प्राकृतिक रुप से आई इन परिस्थितियों के कारण वे व्रत का पालन निरंतरता से नहीं कर पाती हैं। महिलाओं के साथ आने वाली इन परिस्थियों में से एक है उनका मासिक धर्म(periods) का होना। मासिक धर्म के दौरान किसी विशेष व्रत का पड़ने पर कई महिलाओं के मन में धर्म दोष की स्थिति बनी रहती है। इन महत्वपूर्ण व विशेष व्रतों में प्रदोष व्रत, तीजा व्रत, चतुर्थी व्रत और हर स्त्रि के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत करवा चौथ (karwa chouth Vrat) का व्रत के समय सबसे ज्यादा धर्म संकट होता है।
करवा चौथ का व्रत सालभर में एक बार आता है और इसकी मान्यता पति के लंबी आयु से जुड़ी हुई है। इसलिए महिलाओं में इस महत्वपूर्ण व्रत को लेकर डर बना रहता है की कही व्रत में कोई गलती या खंडित ना हो जाए। महिलाएं विशेष मनोकानाओं की पूर्ति करने के लिए कई व्रत रखती है, उसके बावजूद भी उनके मन में इस तरह की दुविधाएं बनी रहती है की कहीं व्रत के पालन में कुछ गड़बड़ ना हो जाए। आइए जानते हैं महावारी (how Can you to do karwa chouth pooja during periods) के दौरान महिलाओं को व्रत को कैसे पूरा किया जाना चाहिए...
ऐसे
पूजा करें करवा चौथ
पंडित रमाकांत मिश्रा जी बताते हैं की आप मासिक धर्म के दौरान बिना किसी शंका के व्रत रख सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार कहीं भी व्रत करने पर प्रतिबंध नहीं है। लेकिन औप इस दिन करवा चौथ की कथा किसी और द्वारा सुन सकते हैं। ध्यान रहे की आप कथा की किताब को सपर्श नहीं कर सकती अर्थात आप दूर से कथा को सुन सकती हैं। आप भगवान की पूजा और उपासना में शामिल नहीं हो सकती हैं। यह नियम मासिक धर्म में पड़ने वासे सभी विशेष व्रतों में पालन किए जा सकते हैं। सोलह सोमवार आदि संकल्प व्रतों
में व्यवहार में अपनाए। इससे व्रत भंग का दोष नहीं लगता और व्रत धर्म का पालन भी हो जाता है।
इसी के साथ यदि व्रत के दिन ही आपका मासिक धर्म शुरु हो जाता है तो भी आप इन्हीं नियमों का पालन कर सकती हैं। दूसरा संशय यह कि अगर व्रत के दिन ही स्त्री रजस्वला हो जाए। तो आप देवकार्य और पूजा से अलग हो जाएं, किंतु व्रत रख सकते हैं।
ऐसे पूजा करें करवा चौथ
पंडित रमाकांत मिश्रा जी बताते हैं की आप मासिक धर्म के दौरान बिना किसी शंका के व्रत रख सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार कहीं भी व्रत करने पर प्रतिबंध नहीं है। लेकिन औप इस दिन करवा चौथ की कथा किसी और द्वारा सुन सकते हैं। ध्यान रहे की आप कथा की किताब को सपर्श नहीं कर सकती अर्थात आप दूर से कथा को सुन सकती हैं। आप भगवान की पूजा और उपासना में शामिल नहीं हो सकती हैं। यह नियम मासिक धर्म में पड़ने वासे सभी विशेष व्रतों में पालन किए जा सकते हैं। सोलह सोमवार आदि संकल्प व्रतों में व्यवहार में अपनाए। इससे व्रत भंग का दोष नहीं लगता और व्रत धर्म का पालन भी हो जाता है।
इसी के साथ यदि व्रत के दिन ही आपका मासिक धर्म शुरु हो जाता है तो भी आप इन्हीं नियमों का पालन कर सकती हैं। दूसरा संशय यह कि अगर व्रत के दिन ही स्त्री रजस्वला हो जाए। तो आप देवकार्य और पूजा से अलग हो जाएं, किंतु व्रत रख सकते हैं।
हिंदी न्यूज़ धर्मKarwa Chauth 2022: पीरियड्स के दौरान रखना है करवाचौथ व्रत, तो पूजा में करे इन नियमों का पालन
शास्त्रों के अनुसार ,पीरियड के दौरान महिलाओं को पूजा -पाठ करने की इजाजत नहीं होती। पीरियड के समय महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं होती।
करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। किसी भी व्रत को पूरा करने के लिए उससे जुड़े सभी नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है। शास्त्रों के अनुसार ,पीरियड के दौरान महिलाओं को पूजा -पाठ करने की इजाजत नहीं होती। पीरियड के समय महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं होती।
करवा चौथ का त्योहार महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। लेकिन अगर करवा चौथ के दिन किसी महिला को पीरियड हो जाए तो अक्सर महिलाएं परेशान होने लगती है और एक जरूरी सवाल उन्हें बेचैन करने लगता है कि क्या पीरियड के वक्त उन्हें करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए ?
तो आइए आज हम आपको उन सभी सवालों के जवाब बताते हैं जो अक्सर पीरियड के वक्त महिलाओं के दिमाग में आते हैं।
1. पीरियड के समय अक्सर महिलाओं को पेट में दर्द और चिड़चिड़ापन होने लगता है। ऐसे में करवा चौथ का व्रत शुरु करने से पहले व्रती को खूब सारा पानी पीना चाहिए। इससे पेट दर्द की संभावना कम हो जाती है।
2. पीरियड के समय महिलाओं को अक्सर कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में यदि कोई महिला व्रत करती है तो शरीर में थकान और कमजोरी होने लगती है। ऐसे में करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को अपने डाइट में सूखे मेवे शामिल करने चाहिए ताकि अधिक कमजोरी महसूस ना हो।
3. करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को पीरियड के समय किसी भी धार्मिक सामान को छूने से बचना चाहिए। आप मन में मंत्रों का जाप कर सकते हैं। यदि सच्ची श्रद्धा हो तो मन में भी मंत्रों का जाप करके व्रत का संपूर्ण फल पाया जा सकता है।
4. व्रत समाप्त होने के बाद भरपूर नींद लें। इससे शरीर में होने वाली थकान और कमजोरी दूर होगी।