कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत से ही क्यों की है? - kavi ne apane jeevan kee tulana vasant se hee kyon kee hai?

Solution : कवि अपने जीवन को वसंतमय बनाकर अनंत काल तक जीने की इच्छा रखता है। अर्थात् जिस प्रकार वसंत के आते ही वातावरण आनन्दमय हो जाता है, वैसे ही वह भी अपने कार्यों से इस संसार में यश पाने की इच्छा से पूरित होकर अनंत काल तक जीना चाहता है।

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कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का ​संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।

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Kavi ne apne jeevan ki tulna vasant se isliye ki hai kyuki kavi ka jeevan aur vasant ek saman hai vah sochte hai ki jaise vasant mai kai pushp nai-nai aate hai vaise unke jeevan mai bhi kai nai-nai baate aai aur voh sare vyakti aur pushp se aalas chin le

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Question Description
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कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का ​संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।

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कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का ​संचार हो रहा है। कवि अपने हाथ से छू कर मुरझाई हुई कलियों में प्राण भर सकते हैं। कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।

विषयसूची

  • 1 कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत कभी नहीं होगा?
  • 2 पुनरुक्त शब्द का मतलब क्या है?
  • 3 कवि ने अपने जीवन की तुलना किससे और क्यों की है?
  • 4 कलियाँ किसका प्रतीक हैं * 1 Point नवयुवकों का फूलों का वसंत का प्रातः काल का?
  • 5 ध्वनि कविता में कवि ने क्या संदेश दिया है?
  • 6 ध्वनि कविता से मुझे क्या सीख मिली?
  • 7 कविता का शीर्षक ध्वनि इस शब्द से आप क्या समझते हैं?
  • 8 ध्वनि इस कविता में किसका वर्णन हुआ है?

कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत कभी नहीं होगा?

इसे सुनेंरोकेंकवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? उत्तर:- कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं।

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 3 : कवि पुष्पों तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है? उत्तर : कवि अपने हाथों के सुधा स्पर्श से पुष्पों की नींद व आलस्य मिटाकर उन्हैं चुस्त, प्राणवान, आभामय व पुष्पित करना चाहता है। ऐसा करने का उसका उद्देश्य है कि धरा पर जरा भी आलस्य, प्रमाद, निराशा व मायूसी का निशान तक न रहे।

पुनरुक्त शब्द का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपुनर्कथन। एक बार कही हुई बात शब्द आदि को फिर कहना। इस प्रकार दोबारा कही हुई बात (रिपीटीशन)।

कवि के वन रूपी जीवन में शिशु के समान किसका आगमन हुआ है?

इसे सुनेंरोकेंइसमें कवि कलियों व फूलों के खिलाने के माध्यम से अपने जीवन के प्रति आस्था और दृढ विश्वास व्यक्त करना चाहता है। कवि का मानना है कि अभी उसके जीवन का अन्त नहीं होगा। अभी-अभी उसके जीवन में सुकुमार शिशु रूपी वसंत का आगमन हुआ है।

कवि ने अपने जीवन की तुलना किससे और क्यों की है?

इसे सुनेंरोकेंकवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।

कवि के वन में अभी अभी क्या आया है?

इसे सुनेंरोकेंकवि सूर्यकांत त्रिपाठी जी ध्वनि कविता की इन पंक्तियों में कह रहे हैं कि उनका अंत अभी नहीं होगा। उनके जीवन में वसंत रूपी यौवन अभी-अभी ही तो आया है। इन पंक्तियों में कवि छिपे हुए तरीके से कह रहे हैं कि उनका मन जोश और उत्साह से भरा हुआ है। जब तक वो अपने लक्ष्य को पा नहीं लेते, वो हार नहीं मानेंगे।

कलियाँ किसका प्रतीक हैं * 1 Point नवयुवकों का फूलों का वसंत का प्रातः काल का?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: वन कवि के जीवन रूपी उपवन का और निद्रित कलियाँ-आलस्य में डूबे हुए नवयुवकों का प्रतीक है।

कवि के जीवन की तान क्या है *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरः कवि का संसार सीमित है जबकि कोयल का संसार असीमित है, वह खुले आकाश में विचरण करती है।

ध्वनि कविता में कवि ने क्या संदेश दिया है?

इसे सुनेंरोकेंइस कविता से हमें क्या संदेश मिलता है? इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि जिस प्रकार वसंत ऋतु के आगमन से सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है उसी प्रकार हमें भी अपने श्रेष्ठ कार्यो से समाज, राष्ट्र व विश्व की आभामय बनाना चाहिए। एस कार्य करने चाहिए कि सभी हमारा यशगान करें।

ध्वनि कविता में किसका जागृत किया गया है?

इसे सुनेंरोकें’ध्वनि’ कविता श्री सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा लिखित एक उत्साहवर्धक कविता है। कवि ने इस कविता में मानव के मन एवं हृदय में वसंत रूपी उत्साह के आगमन की बात की है। कवि का कहना है कि अभी उसकी मृत्यु नहीं होगी। अभी-अभी उसके जीवन में कोमल, मधुर, और सुकुमार वसंत का आगमन हुआ है।

ध्वनि कविता से मुझे क्या सीख मिली?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि जिस प्रकार वसंत ऋतु के आगमन से सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है उसी प्रकार हमें भी अपने श्रेष्ठ कार्यो से समाज, राष्ट्र व विश्व की आभामय बनाना चाहिए। एस कार्य करने चाहिए कि सभी हमारा यशगान करें।

कविता का शीर्षक है ध्वनि इस शब्द से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंध्वनि – कविता इस कविता में कवि ने वसंत ऋतु की सुंदरता का वर्णन किया है। वसंत ऋतु के आरंभ एक सुखद वातावरण बन जाता है। उस वातावरण की विशेषता का वर्णन इस कविता के माध्यम से किया गया है। कवि ने इस कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ इसलिये रखा होगा क्योंकि मधुर व सुखद वसंत ऋतु में एक संगीतमय वातावरण उत्पन्न हो जाता है।

कविता का शीर्षक ध्वनि इस शब्द से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ इस शब्द से आप क्या समझते हैं? [Imp.] उत्तर-ध्वनि शब्द का अभिप्राय है ‘आवाज़’ इस कविता में ध्वनि शब्द अंतर्मन की पुकार हेतु प्रयोग किया गया है।

ध्वनि कविता में निद्रित कलियों से क्या तात्पर्य है?

ध्वनि इस कविता में किसका वर्णन हुआ है?

कवि अपने जीवन की तुलना वसंत से ही क्यों की?

कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत से क्यों की है Solution : कवि अपने जीवन को वसंतमय बनाकर अनंत काल तक जीने की इच्छा रखता है। अर्थात् जिस प्रकार वसंत के आते ही वातावरण आनन्दमय हो जाता है, वैसे ही वह भी अपने कार्यों से इस संसार में यश पाने की इच्छा से पूरित होकर अनंत काल तक जीना चाहता है।

कवि ने अपने जीवन को कैसे माना है?

कवि ने अपने जीवन के बारे मे यह कहा है कि वह अपने सांसारिक जीवन के भार को निरंतर वहन करते हुए अपना जीवन-यापन कर रहा है। इससे वह दुखी नहीं होता। उसके जीवन में प्यार का भी समावेश है।

कवि ने अपनी साँसों की तुलना किससे की है और क्यों?

कवि ने अपनी तुलना उस पथिक से की है जो जीवन पथ पर चलते-चलते थक गया है। इस जीवन पथ पर वह अपनी पत्नी के साथ बिताए कुछ सुखद पलों की मधुर यादों के सहारे चल रहा है।

कवि के अनुसार जीवन क्या है?

Answer. Answer: प्रस्तुत कविता के अनुसार जीवन की व्याख्या करते हुए कवि उसे नश्वर, चंचल और क्षणभंगुर कहते हैं। इस आधार पर दिए गये विकल्पों में कवि के अनुसार जीवन नश्वर है, चंचल है, क्षणभंगुर है सही विकल्प है।

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