हरसिंगार की तासीर कैसी होती है - harasingaar kee taaseer kaisee hotee hai

हरसिंगार के फायदे और नुकसान : हरसिंगार के फायदे और नुकसान (harsingar ke fayde aur nuksan) बहुत हैं, आयुर्वेद में हरसिंगार (पारिजात) के पेड़ को बहुत महत्ता दी गयी है। यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिसके सेवन से हम मूत्र रोग, पाचन तंत्र, लीवर विकार, बुखार, पेट के कीड़े एवं अन्य रोगों के खतरे से  बचे रहते हैं। इनमें सफेद रंग के फूल खिलते हैं जिसकी मनमोहक खुशबू मन को शांति देते हैं।

हरसिंगार के फूलों का इस्तेमाल पूजा-पाठ की लिए भी किया जाता है। हरसिंगार के फूल रात में खिलते हैं और सुबह होते-होते सारे फूल झाड़ जाते हैं जिस का कारण इसे ‘रात की रानी’ भी कहा जाता है। Advantages and disadvantages of Harsingar in hindi.

Contents

  • 1 हरसिंगार के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Harsingar in hindi)
    • 1.1 हरसिंगार के फायदे (Benefits of harsingar in hindi)
    • 1.2 हरसिंगार के नुकसान (Losses of harsingar in hindi)

हरसिंगार के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Harsingar in hindi)

हरसिंगार (पारिजात) के फूल के अलावा पत्ते एवं छाल का भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले प्राकृतिक गुणों के प्रभाव से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। परन्तु हरसिंगार के अत्यधिक सेवन से कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं इसलिए इसके उपयोग से पहले इसमें पाए जाने गुण व अवगुण के बारे में पूर्ण जानकारी लेना अत्यंत आवश्यक है। Benefits and Side effects of Harsingar in hindi, benefits and losses of Harsingar in hindi.

हरसिंगार एक पुष्‍प देने वाला पौधा है जिसमें अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके सफेद फूलों की शांत और मनमोहक खुशबू कई लोगों को पसंद आती है। अपने औषधीय गुणों के कारण हरसिंगार को आयुर्वेद में अत्‍यधिक महत्‍व दिया गया है। इसे प्राजक्‍ता नाम से भी जाना जाता है एवं भारत की पौराणिक और लोक कथाओं में हरसिंगार का पेड़ रहस्‍यमयी महत्‍व रखता है। भागवत गीता और हरिवंश पुराण में पारिजात के फूलों और पौधे का उल्‍लेख मिलता है।

भारतीय पौराणिक साहित्य के अनुसार पारिजात का वृक्ष सीधा स्‍वर्ग से धरती पर आया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पारिजात का पेड़ केवल रात में खिलता है और सुबह होते ही इसके सारे फूल झड़ जाते हैं। इस वजह से पारिजात को ‘रात की रानी’ भी कहा जाता है। हरसिंगार पौधे के वानस्‍पतिक नाम का अर्थ ‘दुख का वृक्ष’ है।

हरसिंगार का पेड़ या पारिजात छोटे या बड़े वृक्ष के रूप में विकसित होता है। इसका छोटा पौधा 10-11 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है और इसमें एक कठोर छाल होती है जो परतदार और दिखने भूरे रंग की होती है। हरसिंगार के पत्ते और छाल का ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जाता है। साइटिका रोग के इलाज में हरसिंगार को सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है।

हरसिंगार के बारे में तथ्‍य:

  • वानस्‍पतिक नाम: निक्‍टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस
  • कुल: ओलिऐसी
  • संस्‍कृत नाम: पारिजात, शेफाली, शेफालिका
  • सामान्‍य नाम: हरसिंगार, पारिजात, रात की रानी, दुखों का पेड़, नाइट जैसमीन, कोरल जैसमीन, शिउली
  • उपयोगी भाग: फूल, पत्तियां, बीज
  • भौगोलिक विवरण: हरसिंगार की उत्पत्ति दक्षिण एशिया में मानी जाती है। ये प्रमुख तौर पर उत्तरी भारत, नेपाल, पाकिस्‍तान और थाईलैंड में पाई जाती है।

क्‍या आप जानते हैं?

हरसिंगार के फूल भारत के पश्चिम बंगाल राज्‍य का राजकीय पुष्‍प है। मां दुर्गा और भगवान विष्‍णु को हरसिंगार के फूल अर्पित किए जाते हैं।

बदलते मौसम की वजह से हमे कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती है। इन्हीं में से एक है जोड़ों का दर्द। यह एक ऐसी परेशानी है जो कभी भी किसी को भी परेशान करने लगती है। बुजुर्ग, महिलाएं यहां तक की युवा भी जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। ऐसे में आप दवाइयों के अलावे कुछ आयुर्वेदिक नुस्खा भी अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इन्हीं में से एक हरसिंगार है।

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दरअसल, औषधीय गुणों से भरपूर हरसिंगार एक औषधीय पौधा है जिसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार के फूल बेहद ही सुंगधित और सफेद रंग के होते हैं। इसके पौधे के पत्ते, फूल और छाल में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए आप हरसिंगार का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं साथ ही जानिए इसके अन्य फायदे।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है खीरा, यूं करें सेवन 

जोड़ों के दर्द में हरसिंगार आपकी मदद कर सकता है। अगर आप हरसिंगार का काढ़ा बनाकर सेवन करेंगे तो इससे आपको काफी आराम मिलेगा। 

इस तरह बनाएं हरसिंगार का काढ़ा 

  • हरसिंगार का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले हरसिंगार के पत्तों को पीसकर इसका पेस्ट बना लें।उसके बाद इस पेस्ट को एक पैन में डालकर में धीमी आंच पर पकाएं।
  • जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें।
  • अब इसका सेवन करें।
  • अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करेंगे तो ये आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

अन्य फायदे

सर्दी-खांसी में दिलाए राहत

सर्दी-खांसी से निजात पाने के लिए आप पहले हरसिंगार के पत्ते को पीस लें उसके बाद इसमें शहद के साथ मिला दें। अब इसका सेवन करें। इसके अलावे आप चाहें तो  इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं। इसके लिए हरसिंगार के पत्ते को पीसकर इसे छान लें। उसके बाद इसमें शहद डालकर इसका जूस बना लें फिर इसका सेवन करें।  दिन में दो बार ऐसा करने से सूखी खांसी खत्म हो जाएगी।

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बुखार के लिए

इसके लिए तुलसी की 2 से 3 पत्तियं,  3 ग्राम छाल और 2 ग्राम हरसिंगार के पत्ते मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। फिर इसे दिन में दो बार पिएं। आपको काफी आराम मिलेगा। 

गठिया  

गठिया  के दर्द से निजात पाने के लिए आप हरसिंगार के पत्ते, फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में 2-3 हरसिंगार पत्ते और 4-5 फूल को एक साथ उबालें। उसके बाद इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते डाल दें। फिर चाय की तरह इसका सेवन करें। 

Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।

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हरसिंगार की तासीर क्या है?

दरअसल, औषधीय गुणों से भरपूर हरसिंगार एक औषधीय पौधा है जिसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार के फूल बेहद ही सुंगधित और सफेद रंग के होते हैं। इसके पौधे के पत्ते, फूल और छाल में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।

हरसिंगार कितने दिन पीना चाहिए?

साइटिका में- साइटिका बीमारी या जोड़ों के दर्द में भी हरसिंगार के पत्ते का सेवन लाभकारी होता है। कहा जाता है कि 21 दिन तक हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पिया जाय तो साइटिका का दर्द दूर हो जाता है। बुखार में हरसिंगार के प्रयोग: ऐसा बुखार जो ठीक नहीं हो रहा हो तो हरसिंगार के काढ़े का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए

हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

इसका उपयोग विभिन्न विकारों और बीमारियों, जैसे — गठिया, साइटिका, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, डेंगू, मलेरिया, सूखी खांसी, डायबिटीज आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है। हरसिंगार महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह तनाव को खत्म करता है और एक स्वस्थ व सुखी जीवन जीने में मदद करता है।

हरसिंगार के पत्ते खाने से क्या लाभ है?

हरसिंगार के पत्ते और फूल के जाने 5 फायदे मलेरिया बुखार हो या फिर सूखी खांसी हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार दूर हो जाता है। तनाव में रहते है तो इसके फूल की सुगंध एक माह तक लेते रहने से तनाव दूर हो जाता है। पाचन शक्ति बढ़ाने में भी इसके पत्ते और फूल का इस्तेमाल किया जाता है

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