कांजीहौस की दीवार गिरते ही सबसे पहले कौन भागा - kaanjeehaus kee deevaar girate hee sabase pahale kaun bhaaga

विषयसूची

  • 1 हल में जोतते समय गया ने हीरा की नाक पर डंडे बरसाए जिससे मोती हल लेकर भागा इससे निम्नलिखित में से क्या नहीं टूटा था?
  • 2 हीरा मोती ने कांजी हाउस में कैद पशुओं का जीवन कैसे बचाया?
  • 3 सवैये में भक्ति करने का क्या माध्यम बताया गया है?
  • 4 दो बैऱों की कथा ऩाठ के आधार ऩर बताइए कक जीवन में लमत्रता का क्या 2 महत्त्व है?
  • 5 हीरा ने क्या अपराध किया था और क्यों?
  • 6 भरत की प्रशंसा कौन कर रहा है?
  • 7 साँड क्या करता चला आ रहा था?
  • 8 सत्याग्रहियों ने रघुनाथ काका को क्या कहकर पुकारा और क्यों?

हल में जोतते समय गया ने हीरा की नाक पर डंडे बरसाए जिससे मोती हल लेकर भागा इससे निम्नलिखित में से क्या नहीं टूटा था?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार झूरी और गया के व्यवहार में बहुत अंतर था। गया ने क्रूरता और निदर्यतापूर्वक हीरा की नाक पर खूब डंडे बरसाए। यह देखकर मोती को क्रोध आ गया। इसी क्रोधावेश में वह हल लेकर भागा जिससे हल, रस्सी, जुआ, जोत सब टूट गए।

कांजीहौस में कैद भूख से व्याकुल दोनों मित्रों ने रात को क्या खाया था class 9?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर. कांजीहौस में पशुओं के साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार होता था। वहाँ जानवरों को बाँधकर रखा जाता था। चारा, पानी नहीं मिलता था।

काँजी हौस की दीवार के गिरते ही कितनी घोड़ियाँ सरपट भाग निकलीं?

इसे सुनेंरोकेंकाँजी हौस की दीवार के गिरते ही कितनी घोड़ियाँ सरपट भाग निकलीं? (D) चार।

हीरा मोती ने कांजी हाउस में कैद पशुओं का जीवन कैसे बचाया?

इसे सुनेंरोकेंनिःस्वार्थ परोपकार की भावना-हीरा और मोती कांजीहौस की दीवार गिराकर अधमरे जानवरों को भगाकर निःस्वार्थ परोपकार करते हैं। ऐसा करते हुए वे स्वयं बंधन में पड़े रह जाते हैं। नारी जाति को सम्मान-हीरा और मोती नारी का सम्मान करते हैं। वे छोटी बच्ची को सताने वाली उसकी सौतेली माँ के साथ बुरा व्यवहार नहीं करते हैं।

यह आदमी छुरी चलाएगा यह कथन किसका है?

इसे सुनेंरोकेंचलो, अच्छा ही है, कुछ दिन उसके पास तो रहेंगे. एक बार उस भगवान ने उस लड़की के रूप में हमें बचाया था. क्या अब न बचाएंगे?’ ‘यह आदमी छुरी चलाएगा, देख लेना.

छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी। वह माँ के बिछुड़ने की दर्द जानती थी। इसलिए जब उसने हीरा-मोती की व्यथा देखी तो उसके मन में उनके प्रति प्रेम उमड़ आया।

सवैये में भक्ति करने का क्या माध्यम बताया गया है?

इसे सुनेंरोकेंवे सदैव उनका सान्निध्य चाहता है। पहाड़ को अपनी अंगुली में उठाकर कृष्ण ने उसे अपने समीप रखा था। पशु-पक्षी सदैव कृष्ण के प्रिय रहे हैं। अतः वे इनके माध्यम से सरलतापूर्वक भगवान श्रीकृष्ण का सान्निध्य प्राप्त कर सकता है।

1 काँजी हौस से कौन नहीं भागा था?

इसे सुनेंरोकें(घ) भेड़ें​

कांजीहौस की दीवार गिरते ही सबसे पहले कौन भागा?

इसे सुनेंरोकें4 जब कुछ लोगों ने खेत से पकड़कर ले जाने के लिए दोनों को घेर लिया तब हीरा निकल गया परन्तु मोती के पकड़े जाना पर वह भी बंधक बनने के लिए स्वयं ही लौट आया। 5 कांजीहौस की दीवार के टूटने पर जब हीरा ने भागने से मना कर दिया तो अवसर होने के बावजूद भी मोती उसे छोड़कर नहीं भागा।

दो बैऱों की कथा ऩाठ के आधार ऩर बताइए कक जीवन में लमत्रता का क्या 2 महत्त्व है?

इसे सुनेंरोकें(1)” दो बैलों की कथा” के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है। (2) इस कहानी में स्वतंत्रता के मूल्य की बात कही गई है। स्वतंत्र रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु। स्वतंत्रता कभी सहजता से नहीं मिलती।

हारेंहु खेल जितावहिं मोही भरत के इस कथन का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकें’हारेंहु खेल जितावहिं मोही’ भरत के इस कथन का क्या आशय है? ANSWER: यह पंक्ति भरत जी ने श्रीराम के चरित्र के सकारात्मक पक्ष को उजागर करने हेतु कही है। इसका आशय है कि श्रीराम खेल खेलते समय भरत को जिताने हेतु जान-बुझकर हार जाते हैं।

हीरा मोती कितने दिनों तक काँजी हौस में बंधे पड़े रहे?

इसे सुनेंरोकेंगधे। 24. हीरा-मोती कितने दिनों तक काँजी हौस में बंधे पड़े रहे? (D) बीस दिन।

हीरा ने क्या अपराध किया था और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंदो बैलों की कथा में हीरा ने क्या अपराध किया था और किस स्थिति में? बताइए। उत्तर. हीरा ने जानवरों को कांजीहौस से भगाने में मोती को प्रोत्साहित किया था क्योंकि वह जानवरों की दुर्दशा नहीं देख सकता था।

दो बैलों की कथा पाठ से हमें क्या सीख मिलती है 5?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: दो बैलों की कथा नामक पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे हीरा और मोती ने अपनी आज़ादी को पाने के लिए हर कष्ट सहे।

सच्चे मित्र की क्या पहचान होती है दो बैलों की कथा पाठ के आधार पर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: सच्चे मित्र आपस में खूब घुल-मिलकर रहते हैं। वे कभी-कभी आपस में धौल-धप्पा, शरारत या कुलेल-क्रीड़ा भी करते हैं। इससे उनका प्रेम बढ़ता है।

भरत की प्रशंसा कौन कर रहा है?

इसे सुनेंरोकेंइस तरह भरत अपने भाई की प्रशंसा करते हैं, तो दूसरी तरफ उनके भाई के प्रति असीम श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव भी उजागर होता है।

हीरा मोती आपस में सींग मिलाकर क्यों उलझते थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: उनका सींग मिलकर उलझना उनकी सहमति का एक तरीका था।

गधे के कौन से गुण उसे ऋषियों मुनियों की श्रेणी में खड़ा कर देते हैं a परिश्रम B अध्ययन C सहनशक्ति D त्याग?

इसे सुनेंरोकेंगधे के निम्नलिखित गुण उसे ऋषि मुनि की श्रेणी में खड़ा कर देते है। गधा शांत प्रवृत्ति का होता है, उसे न दुख की चिंता होती है न सुख की अधिक खुशी। वह साधुओं की तरह मोह माया से परे होता है। गधे में सहनशीलता, परिश्रम, त्याग की भावना होती है।

साँड क्या करता चला आ रहा था?

इसे सुनेंरोकेंसाँड क्या करता चला आ रहा था? (D) उछलता। उत्तर.

रघुनाथ काका कौन थे उन्हेंलोगों नेǓनषादराज क्यों कहना शुǾ कर Ǒदया Ǒदए जल उठे पाठ के आधार पर उत्तर दीिजए?

इसे सुनेंरोकेंगांधी जी को महि सागर नदी पार कराने की जिम्मेदारी रघुनाथ काका को सौंपी गई थी। उन्हांेंने इस कार्य के लिए नई नाव खरीदी और लेकर कनकपुर पहुँच गए। जिस प्रकार श्रीराम को निषादराज ने गंगा पार कराई थी, उसी प्रकार रघुनाथ काका ने गाँधी जी को महि सागर नदी पार कराई थी। इसलिए सत्याग्रहियों ने उन्हें निषादराज कहना शुरू कर दिया।

नहीं हमारी जाति का यह धर्म नहीं है कथन से हीरा का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer Expert Verified हीरा द्वारा कहे गए इस कथन का आशय यह है कि बैल जो कि गाय की प्रजाति के प्राणी होते हैं, उनका धर्म हिंसा करना नहीं है। गाय-बैल अहिंसक और सीधे-सादे प्राणी माने जाते हैं, इसीलिए हीरा ने ऐसा कहा।

सत्याग्रहियों ने रघुनाथ काका को क्या कहकर पुकारा और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: इसी कारण सत्याग्रहियों ने रघुनाथ काका को निषादराज कहना शुरू कर दिया।

लेखक दिए जल उठे पाठ में किसका वर्णन कर रहा है *?

इसे सुनेंरोकें’दिए जल उठे’ नामक इस पाठ में लेखक गाँधी जी द्वारा नमक कानून तोड़ने की यात्रा के पूर्व की गई तैयारी का वर्णन कर रहा है। इस पाठ में लेखक हमें बताना चाहता है कि गाँधी जी के अलावा भी कई नेता थे जिन्होंने दांडी कूच में योगदान दिया था।

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