Answer in Brief
लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।
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Solution
लक्ष्मण - हे मुनि! बचपन में हमने खेल-खेल में ऐसे बहुत से धनुष तोड़े हैं तब तो आप कभी क्रोधित नहीं हुए थे। फिर इस धनुष के टूटने पर इतना क्रोध क्यों कर रहे हैं?
परशुराम - अरे, राजपुत्र! तू काल के वश में आकर ऐसा बोल रहा है। यह शिव जी का धनुष है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)
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Chapter 2: तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद - प्रश्न-अभ्यास [Page 15]
Q 3Q 2Q 4
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2
Chapter 2 तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
प्रश्न-अभ्यास | Q 3 | Page 15
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लक्ष्मण परशुराम संवाद में कौन सी शैली प्रयुक्त हुई है?
इसमें दोहा, छंद, चौपाई का अच्छा प्रयोग किया है।
राम लक्ष्मण परशुराम संवाद से आपको क्या संदेश प्राप्त होता है?
'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' नामक पाठ में निहित संदेश यह है कि हमें क्रोध करने से बचना चाहिए। यह हमारे बुधि विवेक का नाश कर देता है। क्रोधी व्यक्ति ऐसे कार्य करता है जिससे वह उपहास का पात्र बन जाता है। हमें सदैव विनम्र, शांत एवं कोमल व्यवहार करना चाहिए।
लक्ष्मण परशुराम संवाद में मुख्य रस क्या है?
वीर रस का प्रयोग है।
राम और परशुराम के बीच क्या बातें हुई लक्ष्मण परशुराम संवाद के आधार पर लिखिए?
उत्तर:- राम स्वभाव से कोमल और विनयी हैं। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने स्वयं को उनका दास कहकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया एवं उनसे विनम्रता से बात की।