिचितों के प्रति सद्भावना और ममता थी। वे सबके प्रति वात्सल्य भाव रखते थे। ये तरल हृदय थे।

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