बगीचा सुंदर है का संस्कृत?...
Manoj
Marriage Counsellors
0:05
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
उपवन सुंदरम अति
Romanized Version
1 जवाब
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!
यह बगीचा है का संस्कृत अनुवाद कीजिए?...
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
यह बगीचा है का संस्कृत अनुवाद है कि दम उद्यान अस्ति
Romanized Version
4 जवाब
This Question Also Answers:
- यह बगीचा है का संस्कृत में अनुवाद कीजिए - yah bagicha hai ka sanskrit me anuvad kijiye
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!
Hindi Se Sanskrit Me Anuwad
Pradeep Chawla on 12-09-2018
- 1. बालक विद्यालय जाता है।
- 2. झरने से अमृत को मथता है।
- 3. राम के सौ रुपये चुराता है।
- 4. राजा से क्षमा माँगता है।
- 5. सज्जन पाप से घृणा करता है।
- 6. विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है।
- 7. मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ।
- 8. बालिका जा रही है।
- 9. यह रमेश की पुस्तक है।
- 10. बालक को लड्डू अच्छा लगता है।
- 11. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है।
- 12. जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा।
- 13. वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है।
- 14. मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया।
- 15. मैने सारी रात आँखों में काटी।
- 16. गुरु से धर्म पूछता है।
- 17. बकरी का दूध दुहता है।
- 18. मन्दिर के चारों ओर भक्त है।
- 19. इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं।
- 20. नाई उस्तरे से बाल काटता है।
- 21. रंगरेज वस्त्रों को रंगता है।
- 22. मन सत्य से शुद्ध होता है।
- 23. आकाश में पक्षी उड़ते हैं।
- 24. उसकी मूट्ठी गर्म करो, फिर तुम्हारा काम हो जाएगा।
- 25. कुम्भ पर्व में भारी जन सैलाब देखने योग्य है।
- 26. विद्याविहीन मनुष्य और पशुओं में कोई भेद नहीं है।
- 27. उसकी ऐसी दशा देखकर मेरा जी भर आया।
- 28. प्रभाकर आज मेरे घर आएगा।
- 29. एक स्त्री जल के घड़े को लेकर पानी लेने जाती है।
- 30. मैं आज नहीं पढ़ा, इसलिये मेरे पिता मुझ पर नाराज थे।
- 31. मे घर जाकर पिता से पूछ कर आऊँगा।
- 32. व्यायाम से शरीर बलवान् हो जाता है।
- 33. उसके मूँह न लगना, वह बहुत चलता पुरजा है।
- 34. मेरे पाँव में काँटा चुभ गया है, उसे सुई से निकाल दो।
- 35. एक बार धर्म और सत्य में विवाद हुआ।
- 36. सूर्य की प्रखर किरणों से वृक्ष, लता सब सूख जाते हैं।
- 37. ईश्वर की कृपा से उसका शरीर नीरोग हो गया।
- 38. राम के साथ सीता वन जाती है।
- 39. मुझे इस बात के सिर पैर का पता नहीं लगता।
- 40. सुबह उठकर पढ़ने बैठ जाओ।
- 41. पति के वियोग से वह सुखकर काँटा हो गयी है।
- 42. चपलता न करो इससे तुम्हारा स्वभाव विगड़ जायेगा।
- 43. घर के बाहर वृक्षः है।
- 44. शकुन्तला का पति दुष्यन्त था।
- 45. विष वृक्ष को भी पाल करके स्वयं काटना ठीक नहीं है।
- 46. अध्यापक की डाँट सुनकर वह लज्जा से सिर झुकाकर खड़ी हो गयी।
- 47. अरे रक्षकों! आप जागरुकता से उद्यान की रक्षा करो।
- 48. इन दिनों वस्तुओं का मूल्य अधिक है।
- 49. आज सुबह कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ।
- 50. पुस्तक पढ़ने के लिए वह पुस्तकालय जाता है।
- 51. हस्तलिपि को साफ एवं शुद्ध बनाओ।
- 52. पढ़ने के समय दूसरी ओर ध्यान मत दो।
- 53. विद्यालय के सामने सुन्दर उद्यान है।
- 54. सुनार सोने से आभूषण बनाता है।
- 55. लुहार लोहे से बर्तन बनाता है।
- 56. ईश्वर तीनों लोकों में व्याप्त है।
- 57. देश की उन्नति के लिए आयात और निर्यात आवश्यक है।
- 58. रिश्वत लेना और देना दोनों ही पाप है।
- 59. बुद्धि ही बल से श्रेष्ठ है।
- 60. बुरों का साथ छोड़ और भलों की सङ्गति कर।
- 61. एक दिन महर्षि ने ध्यान के समय दूर जङ्गल में धधकती हुई आग को देखा।
- 62. एक समय राजा दिलीप ने अश्वमेध यज्ञ करने के लिए एक घोड़ा छोड़ा।
- 63. आप सभी हमारे साथ संस्कृत पढें।
- 64. बालकों को मिठाई पसंद है।
- 65. बहन! आज आने में देर क्यों?
- 66. मित्र! कल मेरे घर आना।
- 67. घर के दानों ओर वृक्ष है।
- 68. मैं साइकिल से पढ़ने के लिए पुस्तकालय जाता हूँ।
- 69. विद्यालय जाने का यही समय है।
- 70. सूर्य निकल रहा है और अंधेरा दूर हो रहा है।
- 71. पुराणों में कथा है कि एक बार धर्म और सत्य में विवाद हुआ। धर्म ने कहा- ‘मैं बड़ा हूँ’ सत्य ने कहा ‘मैं’। अन्त में फैसला कराने के लिए वे दोनों शेषजी के पास गये। उन्होंने कहा कि ‘जो पृथ्वी धारण करे वही बड़ा’’। इस प्रतिज्ञा पर धर्म्म को पृथ्वी दी, तो वे व्याकुल हो गये, फिर सत्य को दी, उन्होंने कई युगों तक पृथ्वी को उठा रखा।
- 72. संस्कृत भाषा देव भाषा है। प्रायः सभी भारतीय भाषाओं की जननी और प्रादेशिक भाषाओं की प्राणभूत है। जिस प्रकार प्राणी अन्न से जीवित रहता है। परन्तु वायु के बिना अन्न भी जीवन की रक्षा नहीं कर सकता, उसी प्रकार हमारे देश की कोई भी भाषा संस्कृत भाषा के बिना जीवित रहने में असमर्थ है इसमें कोई संशय नहीं है। इसी भाषा में हमारा धर्म, इतिहास और भविष्य सबकुछ निहित है।
संस्कृत-हिन्दी अनुवाद
1. आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्।
आहार और व्यवहार में संकोच न करने वाला सुखी रहता है।- 2. अन्यायं कुरुते यदा क्षितिपतिः कस्तं निरोद्धुं क्षमः?
- 3. रामः भृत्येन कार्यं कारयति।
- 4. यावत्यास्यन्ति गिरयः सरितश्च महीतले तावद्रामायणकथा लोकेषु प्रचरिष्यति।
- 5. लंकातो निवर्तमानं रामं भरतः प्रत्युज्जगाम।
- 6. इयं कथा मामेव लक्षीकरोति।
- 7. मनो में संशयमेव गाहते।
- 8. कालस्य कुटिला गतिः।
- 9. नियमपूर्वकं विधीयमानो व्यायामो हि फलप्रदो भवति।
- 10. अल्पीयांस एव जना धर्मं प्रति बद्धादरा दृश्यन्ते।
- 11. यथा अपवित्रस्थानपतितं सुवर्ण न कोऽपि परित्यजति तथैव स्वस्मात् नीचादपि विद्या अवश्यं ग्राह्या।
- 12. गङ्गायां स्नानाय श्री विश्वानाथस्य दर्शनाय च सदैव भिन्न-भिन्न प्रदेशेभ्यः जनाः वाराणसीम् आगच्छन्ति।
- 13. चरित्र निर्माणे संसर्गस्यापि महान् प्रभावो भवति, संसर्गात् सज्जना अपि बालकाः दुर्जनाः भवन्ति दुर्जनाश्च सज्जनाः।
- 14. मनुष्याणां सुखाय समुन्नतये च यानि कार्याणि आवश्यकानि सन्ति तषु सर्वतोऽधिकम् आवश्यकं कार्यं स्वास्थ्यरक्षा अस्ति।
- 15. प्राचीनकाले एतादृशा बहवो गुरुभक्ता बभूवः येषामुपारव्यायनं श्रुत्वा पठित्वा च महदाश्चर्यं जायते।
- 16. नाम्ना स सज्जनः परन्तु कर्म्मणा दुर्जनः।
- 17. एकदा कस्मिंश्चिद्वने अटन् एकः सिंहः श्रान्तो भूत्वा निद्रां गतः।
- 18. सः सर्वेषां मूर्ध्नि तिष्ठति।
- 19. मम द्रव्यस्य कथं त्वया विनियोगः कृतः?
- 20. इति लोकवादः न विसंवादमासादयति।
- 21. राजा युगपत् बहुभिररिभिर्न युध्येत्, यतः समवेताभिर्बह्नीभिः पिपीलिकाभिः बलवानपि सर्पः विनाश्यते।
- 22. प्राज्ञो हि स्वकार्यसम्पादनाय रिपूनपि स्वस्कन्धेन वहेत्। मानवाः दहनार्थमेव शिरसा काष्ठानि वहन्ति।
- 23. कियत्कालम् उत्सवोऽयं स्थास्यति? अपि जानासि अत्र का किंवदन्ती?
- 24. तद् भीषणं दृश्यमवलोक्य तस्याः पाणिपादं कम्पितुमारेभे।
- 25. तेषां कांश्चिद् दोषानन्तरेणापि ते सन्देहास्पदं बभूवुः।
- 26. मुहूर्तेन धारासारैर्महती वृष्टिबर्भूव। नभश्च जलधरपटलैरावृतम्।
- 27. सचचिवो राजपुत्रः सरस्तीरे विशालं महीरुहम पश्यत्, अगणिता यस्य शाखा भुजवत् प्रतिभान्ति स्म।
- 28. न हि संहरते ज्योत्स्नां चन्द्रश्चाण्डावलेश्मनः।
- 29. ये समुदाचारमुच्चरन्ते तेऽवगीयन्ते।
- 30. राजा महीपालः हस्तिनमारुह्य बहूनि वनानि भ्रमित्वा स्वमेव द्वीपं प्रतिगच्छति स्म।
- 31. यदाहं तव भाषितं परिभावयामि तदा नात्र बहुगुणं विभावयामि।
- 32. अचिरमेव स वियोगव्यथाम् अनुभविष्यति।
- 33. युक्तमेव कथयति भवान् नाहं भवतस्तर्के दोषं विभावयामि।
- 34. ये शरीरस्थान् रिपून् अधिकुर्वते ते नाम जयिनः।
- 35. विद्या सर्वेषु धनेषु श्रेष्ठमस्ति यतो हि विद्यैव व्यये कृते वर्धते। अन्यद् धनं व्यये कृते क्षयं प्राप्नोति।
- 36. महात्मनो गांधिमहोदयस्य संरक्षणे अहिंसा शस्त्रेणैव भारतवर्षं पराधीनतापाशं छित्वा स्वतन्त्रतामलभत।
- 37. ब्रह्मचर्य वेदेऽपि महिमा वर्णितोऽस्ति यद् ब्रह्मचर्यस्य सदाचारस्य वा महिम्ना देवा मृत्युमपि स्ववशेऽकुर्वन।
- 38. गुरुभक्त्यैव आरुणिः ब्रह्मज्ञः सञ्जातः, एकलव्यश्च महाधनुर्धरो जातः।
- 39. आविर्भूते शशिनि अन्धकारस्तिरोऽभूत्।
- 40. अयं मल्लः अन्यस्मै मल्लाय प्रभवति।
- 41. गुणा विनयेन शोभन्ते।
- 42. सत्यस्य पालनार्थमेव महाराजो दशरथः प्रियं पुत्रं रामं वनं प्रैषयत्।
- 43. एकमेवार्थमनुलपसि, न चान्यं श्रृणोषि।
- 44. पूर्वं स त्वां सम्पत्तिं बन्धकेऽददात् साम्प्रतं ऋणशोधनेऽक्षमतामुद्घोषयति।
- 45. मज्जतो हि कुशं वा काशं वाऽवलम्बनम्।
- 46. गोपालस्तथा वेगेन कन्दुकं प्राहरत् यथाऽऽदर्शः परिस्फुट्य खण्डशोऽभूत्।
- 47. चिरंविप्रोषितो रुग्णश्चासौ तथा परिवृत्तो यथा परिचेतुं न शक्यः।
- 48. यद्यसौ संतरणकौशलम् अज्ञास्यत् तर्हि जलात् नाभेष्यत्।
- 49. वृक्षम् आरुह्य असौ सुगन्धिपुष्पसंभारां क्षुद्रशाखां बभञ्ज।
- 50. केन साधारणीकरोमि दुःखम्?
- 51. निद्राहारौ नियमात्सुखदौ।
- 52. बुभुक्षितं न प्रतिभाति किञ्चत्।
- 53. शनैः शनैश्च भोक्तव्यं स्वयं वित्तमुपार्जितम्।
- 54. विषयप्यमृतं क्वचिद् भवेदमृतं वा विषमीश्वरेच्छया।
- 55. अङ्गारः शतधौतेन मलिनत्वं न मुञ्चति।
- 56. अतीत्य हि गुणान्सर्वान् स्वभावो मूर्ध्नि तिष्ठति।
- 57. भूयोऽपि सिक्तः पयसा घृतेन न निम्बवृक्षो मधुरत्वमेति।
- 58. सर्वत्र विजयमिच्छेत् पुत्रात् शिष्यात् पराभवम्।
- 59. स्थानभ्रष्टा न शोभन्ते दन्ताः, केशाः, नखाः, नराः।
- 60. सर्वस्य जन्तोर्भवति प्रमोदो विरोधिवर्गे परिभूयमाने।
- 61. यद्यपि शुद्धं लोकविरुद्धं नाचरणीयम्।
- 62. रिक्तपाणिर्न पश्येत् राजानं देवतां गुरुम्।
- 63. यथा हि कुरुते राजा प्रजास्तमनुवर्तते।
- 64. ये गर्जन्ति मुहुर्मुहुर्जलधरा वर्षन्ति नैतादृशाः।
- 65. धर्मं जिज्ञासमानानां प्रमाणं परमं श्रृतिः।
- 66. यदेव रोचते यस्मै भवेत्तत्तस्य सुन्दरम्।
- 67. मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।
- 68. लिखितमपि ललाटे प्रोज्झितुं कः समर्थः?
- 69. लोभात्क्रोधः प्रभवति लोभात्कामः प्रजायते।
- 70. सन्तोषेण विना पराभवपदं प्राप्नोति सर्वो जनः।
- 71. पुराकाले धौम्यमहषेर्ः आश्रमः आसीत्। तत्र एकदा महती वृष्टिः जाता। कृषिक्षेत्रं प्रति अधिकं जलम् आगच्छति स्म। ‘तत् रुणद्धु ’ इति शिष्यं अवदत् धौम्यः। शिष्यः मृत्तिकया जलप्रवाहं रोद्धुम् प्रयत्नम् अकरोत् किन्तु सः न शक्तः। अन्ते स्वयम् एव तत्र शयनं कृत्वा जलप्रवाहं रोद्धुम् अयतत। बहुकालानन्तरम् अपि शिष्यः न प्रत्यागतः इत्यतः धौम्यः स्वयं कृषि क्षेत्रम् अगच्छत्। शिष्यस्य साहसं दृष्ट्वा सन्तुष्टः गुरुः तस्मै ज्ञानम् अद्दात्। तस्य शिष्यस्य नाम आसीत् आरुणिः। उद्दालकः इति तस्य ऊपरं नाम।
- 72. एकः संन्यासी आसीत्। तस्य हस्ते सुवर्ण कङ्कणम् आसीत। संन्यासी अघोषयत् यत् ‘परमद्ररिद्रस्य कृते एतत् दास्यामि।’ बहवः दरिद्राः आगताः। संन्यासी कस्मैचिदपि सुवर्णकङ्कणं न अददात्। एकदा तेन मार्गेण राजा आगतः। संन्यासी तस्मै सुवर्णकङ्कणम् अददात्। ‘‘अहं राजा। मम विशालं राज्यम्, अपारम् ऐश्वर्यं च अस्ति। अहं दरिद्रः न। तथापि मह्यं किमर्थम् एतत् दत्तम्?’’ इति राजा अपृच्छत्। ‘राज्यं विस्तारणीयम्। सम्पत्तिः वर्धनीया इत्येवं भवतः बह्नयः आशाः। यस्य आशाः अधिकाः स एव दरिद्रः। अतः मया भवते सुवर्णकङ्कणं दत्तम्’ इति अवदत् संन्यासी।
सम्बन्धित प्रश्न
Comments T on 26-11-2022
koi to Hoga Jo is shant bairagi Man mein prem ki ganga paida karega
Ajit Kumar on 25-11-2022
हमलोग विद्यालय में है संस्कृत में अनुवाद
Nisha on 24-11-2022
Ram Ke Anya Teen Bhai bhi the
Raushan Yadav on 23-11-2022
Main tumhare sath padta hoon Sanskrit mein anuvad Karen
Sanskrit student on 23-11-2022
पांच बालक पढ़ते हैं translate to Sanskrit
Manojkumar on 22-11-2022
आश्रम में फलों से भरे अनेक पेड़ है
Virat Kumar on 20-11-2022
Narayan sunao into sanskrit
Karan Singh on 17-11-2022
Adhyapak shishya per Krodh karta hai
Virand pratap on 16-11-2022
Pakshi Meethe Swar Mein Gate Hain
Anjali on 16-11-2022
chalo bhai hm sab milkar ped lagaate h
Rahul Kumar Sharma on 11-11-2022
Kisi ne sahi kaha hain ki sach baat har ek insan ko kadwa lagta hain
Shubham on 11-11-2022
Mujhe aatishbaaji achchhi lagti h translate into sanskrit
रनवीर ओझा on 07-11-2022
परम आनंद
Devyani on 07-11-2022
Bahut se kavi jaate h meaning in Sanskrit
Dheeraj Yadav on 04-11-2022
Ramcharitmanas Kisne likha tha Sanskrit translation
सुरेश on 02-11-2022
हर्ष जा रहा है
Ragni Saini on 01-11-2022
Laga raha hai ine Sanskrit
Dinesh Dogra on 26-10-2022
Ladki paudha uga rahi hai ise Sanskrit Mein convert karna hai
Ib8noao on 23-10-2022
सोहन और मोहन मंदिर जा रहे थे
Vkd roy on 23-10-2022
सोहन और मोहन मंदिर जा रहे थे ko sancrit main likhiye
Gautam Kumar on 19-10-2022
मेरे घर के पास विद्यालय है।
saloni on 19-10-2022
कंप्यूटर शीघ्र कार्य करता है।
अनुवाद sanskrit me
kri on 18-10-2022
eski sanskriti man ko mohit krne wali h translate it in sanskrit
Nadi me jal nahi hai on 16-10-2022
Is nadi me jal nahi hai
Muskan on 15-10-2022
मैं बगीचा मैं घुमा
Palak singh parihar on 13-10-2022
Yah bagicha paryavaran se bhara hua h
Nshbjdj on 10-10-2022
Fool khil rhe hai in Sanskrit
Nitin yadav on 09-10-2022
Ram lo ke raksha the
Rashmi Rawat on 07-10-2022
( विद्यालय से आने के बाद मैंने अपना गृहकार्य किया) इसको संस्कृत में क्या कहेंगे।
0000 on 07-10-2022
Uh Phool mere liye he
Ggdgdgd on 26-09-2022
Satya aur trijya bole isko Sanskrit mein kya kahate Hain
Abhishek on 25-09-2022
Vah Ghar Jaye
Sahil on 25-09-2022
Is chidiyaghar
Ek raja tha. on 23-09-2022
Translate Hindi to Sanskrit
Jyoti on 23-09-2022
Bacche football Khel rahe hain aur isko Chitra varnan karo
Saurabh pal on 22-09-2022
Mera Bhai RAM Hai Sanskrit Mein anuvad Karen
Priyanshu kumari on 22-09-2022
Raja brahaman ko gau deta hai sanskrit me anuwad karein
Komal Rashmi on 20-09-2022
Vah bag me khel raha h
Sanju on 19-09-2022
Ram se usko dekha
I like in Sanskrit on 19-09-2022
Plz answer me
रेखा on 18-09-2022
चार बालक माता के पास गये
Koi aaya hai on 16-09-2022
Koi aaya hai
स on 15-09-2022
तुम रोज हल चलाते हो
Munna kumar on 15-09-2022
Gyan hi sabse badi hai
Abhay Sharma on 14-09-2022
jo satay ko dekh sakta hai samajh sakta hai vhi moksh pata hai baki sab jhuth hai.
Abhay sharma on 14-09-2022
jo satay ko dekh sakta hai samajh sakta hai vhi moksh pata hai baki sab jhuth hai
Prashant kumar on 12-09-2022
Unhone dusht afjal ko mara
Is samay noo baje hai on 11-09-2022
Is samay no baje hai
Anjana on 10-09-2022
Aap abhi aa rahe ho kya
आकाश on 09-09-2022
तीन बालक पढ़ते है।
Gaurav on 07-09-2022
Puri nishtha se Kam karne Wale hi sukhi Hain isko Sanskrit mein kya bolenge
kumarkriti on 05-09-2022
Tumne is paath se kya sikha Sanskrit mein anuvad Karen
Sabhj on 02-09-2022
Sabhi ladake padhte hai
Imran khan on 02-09-2022
Mere Pita kapdon ka Chhota Sa Vyapar Karte Hain
यस on 31-08-2022
संयम से लोग महान हो जाते हैं संस्कृत अनुवाद
Ask on 26-08-2022
Meri maa ka smile mere liye lucky h
Vishu on 21-08-2022
Childrens are playing cricket
Prince kumar on 20-08-2022
Vah Nadi Mein snan karta hai
संस्कृत on 20-08-2022
बालक घर से विद्यालय जाते हैं
Raj mandal on 17-08-2022
Ravi Agra me parta hai
Shuchi on 17-08-2022
Vriksh hamara jivan hain
Himanshu on 16-08-2022
Vandana Achanak gir gai
Abhinav Sharma on 06-08-2022
Grameshu atyalpa Vidyalaya bhavanti
Vah ek Bada talab hai on 05-08-2022
Vah ek Bada talab hai Sanskrit mein anuvad
Puche on 03-08-2022
Jiski Rachna Someshwar Karta uska manushya Kuchh Nahin bigaad Sakta
Riya kumari on 03-08-2022
Ladkiyan vidhLay me pthti hai
Ka sanskrit
रहता on 02-08-2022
रहता
Ramesh kan se bahra hai on 02-08-2022
Ramesh kan se bahra hai
Ayush on 01-08-2022
Mai Bihar me rhta hu
Adarsh on 30-07-2022
Mere vidyalay mein 12 shikshak Hai translate to Sanskrit
Md shahnbaj on 28-07-2022
Google Pande ke pita aalsi Hain Sanskrit mein anuvad
Geeta Ek Ladki Hai on 27-07-2022
Geeta Ek Ladki Hai
Lucky on 27-07-2022
Logo ne bazar dekha
Ansh on 24-07-2022
Shyam maidan ki or ja raha hai Sanskrit mein anuvad Karen
Avinash on 22-07-2022
हे भगवान आप मुझे अपने पास ले जाओ
Krishna on 21-07-2022
in Sanskrit main rehne wali Bhopal ki hun
Neeraj Kumar on 17-07-2022
Bagh K pyas nadi K Pani pi kr bhuji
h on 15-07-2022
महेश रमेश के साथ बाजार जाता है
Saval puchana hai on 14-07-2022
Mor ka Sanskrit kya ho ga
Wah ladka Mera Bhai hai on 12-07-2022
Wah ladka Mera Bhai hai
Divyansh on 04-07-2022
Mei ghar mei sabse chota hu
Vishal on 28-06-2022
Vah sita ha
Vanshika on 25-06-2022
Hum gaon Gaye the ghumne ke liye
Ridhi on 15-06-2022
माता भोजन पकाती है
Nirmal on 06-06-2022
कृष्ण गिरता हैं का संस्कृत में अनुवाद
Suhani on 03-06-2022
वह वानर वृक्ष के नीचे बैठा है।
Abhinav ingle on 30-05-2022
Faal aur sabji ka hamare jivan me kya mahatva he aur inse hme kya prapti hoti he sanskrit me javab dijiy
Preeti on 30-05-2022
Chitr m naov bhi h
आयुष on 29-05-2022
महर्षि वाल्मीकि नामक एक ऋषि थे।
Saihajveer on 29-05-2022
Aaja vahe ghar se bahar nahi jayega
Aditya kumar on 26-05-2022
प्रिय पुत्र 11 मई जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Kunal Mishra on 25-05-2022
Gay dudh deti hai
Kriti abroy on 17-05-2022
My first question sainikon ki awaaz ke liye Nirman Karya chal raha tha
Amar ki kalam kaha hai on 16-05-2022
Amar ki kalam kaha hai
Sumit on 10-05-2022
Muni moksh ke liye ishwar bhejta hai translate in Sanskrit
HIMADREE on 06-05-2022
HE DEV MUJHE SADBUDDHI DE KO SANSKRIT MEIN ANUVAAD KIJIYE
HIMADREE on 06-05-2022
DIJIYE KA SANSKRIT ANUVAD
Tannu on 03-05-2022
Balika khakar soti hai
vah Vidyalay se Aakar ghar ka Karya
karti hai
sham ko Geeta khelne ke liye Ghar Se gai
Bandar Kela chhodkar bhaga
Kisan ghr jayega on 02-05-2022
Kisan ghr jayega
हर्ष on 28-04-2022
Ham सभ बागीचे में घूमते हैं