हेलो फ्रेंड सारे प्रश्न है कौन से देश में सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित होती है विकल पर भारत में कल ब्रांच वैकेंसी यूएसए इटली ब्रिटेन दोस्तों यहां पर हमें बताना है कि इन सभी देशों में से कौन-सा एक का देश है जो कि सबसे अधिक मात्रा में ठीक है सबसे अधिक मात्रा में जो है ग्रीन हाउस गैस कौन सी गैस ग्रीनहाउस गैस उत्पन्न करता है दोस्तों यहां पर सबसे अधिक है जो सबसे अधिक ए ग्रीनहाउस गैस ठीक है जो कि कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है और यह सबसे ज्यादा उत्पन्न होती है प्रति व्यक्ति यदि गणना करेंगे गणना के अनुसार यदि प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड की गणना करेंगे तो सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करने वाला देश है वह है यूएसए यानी कि यूनाइटेड स्टेट्स यानी कि अमेरिका
सदेशे यूएसए अमेरिका तो दोस्तों यहां पर में प्रश्न में क्या पूछा गया था कि सबसे ज्यादा उत्पन्न ग्रीनहाउस गैस उत्पन्न करने वाला देश तो हमारी ग्रीन हाउस गैस होती है कार्बन डाइऑक्साइड जो की प्रति व्यक्ति आय की गणना की जाए तो सबसे अधिक यूएसए से उत्पन्न होती है ठीक है यह होता है ऐड कर डेटाबेस के अनुसार यह डाटा है किसके अनुसार अगर डेटाबेस या डेटाबेस के अनुसार यह गणना की गई है तो यहां पर यदि विकल्पों को देखते हैं तो भारत तो भारत चौथे स्थान पर आता है दोस्तों इसीलिए यह सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करने वाला देश नहीं है फ्रांस फ्रांस विजा है प्रथम स्थान पर नहीं आता यूएसए अमेरिका जो है वह हमारा सबसे ज्यादा उत्पन्न करता है कार्बन डाइऑक्साइड जैकलिन हाउस गए थे इसलिए होता है सहित और ब्रिटेन जो है दोस्तों ब्रिटेन भी पहले स्थान पर ग्रीन हाउस गैस उत्पन्न नहीं करता तो हमारा
आंसर होता है विकल्प सी यू एस ए आशा करता है आपको इस प्रश्न का उत्तर समझाया होगा वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद
वैश्विक एन्थ्रोपोजेनिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन आठ विभिन्न क्षेत्रों से, वर्ष २००० में
ग्रीन हाउस गैसें ग्रह के वातावरण या जलवायु में परिवर्तन और अंततः भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए उत्तरदायी होती हैं।[1][2] इनमें सबसे ज्यादा उत्सर्जन कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन आदि करती हैं।[2] कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन पिछले १०-१५ सालों में ४० गुणा बढ़ गया है। दूसरे शब्दों में औद्यौगिकीकरण के बाद से इसमें १०० गुणा की बढ़ोत्तरी हुई है। इन गैसों का उत्सर्जन आम प्रयोग के उपकरणों वातानुकूलक, फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि से होता है। कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत पेट्रोलियम ईंधन और परंपरागत चूल्हे हैं।[1][2]
पशुपालन से मीथेन का उत्सर्जन होता है। कोयला बिजली घर भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। हालाँकि क्लोरोफ्लोरो का प्रयोग भारत में बंद हो चुका है, लेकिन इसके स्थान पर प्रयोग हो रही गैस हाइड्रो क्लोरो-फ्लोरो कार्बन सबसे हानिकारक ग्रीन हाउस गैस है जो कार्बन डाई आक्साइड की तुलना में एक हजार गुना ज्यादा हानिकारक है।
रेडियेटिव फोर्सिंग के संदर्भ में365 पीपीएम {३८३ पीपीएम (२००७.०१)} | ८७ पीपीएम {१०५ पीपीएम (२००७.०१)} | ३१% {३७.७७%(२००७.०१)} | १.४६ {~१.५३२ (२००७.०१)} |
१,७४५ पीपीबी | १,०४५ पीपीबी | १५०% | ०.४८ |
३१४ पीपीबी | ४४ पीपीबी | १६% | ०.१५ |
आधुनिक वैश्विक एन्थ्रोपोजेनिक कार्बन उत्सर्जन
रेडियेटिव फोर्सिंग एवं ओजोन निःशेषण के संदर्भ में; इन सभी का कोई प्राकृतिक स्रोत नहीं है, अतः शून्य अर्थात उद्योग-पूर्व२६८ पीपीटी | ०.०७ |
५३३ पीपीटी | ०.१७ |
८४ पीपीटी | ०.०३ |
१०२ पीपीटी | ०.०१ |
६९ पीपीटी | ०.०३ |
कार्बन डाई आक्साइड गैस तापमान बढ़ाती है।[3] उदाहरण के लिए वीनस यानी शुक्र ग्रह पर ९७.५ प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड है जिस कारण उसकी सतह का तापमान ४६७ डिग्री सेल्सियस है। ऐसे में पृथ्वीवासियों के लिए राहत की बात यह है कि धरती पर उत्सर्जित होने वाली ४० प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड को पेड़-पौधे सोख लेते हैं और बदले में ऑक्सीजन उत्सर्जन करते हैं। वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसें ऊष्म अधोरक्त (थर्मल इंफ्रारेड रेंज) के विकिरण का अवशोषण और उत्सजर्न करती है। सौर मंडल में शुक्र, मंगल और टाइटन में ऐसी गैसें पाई जाती हैं जिसकी वजह से ग्रीन हाऊस प्रभाव होता है।[2][4]
विश्व बैंक ने १५ सितंबर, २००९ को वर्ष २०१० विश्व विकास रिपोर्ट विकास व जलवायु बदलाव जारी की एक रिपोर्ट में विकसित देशों को ग्रीस हाउस गैस का उत्सर्जन घटाने और विकासशील देशों को संबंधित धनराशि व तकनीकी सहायता प्रदान करने को कहा है। जलवायु परिवर्तन के पूरे समाधान के लिए भावी कई दशकों में विश्व ऊर्जा ढाँचे में बदलाव लाना पड़ेगा। रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि वर्तमान वित्तीय संकट के बीच जलवायु परिवर्तन सवाल की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।[5]
कार्बन डाईऑक्साइड | २८० पीपीएम | ३८७ पीपीएम | १०४ पीपीएम | १.४६ |
मीथेन | ७०० पीपीबी | १,७४५ पीपीबी | १,०४५ पीपीबी | ०.४८ |
नाइट्रस ऑक्साइड | २७० पीपीबी | ३१४ पीपीबी | ४४ पीपीबी | ०.१५ |
सीएफ़सी-१२ | ० | ५३३ पीपीटी | ५३३ पीपीटी | ०.१७ |
ग्री.हा.गै. प्रति व्यक्ति, वर्ष २०००
तीव्रता वर्ष २०००
इसमें CO2 का अंश
प्रधान ग्री.हा.गैस ट्रेंड्स
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ अ आ ग्रीन हाउस गैसों का गहराता साया Archived 2008-02-06 at the Wayback Machine। दैनिक भास्कर।(हिन्दी)।६ दिसंबर, २००७। एनएन सच्चिदानंद
- ↑ अ आ इ ई बचाएं अपनी पृथ्वी को Archived 2010-11-30 at the Wayback Machine।[[मेरा आई।२३ जून, २००९।(हिन्दी)
- ↑ ग्रीन हाउस गैस ही है जलवायु परिवर्तन का कारण[मृत कड़ियाँ]। दैट्स हिन्दी।(हिन्दी)।३ अप्रैल, २००८।
- ↑ ऐसे बचायें पृथ्वी को[मृत कड़ियाँ]। मिथिला लाइव।(हिन्दी)
- ↑ विश्व बैंक ने विकसित देशों से ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम करने का वचन मजबूत बनाने का अनुरोध किया Archived 2011-08-21 at the Wayback Machine।१६ सितंबर, २००९। चायना रेडियो इंटरनेशनल।(हिन्दी)
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- ग्रीन हाउस प्रभाव
- भूमंडलीय ऊष्मीकरण
- भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव
- क्योटो प्रोटोकॉल
- ओजोन निःशेषण
- प्रदूषण