किष्किंधा कांड पढ़ने से क्या होता है? - kishkindha kaand padhane se kya hota hai?

राशि के अनुसार करें हनुमान की पूजा, मिलेंगे अद्भुत लाभ

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19 अप्रैल, शुक्रवार यानी आज हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान जयंती के दिन बंजरंग बली की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों और भय से मुक्ति मिलती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन किस राशि के व्यक्ति को केसरीनदंन हनुमान जी की किस तरह पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.

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मेष-

एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाकर बाकी बचा प्रसाद गरीब बच्चों में बांट दें.

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वृष-

इस दिन रामचरितमानस के सुंदर-कांड का पाठ करें तथा हनुमान जी को मीठा रोट चढ़ाकर बंदरों को खिलाएं.

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मिथुन-

रामचरितमानस के अरण्य-काण्ड का पाठ करें. अस दिन मनचाहा फल पाने क लिए हनुमानजी को पान चढ़ाकर गाय को खिला दें.

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कर्क-

इस दिन हनुमान जी की कृपा पाने के लिए पंचमुखी हनुमंत कवच का पाठ करें. पूजा करते समय हनुमानजी को पीले फूल चढ़ाकर उन्हें जल में प्रवाहित कर दें.

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सिंह-

रामचरितमानस के बाल-कांड का इस दिन पाठ करने से इस राशि के लोगों को शुभ फल मिलेगा. इस दिन हनुमानजी को गुड़ की रोटी का प्रसाद चढ़ाकर उसे भिखारी को खिलाएं.

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कन्या-

रामचरितमानस के लंका-कांड का पाठ करने से इस राशि के लोगों को लाभ मिलेगा. इस दिन हनुमान मंदिर में शुद्ध घी के 6 दीपक जलाएं.

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तुला-

रामचरितमानस के बाल-कांड का पाठ करने के साथ इस दिन हनुमानजी को खीर का प्रसाद चढ़ाकर उसे गरीब बच्चों में बांट दें.

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वृश्चिक-

इस राशि के लोग इस दिन हनुमान अष्टक का पाठ करके  हनुमानजी को गुड़ वाले चावल से बना प्रसाद चढ़ाएं. इसके बाद इस प्रसाद को गाय को खिला दें.

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धनु-

रामचरितमानस के अयोध्या-कांड का पाठ करने के बाद इस राशि के लोगं को हनुमानजी को शहद चढ़ाना चाहिए. इसके बाद इस शहद को स्वंय प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिेए.

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मकर-

इस राशि के लोग रामचरितमानस के किष्किन्धा-कांड का पाठ करें.हनुमानजी पर मसूर चढ़ाकर मछलियों को डाल दें.

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कुंभ-

इस राशि के लोगों को रामचरितमानस के उत्तर-कांड का पाठ करना फलदायक होगा. इस दिन हनुमानजी को मीठी रोटियों का प्रसाद चढ़ाकर उसे भैसों को खिला दें.

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मीन-

हनुमंत बाहुक का पाठ करने और किसी भी हनुमान मंदिर में लाल रंग की ध्वजा या पताका चढ़ाने से लाभ मिलेगा.

किष्किंधा कांड करने से क्या होता है?

प्रथम वक्ता प्राचार्य गंगाराम कैवर्त ने किष्किंधा कांड की कथा सुनाते हुए कहा कि शास्त्रों में कहा गया है की किष्किंधा कांड काशी के समान है, इसका जो पाठ करता है उसे पूरे मानस के पाठ करने का फल प्राप्त होता है। यह रामचरितमानस का हृदय है।

किष्किंधा का अर्थ क्या है?

किष्किन्धा जो कि आज हम्पी है, वाल्मीकि रामायण में पहले वालि का तथा उसके पश्चात् सुग्रीव का राज्य बताया गया है। आज के संदर्भ में यह राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे वाले कर्नाटक के हम्पी शहर के आस-पास के इलाके में माना गया है।

किष्किंधा कांड में कितने श्लोक हैं?

किष्किन्धा काण्ड वा. रा.
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अन्य जानकारी
रामायण के सात काण्डों में कथित सर्गों की गणना करने पर सम्पूर्ण रामायण में 645 सर्ग मिलते हैं। सर्गानुसार श्लोकों की संख्या 23,440 आती है, जो 24,000 से 560 श्लोक कम है।
किष्किन्धा काण्ड वा. रा. - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागरbharatdiscovery.org › india › किष्किन्धा_काण्ड_वा._रा.null

कौन श्री राम नाम रूपी अमृत का निरंतर पान करते हैं?

* जरत सकल सुर बृंद बिषम गरल जेहिं पान किय। तेहि न भजसि मन मंद को कृपाल संकर सरिस॥ भावार्थ : जिस भीषण हलाहल विष से सब देवतागण जल रहे थे उसको जिन्होंने स्वयं पान कर लिया, रे मन्द मन! तू उन शंकरजी को क्यों नहीं भजता?

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