कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है ?`? - kailoree aadhaarit tareeka nirdhanata kee pahachaan ke lie kyon upayukt nahin hai ?`?

कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है?

Solution

कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि 2100/2400 कैलोरी एक मनुष्य जैसा जीवन जीने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह एक संतुलन आहार की आवश्यकता को महत्त्व नहीं देता। एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिए एक व्यक्ति को वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, उचित स्वच्छ स्थितियाँ, ईंधन, बिजली आदि की भी आवश्यकता होती है। जब एक व्यक्ति की इन चीजों तक पहुँच होती है तब वह एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकता है।

कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है?

कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है? उत्तर : कैलोरी आधारित तरीका निर्धनता की पहचान के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि 2100/2400 कैलोरी एक मनुष्य जैसा जीवन जीने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह एक संतुलन आहार की आवश्यकता को महत्त्व नहीं देता।

क्या निर्धनता और बेरोजगारी के बीच में कोई संबंध है?

उत्तर - निर्धनता और बेरोजगारी के बीच धनात्मक संबंध पाया जाता है । बेरोजगार व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाता है । निर्धन व्यक्ति को अच्छी और उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है , जिससे बेरोजगारी बढ़ती हैं । निर्धनता और बेरोजगारी के संबंध को एक वृत्तिय चक्र के माध्यम से भी समझा जा सकता है।

एक ऐसे देश में मानव पूंजी के दो प्रमुख स्रोत क्या हैं?

उत्तर : शिक्षा और स्वास्थ्य मानवीय पूँजी के दो प्रमुख स्रोत हैं

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