किस धातु में पहने कौन सा रत्न - kis dhaatu mein pahane kaun sa ratn

ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रहों को शांत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। रत्न धारण करना भी उन्हीं में से एक है। किस व्यक्ति को कौन-सा रत्न धारण करना चाहिए, इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ज्योतिषियों द्वारा किया जाता है।

Ujjain, First Published Dec 6, 2021, 8:43 AM IST

उज्जैन. रत्न का निर्धारण इस बात पर भी होता है कि उस समय व्यक्ति पर किस ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही है। कई रत्न बहुत महंगे होते हैं तो बाजार में उनके उपरत्न भी आसानी से मिल जाते हैं। हर रत्न को अलग धातु में पहना जाता है ताकि इनसे जल्दी शुभ फल पाया जा सके। आज हमको प्रमुख रत्न, उनके उपरत्न और किस रत्न को कौन-सी धातु में धारण करना चाहिए, ये सभी बातें बता रहे हैं। 

किस ग्रह का कौन-सा रत्न?
- माणिक्य (Ruby) को सूर्य का रत्न और मोती (Pearl) को चंद्रमा से शुभ फल पाने के लिए पहना जाता है। 
- मूंगा (Coral) रत्न मंगल का और पन्ना (Emerald) बुध ग्रह के लिए होता है। इन रत्नों से इन ग्रहों से संबंधित शुभ फल मिलते हैं। 
- पुखराज (Yellow Saphire) बृहस्पति के लिए और हीरा (Daimond) शुक्र के लिए पहना जाना वाला रत्न है। 
- ज्योतिषी शनि के लिए नीलम (Blue Sapphire), राहु के लिए गोमेद (Hassonite) और केतु के लिए लहसुनिया (Cats Eye) पहने की सलाह देते हैं। 

ये हैं रत्नों के उपरत्न 
- माणिक्य का उपरत्न सूर्यकान्त मणि और गार्नेट है। 
- मोती का उपरत्न मूनस्टोन है। 
- मूंगा का उपरत्न लाल तामड़ा और लालओनैक्स है। 
- पन्ना का उपरत्न हरा ओनैक्स, हरी तुरमली और बैरूज होता है। 
- पुखराज का उपरत्न सुनैहला (Topaz) है।
- डायमंड का जर्कन और स्फटिक होता है। 
- नीलम का उपरत्न नीली, कटैला, जमुनिया और लाजवर्त है। 
- गोमेद का उपरत्न गारनेट है। 
- लहसुनिया का उपरत्न मार्का है।

किस रत्न को कौन-सी धातु में पहनना चाहिए? 
- सूर्य का रत्न माणिक्य सोने में धारण किया जाता है। 
- चंद्रमा का रत्न मोती चांदी में पहना जाता है। 
- मंगल का रत्न मूंगा सोने या लाल तांबे में पहनना चाहिए।
- बुध का रत्न पन्ना सोने या कांसा धातु में पहना जाता है। 
- बृहस्पति के रत्न पुखराज को सोने में पहनना शुभ रहता है।
- शुक्र के रत्न हीरे को चांदी में पहना जाता है। 
- शनि का रत्न नीलम पंचधातु में पहनना फायदा पहुंचाता है।
- राहु का रत्न गोमेद और केतु का रत्न लहसुनिया पंचधातु में पहना जाता है।

 

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Last Updated Dec 6, 2021, 1:09 PM IST

जरूर जान लें ये बातें

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रूबी रत्न को तांबा या सोना में पहनना चाहिए, तो वहीं पन्ना के लिए सोना अनुकूल धातु मानी जाती है।

- यदि आपको मोती पहनने की सलाह दी गई है तो इसे हमेशा चांदी में ही पहनें। मोती को कभी सोने में नहीं पहनना चाहिए वहीं यदि कोई व्यक्ति नीलम धारण कर रहा है तो उसे सोने या प्लैटिनम में बनवाएं।

- पुखराज और मूंगा रत्न ज्योतिषशास्त्र में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पुखराज और मूंगा रत्न को सोने में धारण किया जाता है।

- गोमेद और लहसुनिया को अष्टधातु या फिर त्रिलोह में बनवाकर पहनना चाहिए इससे गलत ग्रहों का प्रभाव काफी कम हो जाता है। गुस्सा शांत करने के लिए चांदी की वस्तु पहनने को कहा जाता है। शनि साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए घोड़े की नाल या लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है।

रत्न पहनते समय क्या करें और क्या ना करें

किसी भी रत्न को दूध में ना डालें। अंगूठी को जल से एक बार धोकर पहनें. रत्न को दूध में डालकर रात भर ना रखें. कई रत्न दूध को सोख लेते हैं और दूध के कण रत्नों में समा कर रत्न को विकृत कर देते हैं. अपने मन की संतुष्टि के लिए अपने ईष्ट देवी की मूर्ति से स्पर्श करा कर रत्न धारण कर सकते हैं.

कब रत्न धारण ना करें

रत्न धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है। इन तारीखों को रत्न धारण नहीं करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो। अमावस्या, ग्रहण और संक्रान्ति के दिन भी रत्न धारण ना करें। रत्न हमेशा दोपहर से पहले सुबह सूर्य की ओर मुख करके धारण करना चाहिए।

किस नक्षत्र में रत्न धारण करें

मोति, मूंगा जो समुद्र से उत्पन्न रत्न हैं, यदि रेवती, अश्विनी, रोहिणी, चित्रा, स्वाति और विशाखा नक्षत्र में धारण करें तो विशेष शुभ माना जाता है। सुहागिन महिलाएं रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र में रत्न धारण ना करें। ये रेवती, अश्विनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा नक्षत्र में रत्न धारण करें, तो विशेष लाभ होता है।

रत्न कब बदलें

ग्रहों के 9 रत्नों में से मूंगा और मोति को छोड़कर बाकी बहुमूल्य रत्न कभी बूढ़े नहीं होते हैं। मोती की चमक कम होने पर और मूंगा में खरोंच पड़ जाए तो उसे बदल देना चाहिए। माणिक्य, पन्ना, पुखराज, नीलम और हीरा सदा के लिए होते हैं। इनमें रगड़, खरोच का विशेष असर नहीं होता है। इन्हें बदलने की जरूरत नहीं होती है।

ज्योतिषीय राय लेकर ही इसे धारण करें

महंगे रत्न सोने में धारण करें और सस्ते रत्न जैसे मोति, मूंगा और उपरत्न चांदी या सस्ती धातु में धारण कर सकते हैं। बिना ज्योतिषी राय के रत्न धारण करना जातक की किसी विशेष क्षेत्र की या फिर उसके लिए पूर्ण बर्बादी का कारण बन सकता है। कुछ कुंडलियां ऐसी भी होती हैं जिनमें रत्न धारण करने जैसा कोई भी योग नहीं होता। तो ऐसे में इस तरह के जातक को जीवन भर किसी भी प्रकार का रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

कौन सा रत्न किस धातु में पहनते हैं?

मंगल का रत्न मूंगा सोने या लाल तांबे में और बुध का रत्न पन्ना सोने या कांसा धातु में पहना जाता है. बृहस्पति के रत्न पुखराज को सोने में और शुक्र के रत्न हीरे को चांदी में पहना जाता है. शनि का रत्न नीलम लोहे या सीसा धातु में और राहु का रत्न गोमेद और केतु का रत्न लहसुनिया पंचधातु में पहना जाता है.

धन प्राप्ति के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?

ग्रीन एवेंच्यूरिन रत्न जेड स्टोन के अलावा एक और रत्न व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे व्यापारियों के लिए बेहद लाभकारी माना गया है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. और आमदनी के नए रास्ते खुलते हैं.

सबसे शक्तिशाली रत्न कौन है?

नीलम रत्न को सबसे शक्तिशाली रत्न माना जाता हैं. यह रत्न शनि का माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की नीलम रत्न रंक को भी राजा बना सकता हैं।

पुखराज को चांदी में पहन सकते हैं क्या?

पुखराज : बृ‍हस्‍पति का रत्‍न पुखराज सबसे तुरंत लाभ देने वाला रत्न माना जाता है। इस रत्न को सिर्फ सोने की धातु में ही धारण करना चाहिए। हालांकि महंगा होने के कारण लोग इस उपरत्न सुनहैला भी पहन लेते हैं लेकिन उसका इतना अच्छा असर नहीं होता। धन की कमी हो तो इसे तांबे में भी धारण कर सकते हैं

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