क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है वर्णन करें - kya prati vyakti aay mein vrddhi raashtreey aay ko prabhaavit karatee hai varnan karen

प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है क्योंकि प्रति-व्यक्ति आय संयुक्त रूप से सभी व्यक्तियों की आय के योग को राष्ट्रीय आय कहा जाता है।

राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय में परिवर्तन होने से इसका प्रभाव लोगों के जीवन स्तर पर पड़ता है। राष्ट्रीय आय वास्तव में देश के अंदर पूरे वर्ष भर में उत्पादित शुद्ध उत्पत्ति को कहते हैं। लेकिन उत्पत्ति में वृद्धि तभी होगी जब उत्पादन में अधिक श्रमिकों को लगाया जाए। इस प्रकार जैसे-जैसे बेरोजगार लोगों को अधिक रोजगार मिलेगा, श्रमिकों का वेतन बढ़ेगा, उनकी आय बढ़ेगी तथा उनका जीवन स्तर पूर्व की अपेक्षा बेहतर होगा। इस प्रकार प्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि होने से व्यक्तियों का विकास संभव हो सकेगा। यदि इस प्रकार राष्ट्रीय आय के सूचकांक में वृद्धि होती है तो इससे लोगों के आर्थिक विकास में अवश्य ही वृद्धि होगी।

वास्तव में संयुक्त रूप से सभी व्यक्ति की आय के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं तथा प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने से राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है। प्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि होने में से समाज के आर्थिक विकास में वृद्धि होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रति-व्यक्ति आय ‘ में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है।

क्या राष्ट्रीय आय में वृद्धि प्रति व्यक्ति आय को प्रभावित करता है?

वास्तव में संयुक्त रूप से सभी व्यक्ति की आय के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं तथा प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने से राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती हैप्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि होने में से समाज के आर्थिक विकास में वृद्धि होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रति-व्यक्ति आय ' में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है

6 क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है वर्णन करें ?`?

इस प्रकार जैसे – जैसे उत्पादन में अधिक श्रमिकों को लगाया जाएगा वैसे – वैसे लोगों को अधिक रोजगार मिलेगा । इससे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तथा जीवन स्तर पूर्व की अपेक्षा बेहतर होगा । इसलिए प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है ।

प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में क्या अन्तर है?

राष्ट्रीय आय का मतलब किसी देश में 1 वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मूल्य से लगाया जाता है। प्रति व्यक्ति आय-: राष्ट्रीय आय में देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है उसे प्रति व्यक्ति आय कहते हैं इसका आकलन निम्न प्रकार से की जाती है!

प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय क्या है?

वहीं मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 18.3 प्रतिशत बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो गई. मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में घटकर 1.27 लाख करोड़ रुपये पर आ गई थी जो 2019-20 में 1.32 लाख करोड़ रुपये थी. प्रति व्यक्ति आय देश की संपन्नता का बड़ा इंडीकेटर होती है.

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