क्या निराश हुआ जाए प्रश्न उत्तर extra - kya niraash hua jae prashn uttar aixtr

1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you?

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: लेखक का मन क्यों बैठ जाता है? इस पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर: लेखक जब समाचार-पत्रों को लूटमार, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार की खबरों से भरा देखता है। समाज में सिर्फ निराशा का वातावरण है। समाचार-पत्र में लोगों के गुणों को उजागर करने वाली एक भी खबर नहीं होती। यह सब देखकर लेखक का मन बैठ जाता है।

प्रश्न 2: किन तथ्यों के माध्यम से आप कह सकते है कि मानवीय मूल्य अभी भी शेष हैं?
उत्तर:
मनुष्य के अंदर सेवा, ईमानदारी, सचाई, आध्यात्मिकता आदि मूल्य अभी भी शेष हैं। वे दबे भले हैं, पर नष्ट नहीं हुए है, क्योंकि आज भी मनुष्य से प्रेम करना, स्त्रियों का सम्मान करना सही माना जाता है और चोरी को गलत माना जाता है तथा परपीड़न को पाप समझा जाता है।

प्रश्न 3: भ्रष्टाचार के विरूद्ध  लोगों का आक्रोश क्या प्रकट करता है?
उत्तर:
भ्रष्टाचार के विरूद्ध लोगों में व्याप्त आक्रोश यह प्रकट करता है कि लोग इसे समाज से दूर करना चाहते हैं और इसे गलत समझते हैं। वे गलत तरीके से कमाए गए धन और मान की प्रतिष्ठा को कम करना चाहते हैं।

प्रश्न 4: इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मानवीय मूल्य भले ही न रहे हों, पर हमें आशावादी बने रहना चाहिए, हमें निराश नहीं होना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: टिकट बाबू की किस ईमानदारी से लेखक चकित हो गया?

उत्तर: एक बार टिकट लेते समय लेखक को दस रुपए देने थे। गलती से उसने सौ का नोट दे दिया। थोड़ी देर में टिकट बाबू नब्बे रुपए लेकर आया और उसने लेखक को दिए। ऐसा करते समय उसके चेहरे पर संतोष के भाव थे। मानो उसके ऊपर से बहुत बड़ा बोझ उतर गया हो। उसकी ईमानदारी देखकर लेखक चकित रह गए।

प्रश्न 2: उस घटना को बताइए जिससे यह पता चलता है कि दूसरों के बारे में गलत राय नहीं बना लेनी चाहिए?
उत्तर: लेखक जिस बस में सफर कर रहा था। वह बस अचानक खराब हो गई। वह गन्तव्य से आठ किलोमीटर पहले ही सुनसान जगह पर खड़ी हो गई। बस कंडक्टर ने एक साइकिल उठाई और चलता बना। लोगों ने समझा कि वह जरूर डाकुओं को बुलाने गया है। कुछ नौजवानों ने ड्राइवर को पीटने का मन बनाया। लेखक ने ड्राइवर को पिटने से बचा लिया, पर वह घबराया हुआ था। तभी सब ने देखा कि कंडक्टर बस अड्डे से खाली बस लिए आ रहा है। उसने अपने साथ लोटे में लाए पानी और थोड़े दूध को लेखक के बच्चों को दिया। बाद में सभी ने अपनी भूल के लिए ड्राइवर से क्षमा माँगी।

प्रश्न 3: जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?
उत्तर:
वास्तव में आज का वह समय है, जबकि समाज में ईमानदार और मेहनत करने वाले लोग मूर्ख माने जाते हैं। दूसरी तरफ धोखेबाज, झूठ व फरेब से काम करने वाले लोग फल-फूल रहे हैं। सच बोलने वाले, ईमानदारों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जीवन के महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था कम हो गई है।

प्रश्न 4: दोषों का पर्दाफाश करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
दोषों का पर्दाफाश करना समाज की आवश्यकता है, परन्तु जब किसी के आचरण के गलत पक्ष का उद्घाटन करके उसमें रस लिया जाए, तो यह अनुचित है। बुराई में रस लेना तो बुरा है ही, अच्छाई में उतना ही रस लेकर उजागर न करना और बुरी बात है। दोषों के पर्दाफाश में ध्यान इस बात का रखना चाहिए कि हमारी मानसिकता संतुलित हो। उद्देश्य स्पष्टतः अच्छा होगा तो दोषों का पर्दाफाश भी तटस्थ और संतुलित होगा।

मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1: ‘निराश होने की जरूरत नहीं है’ लेखक के इस कथन से क्या संदेश मिलता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मानव जीवन में भिन्न-भिन्न अवसरों पर कई कारणों से निराशा आ ही जाती है। यदि भारतीय समाज पर नजर डालें तो समाज में आई नैतिक मूल्यों की गिरावटों से निराशा का भाव पैदा होता है, परन्तु लेखक की बात भी सही है कि निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारे पुराने और चिरंतन आदर्श खोखले नहीं हैं। आज भी ईमानदारी, सत्य, सरलता आदि गुणों की कद्र होती है। धर्म के प्रति लोगों में आस्था है। व्यक्ति कानून को धोखा दे सकता है, धर्म को नहीं दे सकता। मनुष्यता अभी भी समाप्त नहीं हुई है। सच्चाई और ईमानदारी जिंदा है। लोगों में भ्रष्टाचार और दुराचरण के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा अभी भी प्रत्यक्षतः दिखाई देता है। अब भी सेवा, ईमादारी, धर्म, सत्य आदि मूल्य बने हुए हैं, नष्ट नहीं हुए हैं। लेखक ने अपने कथन से आशावाद का संदेश दिया है।

The document Important Questions: क्या निराश हुआ जाए Notes | Study Hindi Class 8 - Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Class 8.

All you need of Class 8 at this link: Class 8

क्या निराश हुआ जाए

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1   'क्या निराश हुआ जाए' पाठ के लेखक का नाम लिखिए।

उत्तर –'क्या निराश हुआ जाए' पाठ के लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी जी हैं।

प्रश्न-2   आपके विचार से हमारे महान विद्वानों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे? लिखिए।

उत्तरमेरे विचार से हमारे महान विद्वानों ने महान संस्कृति सभ्य भारत का सपना देखा था।

प्रश्न-3   अच्छाई में रस लेकर उसे उजागर न करना और भी बुरी बात क्यों हैं?

उत्तर –अच्छाई में रस लेकर उसे उजागर न करना और भी बुरी बात है क्योंकि सैकड़ों घटनाएँ ऐसी घटती हैं जिन्हें उजागर करने से लोक - चित्त में अच्छाई के प्रति अच्छी भावना जगती है।

प्रश्न-4   बुरा आचरण क्या है?

उत्तर -  लोभ - मोह, काम - क्रोध आदि विचार मनुष्य में स्वाभाविक रूप से विधमान रहतें हैं, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन तथा बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना बुरा आचरण है।



प्रश्न-5   भारतवर्ष ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व क्यों नहीं दिया है?

उत्तर – भारतवर्ष ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया है क्योंकि उसकी दृष्टि से मनुष्य के भीतर जो महान आंतरिक गुण स्थिर भाव से बैठा हुआ है, वही चरम और परम है।

प्रश्न-6   आज महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था क्यों हिलने लगी है?

उत्तर - ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलानेवाले निरीह और भोले - भाले श्रमजीवी को पिसते और झूठ तथा फ़रेब का रोज़गार करनेवालों को फलता - फूलता देखकर महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था हिलने लगी है।

प्रश्न-7   कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अपने प्रार्थना गीत में भगवान से क्या प्रार्थना की है?

उत्तरकविवररवीन्द्रनाथठाकुरनेअपनेप्रार्थनागीतमें भगवानसेप्रार्थनाकीथीकिसंसारमेंकेवलनुक्सानहीउठानापड़े, धोखाहीखाना पड़ेतोऐसेअवसरोंपरभीहेप्रभो! मुझेऐसीशक्तिदोकिमैंतुम्हारेऊपर संदेहकरूँ।

प्रश्न-8   'मानव महा - समुद्र' से लेखक का क्या आशय है?

उत्तर'मानव महा - समुद्र' से लेखक का आशय भारत वर्ष में रहने वाले विभिन्न जाति एवं धर्म के मनुष्यों से है जो अलग - अलग स्थानों से आए हैं तथा अपने साथ तरह - तरह के जीवन मूल्य एवं आदर्श लाए हैं।

प्रश्न-9   यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिहन लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन-सा चिहन लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए – , । . । ? ; – , …. ।

उत्तर‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद मैं प्रश्न चिन्ह ‘क्या निराश हुआ जाए?’ लगाना उचित समझता हूँ। समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच रहते हुए भी जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टि जरूरी है।


प्रश्न-10   धर्मभीरु लोग कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच क्यों नहीं करते?

उत्तर - भारतवर्षसदाकानूनकोधर्मकेरूपमेंदेखतारहाहै। आजएकाएककानूनऔरधर्ममेंअंतरकरदियागयाहै।धर्मकोधोखानहींदियाजा सकता, कानूनकोदियाजासकताहै।यहीकारणहैकिजोलोगधर्मभीरुहैं, वे कानूनकीत्रुटियोंसेलाभउठानेमेंसंकोचनहींकरते।

प्रश्न-11   पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर – व्यक्तिवाचक संज्ञा: रबींद्रनाथटैगोर, मदनमोहनमालवीय, तिलक, महात्मागाँधीआदि।

जातिवाचकसंज्ञा: बस, यात्री, मनुष्य, ड्राइवर, कंडक्टर, हिन्दू, मुस्लिम, आर्य, द्रविड़, पति, पत्निआदि।

भाववाचकसंज्ञा: ईमानदारी, सच्चाई, झूठ, चोर, डकैतआदि।

क्या निराश हुआ जाए extra questions?

लेखक के अनुसार, दोषों का पर्दाफ़ाश करना बुरी बात नहीं होती है। परन्तु, इसमें बुराई तब सम्मिलित हो जाती है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लेते है। लेखक के अनुसार यह ग़लत बात है। हमारा दूसरों के दोषोद्घाटन को अपना कर्त्तव्य मान लेना सही नहीं है।

कक्षा 8 क्या निराश हुआ जाए?

हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित 'क्या निराश हुआ जाए' एक श्रेष्ठ निबंध है। इस पाठ के द्वारा लेखक देश में उपजी सामाजिक बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर करने के लिए कहते है। वे कहते है समाचार पत्रों को पढ़कर लगता है सच्चाई और ईमानदारी ख़त्म हो गई है। आज आदमी गुणी कम और दोषी अधिक दिख रहा है।

क्या निराश हुआ जाए इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

'क्या निराश हुआ जाए' पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है़? उत्तर: इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मानवीय मूल्य भले ही दब गए हों पर उन्हें बनाए रखते हुए हमें आशावादी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। वर्तमान परिस्थिति में भी हमें निराश नहीं होना चाहिए।

लेखक के निराश न होने का क्या कारण था?

केवल उन्हीं बातों का हिसाब रखो, जिनमें धोखा खाया है तो जीवन कष्टकर हो जाएगा, परंतु ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण सहायता की है, निराश मन को ढांढ़स दिया है और हिम्मत बँधाई है। लेखक के निराश न होने का क्या कारण था? छल, कपट की घटनाएँ याद रखने का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? (d) लापरवाही बढ़ती जाती है।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग