इस पोस्ट में जानेंगे घर आने वाले मेहमान का स्वागत कैसे करना चाहिए, कैसे एक अच्छा मेज़बान बने, बेहतर ढंग से मेहमाननवाजी के लिए क्या क्या जरुरी है, कहीं भी मेहमान बनकर जाना बिलकुल आसान है, लेकिन तारीफ के पात्र तब होते जब मेहमाननवाज़ी अच्छे ढंग से करें। अपने गेस्ट का स्वागत करने के टिप्स जानने के लिए अंत तक पढ़े। आगे बढ़ने से पहले आपसे आग्रह करना चाहता हूँ, पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद अपना फीडबैक जरूर दें, जरुरी नहीं की लेख बढ़िया हो तभी
फीडबैक दे बल्कि कुछ कमी हो तो जरूर बताएं ताकि आगे से उन बातों का ध्यान रखूं। मेहमान अर्थात अतिथि भगवान के रूप होते है, ऐसे में आप कैसे हम उनका स्वागत करे ताकि आपकी मेज़बानी की तारीफ़ हो। हमारे वेदों और पुराणों में लिखा है कि अतिथि देवो भव: अर्थात अतिथि भगवान का रूप होता है। इसलिए उनकी सेवा एवं सम्मान कर हम अपना कर्तव्य निभाएंगे। अतिथि या मेहमान के आने पर हम ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिनसे उन्हें कोई मुश्किल हो। घर में मेहमान के आने पर हम उनका आदर सत्कार बड़े ही आदर भाव के साथ करेंगे। उन्हें सम्मान के साथ घर में बैठाएंगे । प्यार के साथ उनसे बात करेंगे। उन्हें जलपान करवाएंगे। ये सभी तो बहुत ही आम बातें हैं जो सभी
समझते हैं, लेकिन वहीं कुछ ऐसी छोटी छोटी बातें जिसपर लोगों का ध्यान नहीं पड़ता है और वो शिकायत के पात्र बन जाते हैं।मेहमान
का स्वागत कैसे करना चाहिए
गेस्ट का स्वागत करने के टिप्स :
- जब कभी आपके घर मेहमान आये तो अपने को भाग्यशाली समझे और उस अनुकूल व्यवहार के साथ उनका अभिवादन करें, कुशल समाचार जाने।
- बेहतर होगा मेहमानों का सामान उठाने में उनकी मदद करें, उन्हें उनके कमरे तक ले जायें। उनका कमरा साफ़-सुथरा हो, उनके कमरे में सही ढंग से बिस्तर लगा हो, नया तौलिए और साबुन रखे हो।
- मेहमानों को कभी भी बरामदे या ड्रॉइंग रूम में रहने के लिए जगह न दें, अगर आपके पास अलग बेडरूम नहीं है तो उन्हें बच्चों का कमरा दे दें या अपने कमरे में जगह दे।
- मेहमानों को बुजुर्ग लोगों से मुलाकात के दौरान उनके पीछे धीरे चाल में चले न कि तेजी से उनके आगे।
- आने के बाद मेहमान को चाय-पानी की पेशकश कीजिए। यदि उन्हें किसी चीज़ की जरुरत है तो पूछिए,यदि नौकर को बुलाने के लिए कोई कॉल बेल है तो उसके बारे में मेहमान को बताइये।
- मेहमान को भोजन के समय की जानकारी दीजिए और विनम्रता के साथ उनसे पूछिए क्या यह समय उनके लिए ठीक है। अगर मेहमान को किसी प्रकार के भोजन से एलर्जी है तो उसके बारे में पहले ही जानकारी लेना बेहतर होगा।
- रात को उनके सोने से पहले यह सुनिश्चित करे कि मेहमान के कमरे में सही ढंग से रोशनी, पत्रिका या किताब, पानी की बोतल और गिलास रखे हों।
- जब आप मेहमान को घूमने या शॉपिंग के लिए ले जाते हैं तो शिष्टाचार यही कहता है कि शॉपिंग के अलावे सभी अन्य खर्च आप ही वहन करें।
- मेहमानों के सामने अपने पारिवारिक समस्याओं का जिक्र न करें। सबसे जरुरी बात मेहमान को घर जैसा माहौल उपलब्ध कराएं।
कैसे एक अच्छा मेज़बान बने
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मौजूदा वक़्त में लोगों को घर आए मेहमान बोझ ही लगते है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए हमारे ग्रंथों के अनुसार अतिथि का आदर सत्कार करना एक बेहद पुण्य वाला काम माना जाता है। अब जाहिर सी बात है कि मेहमान तो हर व्यक्ति के घर आते है। ऐसे में कुछ लोग तो मेहमानों का अच्छे से स्वागत करते है और कुछ अच्छा होने का दिखावा करते है।
धार्मिक ग्रंथ श्री विष्णु पुराण में यह बताया गया है कि एक अच्छा मेज़बान बनने के लिए मेहमानों से कभी ये 3 बातें नहीं पूछना चाहिए – 1. उससे भूल कर भी शिक्षा के बारे में सवाल न करे। 2. घर आये मेहमान से उसकी आमदनी के बारे में नहीं पूछना चाहिए। 3. मेहमान से उसकी जाति या गोत्र के बारे में भी नहीं पूछना चाहिए।
भारत में अतिथि देवो भव कहा जाता है – अर्थात अतिथि देवता के सामान होते हैं .
इसलिए अतिथि सत्कार और स्वागत के लिए शिव पुराण में कई जरुरी और महत्वपूर्ण बाते लिखी गई है.
अतिथि के सत्कार और स्वागत की विधि भी बताई गई है, जिसका अनुसरण करने से रिश्ते मजबूत बनाते है, रिश्तों में मिठास कायम रहती है, और समाज में मान सम्मान मिलता है.
तो आइये जानते है क्या क्या लिखा है
सह सम्मान
कोई भी अतिथि बनकर घर आये तो उनका सम्मान और ख़ुशी से स्वागत करना चाहिए. अतिथि भगवान के सामान होता है. इसलिए उनका सम्मान करते हुए अच्छा आचरण, अच्छा व्यवहार करें ताकि उनके मन से आपके लिए आशीर्वाद और शुभकामनाये निकले.
पवित्र साफ़ मन
पवित्र साफ़ मन से किया गया हर काम फल दायक होता है. इसलिए अतिथि का सत्कार भी पवित्र साफ़ मन से करे. आतिथि के लिए भोजन बनाते वक़्त भी साफ़ मन रखें क्योकि मन जैसा होता है, वैसा ही खाने का स्वाद और खाने से वैसी सोच बनती है. इसलिए खाना बनाते और खिलाते समय मन पवित्र रखकर अतिथि का सत्कार करे. मन में किसी प्रकार की कटुता और झल भाव ना रखे, क्योकि किया हुआ ही वापस मिलता है. चाहे कर्म हो या भाव हो.
स्वच्छ तन
घर आए हुए अतिथि का स्वच्छ तन से सत्कार करें. स्वच्छ तन से सकारात्मक सोच विकसित होती है, जो अतिथि के मन और सोच में आपके लिए भाव जन्म देती है. स्वच्छ साफ़ तन रखकर अतिथि का आव भगत करें, ताकि वह भी स्वस्थ रहे और आपके लिए स्वस्थ व स्वच्छ सोच रख सके.
मधुर वाणी
अतिथि सत्कार में मधुर वाणी का विशेष महत्व होता है. मधुर वाणी होने से गरीब के घर बासी खाना खाकर भी उसकी तारीफ़ और सम्मान होता है. इसलिए अतिथि सत्कार में मधुर वाणी के साथ ही अतिथि सत्कार करे.
उपहार दान
घर आए अतिथि को कभी भी खाली हाथ बिदाई नहीं देना चाहिए. अतिथि का खाली हाथ घर से जाना आपकी दरिद्रता और निर्धनता का प्रतीक होता है, इसलिए अतिथि को बिदाई में कुछ ना कुछ जरुर दे. कुछ ना हो तो फल या मीठा बंधकर दे दें.
भारतीय संस्कार में अतिथि को देवता की उपाधि दी गई है. इसलिए अतिथि का सत्कार देवता समान ही करना चाहिए ताकि आपके घर परिवार और रिश्ते में मधुरता, मिठास और प्रेम संबंध बना रहे और लम्बे समय तक चल सके.