जहां पालते लोग लोगों में हलाहल की धार क्या चिंता वहां हाथ में नहीं हुई तलवार? - jahaan paalate log logon mein halaahal kee dhaar kya chinta vahaan haath mein nahin huee talavaar?

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार 


मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली, 
दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे, 
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे

एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी, 
कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले, 
बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले

जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार, 
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार

साभार- कविताकोश 

3 years ago

जहां पालते लोग लोगों में हलाहल की धार क्या चिंता वहां हाथ में नहीं हुई तलवार अर्थ स्पष्ट कीजिए?

कवि दिनकर जी ने कहा है कि कलम के द्वारा मनुष्य ज्ञान का प्रदीप जला सकता है तथा विचारों की शक्ति के द्वारा समाज में नयी चेतना पैदा करती है । दूसरी और युद्ध में विजयी होने के लिए और हिंस्र पशुओं से बचने के लिए तलवार की आवश्यकता है । (ग) जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार, क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में हुई नहीं तलवार ?

कविता में कलम और तलवार शब्द का क्या आशय है?

उत्तर: तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है। युद्ध के क्षेत्र में वीर के हाथ में तलवार ही उसका उपयोगी शस्त्र होता है। इसके अलावा हिंसक जंतुओं से बचने के लिए तलवार की आवश्यकता पड़ती है। (ग) 'अंध कक्षा में बैठ रचोगे ऊंँचे मीठे गान'- का आशय स्पष्ट कीजिए।

दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार?

कलम या कि तलवार: रामधारी सिंह "दिनकर"

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