लेखिका की मां की दो विशेषताएं कौन सी थी ललखखए? - lekhika kee maan kee do visheshataen kaun see thee lalakhakhe?

लेखिका की माँ परम्परा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में -
लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए ।

1. लेखिका की माँ दुबली-पतली, नाजुक, सुंदर और स्वतंत्र विचारों की महिला थीं। 
2. लेखिका की माँ गोपनीय बातों को प्रकट न करना, सत्यवादी, ईमानदार, आज़ादी के प्रति जूनूनवाली महिला थी।
3. वे हमेशा खद्दर की साडी पहनती थी। वे आजीवन गाँधीजी के सिधान्तों का पालन करती रही।

4. उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावी था की ठोस कामों में न केवल उनकी राय ली जाती बल्कि उसका शत प्रतिशत पालन भी किया जाता था।
5. लेखिका की माँ आम भारतीय महिलाओं की तरह बच्चे संभालना, घर गृहस्थी और खाना पकाने तक अपने आप को सिमित नहीं रखना चाहती।

424 Views

लेखिका की माँ परम्परा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में -
लेखिका की दादी के घर के महौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।

लेखिका की दादी के घर का माहौल उस समयानुसार काफ़ी अलग था। लेखिका की दादी के घर में कुछ लोग जहाँ अंग्रेज़ियत के दीवाने थे, वहीं कुछ लोग भारतीय नेताओं के मुरीद भी थे। घर में बहुमति होने के बाद भी एकता का बोलबाला था। घर में किसी प्रकार की संकीर्णता नहीं थी। सभी लोग अपनी-अपनी स्वतंत्रता एवं निजता बनाए रख सकते थे। घर के बच्चों के पालन-पोषण में घर के सभी लोग जिम्मेदार थे। कोई भी सदस्य अपने विचार किसी पर थोप नहीं सकता था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि घर का माहौल अमन-चैन से भरपूर और सुखद था।

420 Views

आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी?

लेखिका की दादी स्वतंत्र, साहसी, तथा एक सामान्य महिला थीं। उनके मन में लड़का - लड़की का भेद नहीं था। पीढ़ियों से परिवार में किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था। प्राय: सभी लोग लड़के की कामना करते थे । दादीजी को ये भेदभाव शायद चुभता होगा और परिवार में किसी कन्या का न होना, उनके मन को बेचैन करता होगा। शायद इन्हीं कारणों की वजह से परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी। उस समय लड़की की चाह रखना मेरे अनुसार उनके साहस और लीक से हटकर सोचना था।

641 Views

लेखिका की नानी आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?

लेखिका की नानी की वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं रही पर उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को मन-ही-मन पनपने दिया। उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं। जबकि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे, फिर भी नानी ने कभी अंग्रेजों की जीवन शैली को अपनाया नहीं । नानी ने अपनी बेटी की शादी क्रांतिकारी से करने की इच्छा व्यक्त की जिससे उनके देश प्रेम की भावना का ही पता चलता है । उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि अपने बच्चों को इस विवाह की घटना से अँग्रेज-भक्तों से मुक्त करा लिया और देश के क्रांतिकारियों को भी बड़ी प्रेरणा प्रदान की । इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से लेखिका की नानी की स्वतंत्रता आन्दोलन में भागी दारी रही है।

521 Views

लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?

लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे निम्न कारणों से प्रभावित थीं -
1. लेखिका की नानी अपनी बेटी का विवाह एक क्रांतिकारी से करने की इच्छुक थी इसलिए नानी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी । उस भेंट में उन्होंने यह इच्छा प्रकट की थी कि वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती है। इस घटना से उनका देश के प्रति अटूट प्रेम पता चलता है ।
2. जीवन-भर परदे में रहकर भी उन्होंने किसी पर-पुरुष से मिलने की हिम्मत की। इससे उनके साहसी व्यक्तित्व और मन में सुलगती स्वतंत्रता की भावना का पता चला।
3. लेखिका की नानी भले अनपढ़, पुराने ढंग और हमेशा परदे में रहने वाली महिला रहीं हो परन्तु अपनी निजी जिंदगी में वे आजाद विचारों वाली महिला थीं।

649 Views

लेखिका की मां की विशेषताएं कौन सी थी?

लेखिका की माँ दुबली-पतली, नाजुक, सुंदर और स्वतंत्र विचारों की महिला थीं। 2. लेखिका की माँ गोपनीय बातों को प्रकट न करना, सत्यवादी, ईमानदार, आज़ादी के प्रति जूनूनवाली महिला थी

माँ की विशेषता क्या थी?

(क) (1) उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे एक ईमानदार स्त्री थीं। वे कभी झूठ नहीं बोलती थीं फिर चाहे कितना कड़वा सच ही क्यों न हो। ये उनके चरित्र की बड़ी विशेषता थी। यही कारण है कि घर के सभी लोग उनका आदर करते थे।

लेखिका की माँ का सबसे अच्छा गुण कौन सा है?

लेखिका की माँ खादी की साड़ी पहनने वाली आजीवन गाँधी जी के सिद्धांतों का पालन करती रहीं।.
उसकी माँ में खूबसूरती, नज़ाकत, ईमानदारी और निष्पक्षता का संगम था। ... .
उनमें आज़ादी के प्रति जुनून तथा लगाव था।.
वे हमेशा किसी की गोपनीय बात को गोपनीय ही रखती थीं तथा किसी के सामने प्रकट नहीं करती थीं।.

लेखिका की मां के बारे में कौन सा कथन सत्य है?

उत्तर: लेखिका की माँ की दो विशेषताएँ थीं। एक तो वे हमेशा सच बोलती थीं। इसलिए घर के सभी लोग उनका सम्मान करते थे। दूसरी कि वो कभी भी इधर की बात उधर नहीं करती थीं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग