Solution : कबीर ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति हेतु साथ चलने वाले लोगों के घरों को जलाना चाहते हैं, क्योंकि घर सांसारिक मोह, माया, बंधन का निमित्त होता है। ये सब ईश्वर प्राप्ति के मार्ग के बाधक होते हैं। इन बंधनों को तोड़कर ही ईश्वर में मन लगाया जा सकता है।
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कबीर अपना घर रूपी अहंकार जलाने की बात कर रहे है। कबीर मोह- माया और अहंकार रूपी घर को जलाकर ज्ञान की मशाल जलाना चाहते हैं। कबीर कहते हैं कि इस ज्ञान की मशाल के प्रकाश से मैं सारे जग को रोशन करूँगा। जो अपना घर जलाना चाहे अर्थात जो व्यक्ति अपना अहंकार और माया-मोह त्याग कर ज्ञान पाना चाहे, इस ज्ञान की मशाल को जला सकता है।
कबीर अपने साथ चलने वालों का घर जलाने की बात कहकर क्या कहना चाहते हैं?
Solution : कबीर ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति हेतु साथ चलने वाले लोगों के घरों को जलाना चाहते हैं, क्योंकि घर सांसारिक मोह, माया, बंधन का निमित्त होता है। ये सब ईश्वर प्राप्ति के मार्ग के बाधक होते हैं। इन बंधनों को तोड़कर ही ईश्वर में मन लगाया जा सकता है।
कबीरदास जी ने किस घर को जलाकर नष्ट करने की बात की है?
साखी में कबीर ने अपने घर रूपी अहंकार जलाने की बात कही है। कबीर मोह- माया और अहंकार रूपी घर को जलाकर ज्ञान की मशाल जलाना चाहते हैं।
कबीर के अनुसार सिर देकर राम से सौदा करने का अर्थ?
व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान प्राप्त करो | परन्तु यह सीख न मानकर और तन, धनादि का अभिमान धारण कर कितने ही मूर्ख संसार से बह गये, गुरुपद - पोत में न लगे।
कबीर के अनुसार प्रेम पाने की शर्त?
प्रेम पाने के लिये सिर देने से कबीर का आशय है कि प्रेम रूपी प्याले को वही व्यक्ति पी सकता है जो अपने सिर का बलिदान करने तक को तत्पर हो, जो लोग लोग लोभी हैं, वो लोग अपने सिर का बलिदान नही कर सकते और उन्हे प्रेम रूपी प्याले का पान करना नसीब नही होता है।