इंसान के दिमाग की बात की जाए तो इंसान का दिमाग 1400 ग्राम का होता है। इसके 4 भाग होते हैं। फ्रंटल यानी दिमाग के जो सामने का हिस्सा होता है, टेंपोरल मतलब जो बायीं तरफ़ (लेफ्ट हैंड साइड) का दिमाग होता है, पैरंटरल मतलब जो दायीं तरफ़ (राइट हैंड साइड) का दिमाग होता है और ऑक्सीपिटल जो दिमाग का पीछे का हिस्सा होता है। दिमाग का हर हिस्सा अपना अलग कार्य करता है जैसे फ्रंटल पार्ट का काम होता है सोचने का, पैराइटल का कार्य होता है छूने या फिर दर्द के एहसास का, टेंपोरल का काम होता है सुनना, देखना और भाषा को समझना। इसी तरह ऑक्सीपिटल का काम होता है वस्तुओं को पहचानना।
मस्तिष्क शरीर का बहुत अहम अंग है। इसका सही रहना आवश्यक है। जब दिमाग में गांठ बन जाती है तो इसको ट्यूमर कहते हैं। ब्रेन के जिस हिस्से में ट्यूमर होता है तो उस हिस्से से नियंत्रित होने वाला शरीर का भाग प्रभावित होता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
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1.) सिर दर्द- आपके दिमाग के किसी भी पार्ट में अगर गांठ होती है तो सिर दर्द हो सकता है।
2.) उल्टी आना- अगर किसी भी व्यक्ति के दिमाग में गांठ है तो उसे वुमिटिंग यानी उल्टियां भी हो सकती हैं।
3.) मूड स्विंग या मूड बदलना- ब्रेन ट्यूमर के कारण मूड स्विंग्स भी होते हैं।
4.) कॉग्निटिव डेकलाइन (सीखने की क्षमता कम होना)- अगर आपको चीजें याद नहीं रहती तो आपके दिमाग का जो पीछे का हिस्सा वह प्रभावित रहता है।
5.) हियरिंग प्रॉब्लम (सुनने में दिक्कत)- अगर आपको सुनने में दिक्कत होती है तो आपका टेंपोरल पार्ट या बायीं तरफ़ प्रभावित है।
6.) स्पीच प्रॉब्लम (बोलने में दिक्कत)- अगर आपको बोलने में दिक्कत आती है तो आपका फ्रंटल पार्ट या दिमाग के सामने का हिस्सा प्रभावित है।
7.) सीजरस- इसमें आपको दौरे भी पड़ सकते हैं।
ट्यूमर से दिमाग के अलग-अलग हिस्से प्रभावित होते हैं। तो अगर हम यह जानना चाहे कि दिमाग के किस भाग में कितना टयूमर होता है तो फ्रंटल पार्ट में 26 प्रतिशत टयूमर होता है, पैराइटल पार्ट में 12 प्रतिशत, टेंपोरल पार्ट में 19 प्रतिशत और ऑक्सीपिटल में 3 प्रतिशत टयूमर होता है। इसी प्रकार से जो फ्रंटल पार्ट है यानी कि जो सामने का हिस्सा है जिसका काम सोचने का होता है वह ट्यूमर से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
ट्यूमर के प्रकार
अब अगर हम बात करें कि ट्यूमर कितने तरह के होते हैं तो ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं।
1.) बिनाइन टयूमर- बेनाइन ट्यूमर एक जगह पर सीमित रहते हैं और यह ज्यादा खतरनाक नहीं होते।
2.) मालिगनेंट टयूमर- मालिगनेंट ट्यूमर कैंसर होते हैं जिनका अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह दिमाग या फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के मुख्य कारण
1.) रेडिएशन, कैमिकल और पेस्टिसाइड- आप जहां काम कर रहे हैं वहां कितने कैमिकल हैं, इतने पेस्टिसाइड है या फिर रेडिएशन है उस पर निर्भर करता है।
2.) डाइट- आप जो खाना खा रहे हैं उसमें कितना फैट है अल्कोहल है या फिर धूम्रपान (स्मोकिंग) पर भी निर्भर करता है।
3.) वंशानुगत (जेनेटिक)- अगर आपके परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर है तो आप में भी होने की संभावना बढ़ जाती है।
4.) अगर आपको किसी शरीर के किसी अन्य भाग में कैंसर है तो दिमाग में भी पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
1.) घरेलू नुस्खे- ब्रेन ट्यूमर का इलाज कई घरेलू नुस्खों से भी हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के मरीज को मशरूम का सेवन करना चाहिए। यह उसके लिए लाभदायक होता है।
2.) योगा करना- ब्रेन ट्यूमर के मरीज के लिए योगा बहुत लाभदायक होता है इसीलिए मरीज को योगा करते रहना चाहिए।
3.) बायोप्सी कराना- बायोप्सी के जरिए यह पता लगाया जाता है कि शरीर में कैंसर कितना है इसीलिए बायोप्सी कराना भी लाभदायक होता है।
4.) ब्रेन सर्जरी- जब ट्यूमर ज्यादा बढ़ जाता है और उसका इलाज संभव नहीं हो पाता तो डॉक्टर ब्रेन सर्जरी की सलाह देते हैं।
ब्रेन ट्यूमर का रोकथाम कैसे करें?
1.) फल और सब्जियों का सेवन- फल और सब्जियों का सेवन सभी के लिए फायदेमंद होता है लेकिन ब्रेन ट्यूमर वालों के लिए यह कुछ ज्यादा ही लाभदायक होते हैं। इसीलिए ट्यूमर के मरीज को फल और ताजी सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए।
2.) तंबाकू के सेवन से बचें- ट्यूमर के मरीज को इससे बहुत परहेज करना चाहिए।
3.) वजन का खास ध्यान रखें- अधिक वजन से भी कई सारी बीमारियां लग जाती हैं इसीलिए वजन को नियंत्रित रखना चाहिए!
4.) टीकाकरण कराना- किसी भी तरह के कैंसर से बचने के लिए टीकाकरण कराते रहना चाहिए।
निष्कर्ष
ट्यूमर की बीमारी कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज संभव ना हो। अगर किसी व्यक्ति को ट्यूमर हो गया तो उसका इलाज हो सकता है लेकिन हमें अपनी सेहत का ध्यान तो रखना ही है। जो चीजें हमारे लिए फायदेमंद होती हैं हमें उनका सेवन करना चाहिए और जो चीजें नुकसान पहुंचा सकती हैं उन्हें अपनी डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। ट्यूमर के मरीज को इस बीमारी में क्या चीजें नुकसान पहुंचा सकती हैं उससे बहुत परहेज करना चाहिए जैसे तंबाकू या फिर अन्य चीजें। हमें अपना ख्याल खुद रखना चाहिए ताकि ट्यूमर जैसी बड़ी बीमारियों से बचे रहें।