क्या व्रत में मूंगफली खा सकते हैं? - kya vrat mein moongaphalee kha sakate hain?

हमारे वैदिक रीति रिवाजो में व्रत का बड़ा ही महत्व है। यह पुरातन काल से चली आ रही परम्परा है। जिसका आज भी लोग निर्वहन लोगों द्वार किया जाता है। हमरे सनातन धर्म में काई ऐसे व्रत बताए गये हैं जिनमें कुछ ग्रहण नहीं किया जाता जिन्हे निर्जला ब्रत कहते हैं। लेकिन कई ऐसे भी ब्रत हैं जिनको करने में कुछ ग्रहण किया जा सकता है। ऐसे में एक बात सामने आती है कि लोग व्रत में लोग मूगफली का उपयोग करते हैं। आइये जाने मूगफली में ऐसा क्या है और क्यों ब्रत में मूगफली का उपायोग किया जाता है।

क्या पाया जाता है मूंगफली में

अगर बात मूंगफली की हो रही है तो इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फैक्ट्स पाए जाते हैं जो शरीर के लिए अत्याधिक लाभप्रद है। व्रत के समय इसीलिए मूंगफली का उपयोग किया जाता है जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में शक्ति मिलती रहे।

व्रत के समय मूंगफली सेवन करने की पद्धति आज की नहीं वर्षों और सदियों पुरानी बताई जाती है। कई जगह ऐसे लेख मिले हैं जहां मूंगफली का सेवन ऋषि मुनि करते थे।

मूंगफली में मौजूद प्रोटीन की मात्रा

जानकारी के अनुसार 100 ग्राम मूंगफली में लगभग 25 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। जो हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी देता है। क्योंकि उपवास के समय हम किसी प्रकार की दालों का सेवन नहीं करते ऐसे में प्रोटीन की भरपाई के तौर पर हम मूंगफली का सेवन वैदिक धर्म के अनुसार कर सकते हैं।

द्विबीजपत्री कहलाता है मूंगफली

मूंगफली को द्विबीजपत्री अन्न मे शामिल किया गया है। मूंगफली को हाथ से तोड़ा जाए तो वह दो बराबर भागों में बटकर अलग हो जाती है। द्विबीजपत्री में चना, अरहर, मसूर और मटर को भी शामिल किया गया है। क्योंकि इनके एक दाने को तोड़ने पर दो बराबर भागों में बैठ जाती है।

व्रत में इन चीजों का भी किया जाता है सेवन

  1. आमतौर पर व्रत के समय लोग साबूदाना, शकरकंद, आलू का भी सेवन करते हैं इसका वैज्ञानिक कारण होता है इनमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
  2. व्रत में सिंघाड़ा और राजगिरी जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल किया गया है। इन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है।
  3. वही अगर लौकी का सेवन किया जाए कद्दू गाजर या अन्य फलों का सेवन करते हैं तो उस में विटामिंस और मिनरल्स भरपूर मात्रा में मिलते हैं।
  4. कई बार लोग व्रत के दौरान खाने में दूध या दही का भी उपयोग करते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फैट पाए जाते हैं। जो शरीर को व्रत के दौरान पर्याप्त एनर्जी देते हैं।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

फूड डेस्क। उपवास अगर सही नियम और तरीके से किए जाएं तो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। ​ एम्स नई दिल्ली की असिस्टेंट डाइटीशियन रेखा पाल शाह का कहना है कि कई लोग उपवास के नाम पर ऑयली, मीठा, फ्रूट्स, मेवे वगैरह सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा खा लेते हैं, इससे उपवास का फायदा मिलने के बजाय नुकसान हो सकता है। रेखा बता रही हैं खान-पान से जुड़ी ऐसी कुछ गलतियां जो लोग उपवास के दौरान करते हैं और इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है या फिर उपवास से मिलने वाला फायदा नहीं मिलता।  

1. एनर्जी बनाए रखने के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स वाली डाइट लें। फैटी चीजें कम खाएं। 

2. उपवास में फ्रूट, दूध, जूस जैसे फूड लें जिनसे दिन भर में बॉडी को जरूरी कैलोरी मिलती रहे। 

3. सिर्फ चाय या नींबू पानी पीकर व्रत न रहें। सॉलिड फूड भी लेना बहुत जरूरी है। 

4. उपवास में सिंघाड़े या कुट्टू के आटे की पुड़ी या पराठा के बजाय रोटी बनाकर खाना ज्यादा हेल्दी है। 

5. खाली पेट रहने से एसिडिटी बढ़ सकती है। इसलिए ज्यादा देर तक पेट खाली न रखें। 

6. खाली पेट खट्टे फल खाने से जलन हो सकती है। नींबू, संतरा, मौसम्बी के बजाय तरबूज, खीरा, एप्पल खाएं। 

7. एक बार ढेर सारा फलाहार करने के बजाय थोड़ी थोड़ी देर में फ्रूट सलाद या दही जैसी चीज लेना फायदेमंद है। 

8. नारियल पानी दिन में कई बार ले सकते हैं। इससे बॉडी के जरूरी न्यूट्रिएंट्स और इलेक्ट्रोलाइट्स भी मिलेंगे। 

9. उपवास में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इससे बॉडी हाइड्रेट रहेगी और अंदरूनी सफाई भी होगी। 

10. उपवास के दौरान मूंगफली, बादाम, अखरोट जैसे ड्रायफ्रूट्स खाने से पेट भरा रहेगा और एनर्जी भी मिलेगी। 

आगे की स्लाइड्स में जानिए उपवास के दौरान कौन सी गलतियां न करें...

(नहाते समय कौन से काम नहीं करने चाहिए, जानने के लिए क्लिक करें आखिरी स्लाइड पर)

मूंगफली, फल नहीं फसल है। मूंगफली की खेती होती है और मूंगफली का तेल निकलता है। किसी भी दृष्टि से इसकी प्रकृति फलों वाली नहीं है। फिर भी मूंगफली के दानों को उपवास में फलाहार में शामिल किया जाता है। सवाल यह है कि मूंगफली के दानों को फलाहार में क्यों शामिल किया जाता है। क्या हमारे पूर्वजों के पास ड्राई फ्रूट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए या फिर इसके पीछे कुछ और भी लॉजिक है। आइए कारण पता करते हैं:- 

Know your culture- व्रत एवं उपवास में दाल नहीं खाते इसलिए मूंगफली खाते हैं

मूँगफली को groundnut, peanut, monkey nut ,Pindar, Goober nut आदि कई नामों से जाना जाता है। मूंगफली, प्रोटीन और फैट्स का मुख्य स्रोत होती है। चूँकि हम व्रत में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट ही खा रहे होते हैं जैसे - साबूदाना, आलू, शकरकंद इन सब में में कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित होता है। राजगीर, सिंघाड़े की बात करें तो थोड़ी बहुत मात्रा में मात्रा में इनमे भी प्रोटीन और फाइबर उपस्थित होते हैं। लौकी, कद्दू, गाजर, फलों की बात करें तो ये सब विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। दूध और दही में भी थोड़ी मात्रा में प्रोटीन, और फैट्स उपस्थित होते हैं। इसलिए प्रोटीन का कोटा पूरा करने के लिए मूंगफली के दाने खाए जाते हैं।

Know your traditions- मात्र 100 ग्राम मूंगफली दिन भर का प्रोटीन दे देती है

मूंगफली में काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन उपस्थित होता है (प्रति 100 ग्राम मूँगफली में लगभग 25 ग्राम प्रोटीन होता है) इस कारण हम व्रत में मूंगफली का उपयोग करते हैं। चूँकि उपवास में हम किसी भी प्रकार की दालों का सेवन नहीं कर रहे होते हैं, जो कि प्रोटीन का मुख्य स्रोत होती हैं। इस कारण दाल के सब्सीट्यूट के रूप में हम मूंगफली का उपयोग उपवास के दौरान करते हैं। जिससे कि हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी ना रहे।

Special things of india- वैज्ञानिक रूप से मूंगफली क्या है

आपको यह जानकर भी सुखद आश्चर्य होने वाला है कि मूंगफली का खाया जाने वाला भाग बीज (seed) होता है। मूंगफली का वानस्पतिक नाम (Botanical name) अरेकिस हाइपोजिया (Arachis hyogea) है जो कि Leguminaceae या fabaceae कुल का सदस्य है।

Home remedies of India- मूंगफली को द्विबीजपत्री क्यों कहा जाता है

अगर आप मूंगफली के बीज को अपने हाथ से तोडेंगे तो वह दो बराबर भागों में आसानी से टूट जाता है, यही कारण है कि इसे द्विबीजपत्री (Dicotyledon) कहा जाता है। जैसे- चना, मटर आदि भी द्विबीजपत्री के ही उदाहरण हैं। मूंगफली पौष्टिक होने के साथ-साथ होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिए भी काफी उपयोगी है, इसके बारे में हम फिर कभी जानेंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 

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मूंगफली को व्रत में खा सकते हैं क्या?

उपवास के दौरान मूंगफली, बादाम, अखरोट जैसे ड्रायफ्रूट्स खाने से पेट भरा रहेगा और एनर्जी भी मिलेगी।

मूंगफली में अनाज होता है क्या?

मूँगफली (peanut, या groundnut ; वानस्पतिक नाम : Arachis hypogaea) एक प्रमुख तिलहन फसल है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.5 गुना, अण्डों से 2.5 गुना एवं फलों से ८ गुना अधिक होती है। और इसमें 50% वसा (फैट) होता है ।

सोमवार के व्रत में मूंगफली खा सकते हैं क्या?

सावन सोमवार व्रत, स्‍नैक्‍स में क्‍या लें जल ग्रहण करने के बाद आप एक कप चाय के साथ मूंगफली या मखाने भूनकर खा सकते हैं। इनको खाने से आपको भूख भी नहीं लगेगी। आप चाहें तो स्‍नैक्‍स के तौर पर थोड़े से ड्राईफ्रूट्स भी ले सकते हैं

एकादशी के व्रत में मूंगफली खा सकते हैं क्या?

आमतौर पर एकादशी के दौरान कौन सा भोजन पसंद किया जाता है कुचल मूंगफली उपवास खाद्य पदार्थों के लिए एक स्वाद दाता के रूप में अद्भुत काम करते हैं। 1. कंद, आलू और क्रश की हुई मूंगफली से बने करारे और स्वादिष्ट पकौड़े, यह कंद आलू पकौड़ा ठंड के दिनों में मसाला चाय के साथ बेहद अच्छे लगते हैं

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