क्या बरगद के पेड़ का फल खाया जा सकता है? - kya baragad ke ped ka phal khaaya ja sakata hai?

 बरगद का पेड़ (वट वृक्ष) की जानकारी एवं बरगद के फायदे

Bargad ka vriksh ya vat vriksh ki jankari aur bargad ke fayde 

बरगद के पेड़ का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम - फाइकस् बेंगालेन्सिस्

बरगद के पेड़ का अंग्रेजी में नाम - बनयान ट्री

बरगद का वृक्ष भारत में पाया जाने वाला एक मुख्य पेड़ है। बरगद एक औषधीय पौधा है। बरगद के पेड़ में बहुत सारे औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं, जो रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। बरगद का पौधा हमारे लिए पूजनीय है। बहुत सारे लोग बरगद की पूजा करते हैं। बरगद के पेड़ को बड वृक्ष एवं वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद का पेड़ आपने अपने घर के आस-पास जरूर देखा होगा। बरगद का पेड़ बहुत सुंदर रहता है। बरगद का पेड़ बहुत विशाल रहता है। बरगद के पेड़ में बहुत सारे पंछी एवं जीव जंतु अपना घर बनाते हैं। दुनिया का विशाल बरगद का पेड़ हमारे देश में ही लगाया गया है। भारत भूमि में बरगद का सबसे बड़ा पेड़ स्थित है। 

महिलाएं वट सावित्री की पूजा करती हैं। महिलाएं उपवास रहती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। बरगद का पेड़ पूजनीय माना जाता है और बरगद के पेड़ को आपने मंदिर परिसर में जरूर देखा होगा। मंदिर परिसर में बरगद के वृक्ष के नीचे, भगवान शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की स्थापना की जाती है। बरगद का वृक्ष पूजनीय होने के साथ-साथ आयुर्वेदिक गुण से भी भरपूर होता है। बरगद के पेड़ के फल, बरगद के पेड़ की छाल, बरगद के पत्ते और बरगद का दूध यह सभी आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यह सभी रोगों के उपचार में काम आते हैं। 

बरगद के पेड़ की ऊंचाई 20 से 25 मीटर तक होती है। बरगद के पेड़ के पत्ते का ऊपरी सिरा चिकना होता है। बरगद का पेड़ में लाल कलर के छोटे-छोटे फल लगते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। इन फलों का उपयोग आप खाने के लिए कर सकते हैं। इन फलों को पक्षी एवं अन्य जीव बहुत चाव से खाते हैं। बरगद के पेड़ से सबसे ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। बरगद का पेड़ दिन और रात मतलब 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। बरगद का पेड़ बहुत उपयोगी है। बरगद के पेड़ की पत्तियां गहरे हरे कलर की रहती हैं। बरगद की पत्तियों में आप को शिराएँ साफ  देखने के लिए मिलती है। 

बरगद का तना बहुत मोटा होता है और बरगद के तने से ही बहुत सारी उपशाखाए निकलती हैं। बरगद का पेड़ बहुत विशाल होता है। बरगद की शाखाओं का फैलाव बहुत ज्यादा रहता है। इसकी शाखाएं बहुत घनी रहती है। इसलिए इसके नीचे बैठने से ठंडक मिलती है। बरगद का वृक्ष छायादार होता है। बरगद का वृक्ष दीर्घायु भी रहता है, मतलब बरगद के पेड़ की आयु बहुत ज्यादा रहती है। बरगद के तने से जटाएं निकलती है। बरगद के पेड़ की जटाओं में बचपन में बहुत सारे लोगों ने झूला जरूर झूला होगा। बरगद के पेड़ की जटाएं बहुत मजबूत रहती हैं। यह जटाएं जमीन के अंदर तक जाती हैं और यह जटाएं जमीन के अंदर समाकर बरगद के पेड़ को आधार प्रदान करती हैं। बरगद का पेड़, कि अगर इन जटाओं को जमीन के अंदर जाने दिया जाए, तो बरगद का पेड़ बहुत विशाल हो जाता है। 

दुनिया का सबसे बड़ा बरगद का पेड़ की जानकारी - Information about the world's largest banyan tree

दुनिया का सबसे बड़ा बरगद का पेड़ भारत में स्थित है। इस बरगद के पेड़ को द ग्रेट बनयान ट्री के नाम से जाना जाता है। इस बरगद पेड़ की उम्र करीब 255 वर्ष है। यह बरगद का वृक्ष बहुत पुराना भी है। इस वृक्ष को आप देखेंगे, तो आपको लगेगा कि एक बहुत बड़ा जंगल का एरिया है। मगर आप जब यहां पर इस बरगद का वृक्ष के पास जाएंगे और इसे देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि एक ही पेड़ का फैलाव कितना बड़ा है। यह बरगद का पेड़ 14500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस बरगद के पेड़ की ऊंचाई करीब 25 मीटर है। यह एक विशाल जंगल की तरह लगता है। 

विशाल बरगद का वृक्ष कहां पर स्थित है - Where is the giant banyan tree located

विश्व का सबसे बड़ा बरगद का पेड़ भारत में है। भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का सबसे बड़ा बरगद का वृक्ष कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डन में है। इसकी सुरक्षा और देखरेख के लिए यहां पर टीम बनाई गई है, जो इस पेड़ की देखरेख करती है। इस पेड़ में बहुत सारे पक्षियों ने अपना घर बनाया है। इस पेड़ का नाम गिनीज बुक में दर्ज है। यह पेड़ भारत की शान है। इस बरगद के पेड़ को 1787 में स्थापित किया गया था। इस पेड़ की जड़ है और शाखाएं इतनी ज्यादा है, कि लगता है, कि यहां पर पूरा जंगल बसा हुआ है। 

बरगद के पेड़ के आयुर्वेदिक गुण, महत्व और फायदे - Ayurvedic properties, importance and benefits of banyan tree

बरगद के पेड़ के लाभ बहुत सारे है। वट का पेड़ में बहुत सारे आयुर्वेदिक गुण रहते हैं। बरगद के पेड़ में वात, कफ और पित्त दोष को ठीक करने का गुण रहता है। बरगद के पेड़ से खून शुद्ध होता है। बरगद के पेड़ के और भी बहुत सारे मेडिकल उपयोग हैं, जो हमें रोगमुक्त रखते हैं। 

  1. बरगद के पेड़ का उपयोग बालों की समस्याओं के लिए किया जा सकता है। बरगद के पत्तों के रस को निकालकर इसे सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से बालों की बहुत सारी समस्याएं ठीक होती है। 
  2. बरगद का प्रयोग दांतो के रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। अगर दांतों में पायरिया की परेशानी है, तो बरगद के पेड़ की लकड़ी का प्रयोग किया जा सकता है। बरगद के पेड़ की लकड़ी का प्रयोग दातुन के रूप में किया जा सकता है, जिससे आपका पायरिया रोग ठीक हो जाएगा और आपके मुंह से दुर्गंध भी नहीं आएगी। अगर दांत में कहीं दर्द हो रहा हो, तो उसके लिए आप बरगद के पेड़ के दूध को दर्द की जगह पर लगाएंगे, जिससे आप का दर्द ठीक हो जाएगा। 
  3. बरगद के पेड़ का उपयोग पुरुषों के बहुत सारे रोगों के उपचार के लिए किया जा सकता है। पुरुषों के यौन संबंधी रोगों के लिए बरगद के पेड़ का उपयोग किया जा सकता है। पुरुषों में धातु का जाना एक बहुत बड़ी समस्या होती है। इसके लिए बरगद की जटाओं का चूर्ण बनाकर इसका सेवन करने से यह समस्या समाप्त हो जाती है। इसके अलावा अगर शरीर में यौन दुर्बलता है, तो उसके लिए आप इसके फल का चूर्ण बनाकर सेवन कर सकते हैं। जिससे आपका शरीर बलवान हो जाएगा और आपकी यौन समस्याएं ठीक हो जाएंगे। 
  4. बरगद के पेड़ का उपयोग महिलाओं में सफेद पानी की स्थिति में भी किया जा सकता है। सफेद पानी की समस्या बहुत सारी महिलाओं में रहती है। इसके लिए आप बरगद के पेड़ का उपयोग कर सकते हैं। 
  5. बरगद के दूध को आंखों में डालने से आंखों से संबंधित रोगों का उपचार होता है। बरगद के दूध का प्रयोग करने से पहले आप डॉक्टर या आयुर्वेद आचार्य से जरूर सलाह लें। 
  6. बरगद चेहरे की चमक को भी बढ़ाता है। बरगद के पेड़ का उपयोग चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। बरगद के वृक्ष के कोमल पत्ते या इसकी जटा को आप मसूर की दाल के साथ पीस लें और इस मिश्रण को आप चेहरे पर लगाएं। इससे मुंहासे और झाइयां दूर होती है। 
  7. बरगद के पेड़ का प्रयोग नाक में खून आने की स्थिति में भी किया जा सकता है। नाक में खून आना या नकसीर की समस्या बहुत सारे लोगों में रहती है। इसमें नाक से खून आता है। इस समस्या को मिटाने के लिए बरगद की जड़ की छाल लेना है और इसे लस्सी के साथ पीने से, यह समस्या दूर हो जाती है। 
  8. कान के रोगों में भी बरगद के पेड़ का उपयोग किया जा सकता है। कान में अगर फुंसी हो गई हो, तो बरगद के दूध की कुछ बूंदों को सरसों के तेल में मिलाकर कान में डालने से कान की फुंसी ठीक हो जाती है। 

बरगद के पेड़ को कैसे लगाएं या उगाया जा सकता है - How to Plant or Grow a Banyan Tree

बरगद के पेड़ को, बरगद के बीज के द्वारा या बरगद के पेड़ की कलम के द्वारा लगाया जा सकता है। बरगद का पेड़ बहुत विशाल रहता है। इसलिए बरगद के पेड़ को लगाने के लिए बहुत बड़ी जगह चाहिए। बरगद का पेड़ घरों में बहुत कम लोग लगाते हैं। बरगद ट्री बगीचे, मंदिरों और खेत की मेढ़ के किनारे देखने के लिए मिल जाता है। 

बरगद का पेड़, बरगद के बीजों के द्वारा स्वयं अंकुरित हो जाता है और अगर आप इसे कलम से लगाना चाहते हैं, तो आप बरगद के पेड़ की कलम को काट लें और कलम के जितने भी पत्ते हैं उन सभी को काटकर अलग कर दें। उसके बाद आप कलम को मिट्टी में लगाएं। मिट्टी के लिए आप आधा मिट्टी ले और आधा गोबर की खाद लें और मिक्स कर ले। उसके बाद आप बरगद के वृक्ष को लगाएं। 10 से 15 दिन में बरगद के वृक्ष में पत्तियां आ जाती है। बहुत सारे लोग बरगद के पेड़ की बोनसाई बनाकर अपने घर में रखते हैं। बोनसाई पौधे का छोटा रूप रहती है। यह बहुत सुंदर लगती है। यह छोटे से गमलों में लगाकर आप रख सकते हैं। 

बरगद के पेड़ का फल कैसा होता है - what is the fruit of the banyan tree

बरगद के पेड़ का फल लाल कलर का होता है। यह फल पेड़ की शाखाओं में लगता है। यह फल जंगली बेरी के आकार का होता है। इस फल का प्रयोग आप अपने रोगों को ठीक करने के लिए कर सकते हैं। बरगद का फल के अंदर इसके बीज रहते हैं। बरगद के फल को पंछी बहुत ही मजे से खाते हैं। बरगद का फल को आप ऐसे ही सेवन कर सकते हैं। 

मगर बहुत सारे लोग इसका सेवन चूर्ण बनाकर करते हैं। जब बरगद के पेड़ का फल पक जाए, तो आप इसके फल को तोड़ लीजिए और इसको छांव में सुखा लीजिए। जब यह फल सूख जाए। तब इसका चूर्ण बना लीजिए। उसके बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इससे बहुत सारी बीमारियां ठीक होती हैं। 

बरगद का फल का फोटो - photo of banyan fruit


बरगद के पेड़ का चित्र



तुलसी का पौधा
पारिजात का पौधा
गिलोय बेल
पीपल का पेड़
अर्जुन का पेड़

बरगद के फल को खाने से क्या होता है?

इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, ओमेगा 3 और 6 जैसे प्राकृतिक खनिज भी होते हैं, और पॉलीफेनॉल जो रक्तचाप को कम करने और कोरोनरी हृदय रोग को रोकने के लिए उपयोगी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिन में कम से कम एक बार बरगद के पेड़ के फल का सेवन करने से अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाएगा।

बरगद का फल कैसे खाना चाहिए?

बरगद के फलों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर इसका इस्तेमाल डायरिया की समस्या में किया जाता है। अगर आप डायरिया की समस्या से ग्रसित हैं तो बरगद के फलों को लेकर उन्हें छाया में सुखा लें। सूख जाने के बाद इनका चूर्ण बनाकर तैयार कर लें। अब बरगद के फलों के चूर्ण को पानी या दूध में मिलकर भोजन के बाद इसका सेवन करें।

बरगद के पेड़ के फल से क्या फायदा होता है?

बरगद के पेड़ के सभी भागों (जड़, तना, पत्तियां, फल और छाल) को औषधीय उपयोग में लाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (सूजन घटाने वाला) और एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव के कारण इसे दांतों में सड़न और मसूड़ों में सूजन की समस्या को कम करने में सहायक माना गया है (1)।

बरगद के पेड़ पर कौन से फल लगते हैं?

बरगद के फल को बड़ कहा जाता, वानस्पतिक भाषा में इसे साइकॉनस कहते हैं जो की हाइपएंथोडियम पुष्पक्रम से विकसित होता है। इसमें मादा पुष्प पुष्पाधार पर नीचे व ऊपर नर पुष्प बनते हैं। गूलर, पीपल व पाकड़ के भी फल इसी प्रकार के होते हैं। लाल रंग का छोटा सा होता है, इसमें छोटे छोटे बीज होते हैं और इसका नाम गुल्लर होता है ।

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