घबराहट में पसीना क्यों आता है? - ghabaraahat mein paseena kyon aata hai?

ब्लड प्रेशर की शुरूआती तकलीफ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ब्लड प्रेशर का स्तर लंबे समय तक असंतुलित रहेगा तो शरीर पर उसका बुरा असर पड़ता है. नियमित बीपी की जाँच कराते रहना चाहिए व डॉक्टरी सलाह पर दवा लेनी चाहिए. प्रातः काल वॉक बहुत महत्वपूर्ण है. इससे शरीर में फैट नहीं जमता है व ब्लड प्रेशर अच्छा रहता है.

इन लक्षणों को पहचानें -
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बेचैनी होना, रात को नींद न आना.
गुस्सा, चिड़चिड़ापन व चक्कर आना.
सिर में लगातार लंबे समय से दर्द रहना.
दिल की धड़कन का आकस्मित बढ़ जाना.
आंखों की लाइट कम होना, देखने में परेशानी।
मुंह का बार-बार सूखना, अधिक प्यास लगना .
चलने फिरने में तकलीफ रहन लगना .

जांच महत्वपूर्ण बीपी संबंधी समस्या हो या न हो, वर्ष में एक बार कुछ सामान्य जांचें जरूर करानी चाहिए . इसमें ब्लड प्रेशर, किडनी और लिवर फंक्शन टैस्ट, सीबीसी काउंट, यूरिन टैस्ट, इसीजी शामिल हैं .

खानपान हाइपरटेंशन से बचाव के लिए डैश डाइट जैसे- पपीता, सेब, अंगूर, संतरा, खरबूजा, नाशपाति, अनानास जैसे फल ले सकते हैं . इसी तरह पालक, साग, बथुआ, शलजम आदि खाना अच्छा रहता है .

जानें सिस्टोलिक- डिस्टोलिक क्या -
स्वस्थ आदमी का सिस्टोलिक बीपी 130 एमएम जबकि डिस्टोलिक बीपी 80 एमएम होना चाहिए . बीपी का स्तर बिगड़ जाता है तो हाइपरटेंशन की स्टेज होती है . सिस्टोलिक में दिल पहले सिकुड़ता है व शुद्ध रक्त को पंप कर शरीर में पहुंचाता है . डिस्टोलिक में दिल फूलता है व अशुद्ध रक्त को अपने भीतर खींचता है व उसे साफ करने का कार्य करता है . हाइपरटेंशन का समय रहते उपचार न कराया जाए आंखों की नसों व रेटिना पर बुरा असर पड़ता है . रक्त प्रवाह में असंतुलन से दिल, लिवर व किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है . चर्बी भी बढ़ती है .

फैट जमने से होता नुकसान -
रिफाइंड ऑयल को पारदर्शी बनाने व उसमें फैट समाप्त करने के लिए कास्टिक सोडे का इस्तेमाल होता है . यह केमिकल ऑयल में कुछ हद तक रह जाता है . यह खाने के साथ शरीर में पहुंचता है व फैट बनकर रक्त नलिकाओं में जम जाता है . इससे रक्तवाहिका का लचीलापन समाप्त हो जाता है . रक्त प्रवाह धीमा होने से दिल पर दबाव पड़ता है . सरसों के ऑयल में कम फैट होता है .

आयुर्वेद में सलाह -
गूग्गल (पौधा जिसमें गोंद होता है) डॉक्टरी सलाह पर इस्तेमाल करने से रक्त वाहिकाओं में जमी गंदगी साफ करता है . अर्जुन की छाल को दूध में पकाकर लेने से फायदा मिलता है . अश्वगंधा व शतावरी नियमित लें .

ऐसे मापते हैं बीपी -
ब्लड प्रेशर मापने के तीन ढंग हैं . मरीज को पहले लिटाकर, बैठाकर फिर खड़ा करके ब्लड प्रेशर को मापते हैं . ब्लड प्रेशर की तकलीफ होने पर लगातार 15 दिन तक बीपी की मॉनिटरिंग महत्वपूर्ण होती है .

क्‍या आप जानते हैं क‍ि घबराहट में पसीना क्‍यों आता है? जब आपको बेचैनी या घबराहट होती है तो आपकी सांसें तेज हो जाती हैं, ब्‍लड फ्लो बढ़ने लगता है ज‍िस कारण आपको ज्‍यादा पसीना आने लगता है। ऐसा गर्म‍ियों में ही नहीं कड़ाके की ठंड में भी हो सकता है।घबराहट होने पर पसीना आने के कई कारण होते हैं जैसे स्‍ट्रेस, मसालेदार खाने का सेवन, जंक फूड, शराब पीना, स‍िगनेट पीना, कैफीन का ज्‍यादा इस्‍तेमाल। आपको इन सभी चीजों को अवॉइड करना है। अगर आप नर्वस हैं या आपको क‍िसी बात का स्‍ट्रेस है तो भी पसीना आना लाजमी है। इस पर‍िस्‍थ‍ित‍ि से बचने के ल‍िए आपको कुछ आसान ट‍िप्‍स अपनाने चाह‍िए जैसे रोजाना कसरत करें, मेड‍िटेशन करें, पानी की पर्याप्‍त मात्रा लें आद‍ि। ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

 

घबराहट होने पर पसीना क्‍यों आता है? (Anxiety causes sweating)

जब आप क‍िसी बात से परेशान होते हैं तो स्‍ट्रेस हॉर्मोन बॉडी में एक्‍ट‍िव हो जाते हैं। इससे शरीर का तापमान बढ़ता है और द‍िल की धड़कन तेज हो जाती हैं। घबराहट का संकेत जब द‍िमाग तक पहुंचता है तो वो हाइपोथेलेमस के जरिए स्‍वेट ग्‍लैंड तक संकेत पहुंचाता है क‍ि शरीर को ठंडा करने के ल‍िए थोड़ा पसीना न‍िकालना जरूरी है। इमोश्‍नल स‍िगन्‍लस पसीने में बदल जाते हैं और आपको पसीना आने लगता है। स्‍ट्रेस से शरीर का तापमान बढ़ता है और पसीना आने से हमारे शरीर का तापमान घट जाता है। ज्‍यादातर लोगों को पसीना माथे, पैर, हथेली, तलवे, बगल में आता है क्‍योंक‍ि यहां स्‍वेटग्‍लैंड्स ज्‍यादा होते हैं। इस समस्‍या से बचने के ल‍िए आप कुछ आसान उपायों को फॉलो कर सकते हैं। 

1. घबराहट से बचना है तो कसरत करें (Exercise to reduce anxiety)

आपको घबराहट, स्‍ट्रेस आद‍ि से बचने के ल‍िए कसरत करना चाह‍िए। ये सबसे कारगर उपाय है स्‍ट्रेस को दूर करने का। रोजमर्रा की ज‍िंदगी में ऐसी कई स्‍थ‍ित‍ियां आती हैं जब बहुत स्‍ट्रेस होता है, अगर ये रोजाना होगा तो आपकी हेल्‍थ खराब हो सकती है, इससे बचने का आसान तरीका है आप कसरत करते रहें। 

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2. घबराहट कम करने के ल‍िए पानी प‍िएं (Drink Water to reduce anxiety)

आपको घबराहट से बचने के ल‍िए शरीर का तापमान मेनटेन करना है, शरीर के तापमान को बनाए रखने के ल‍िए आप पानीपीते रहें। लगातार पानी पीते रहने से बॉडी का टेम्‍प्रेचर मेनटेन रहता है और इससे आपको घबराहट में पसीना आने जैसी परेशानी नहीं होगी। पसीने के रूप में शरीर से एनर्जी बाहर न‍िकल जाती है इसल‍िए पानी पीते रहें। 

3. घबराहट से बचने के ल‍िए मेड‍िटेशन करें (Meditation can reduce anxiety)

घबराहट होने पर द‍िल की धड़कनें तेज हो जाती है ज‍िससे आपको परेशानी हो सकती है। इससे बचने के ल‍िए आप मेड‍िटेशन की मदद लें। इसको करने से आपको र‍िलैक्‍स लगेगा। गहरी सांस लें। कुछ सेकेंड तक रोककर रखें फ‍िर छोड़ दें। इससे स्‍ट्रेस कम होगा और मन शांत होगा। रोजाना अगर आप मेड‍िटेशन करते हैं तो घबराहट के समय आपको कम परेशानी होगी। 

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4. एंटीपर्सप‍िरैंट का इस्‍तेमाल (Use Antiperspirant to reduce sweating during anxiety)

एंटीपर्सप‍िरैंट में पसीना रोकने की क्षमता होती है, हालांक‍ि इसका ज्‍यादा इस्‍तेमाल नहीं करना चाह‍िए पर अगर आप बाहर हैं और आपको घबराहट के चलते पसीना परेशान कर रहा है तो आप एंटीपर्सप‍िरैंट का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। अगर नैचुरल चीजों का इस्‍तेमाल करना चाहते हैं तो बेक‍िंग सोडा में कॉर्न स्‍टार्च म‍िलाएं और हथेली पर एप्‍लाई करें, इससे पसीना नहीं आएगा। कुछ लोगों को हथेली पर पसीना आने की श‍िकायत होती है।

इन आसान तरीकों से आप घबराहट के दौरान पसीने की समस्‍या या स्‍ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं। ज्‍यादा परेशानी होने पर अपने डॉक्‍टर से सलाह लें। 

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क्या घबराहट से पसीना आता है?

हर समय घबराहट होना शारीरिक तौर पर दिल की धड़कन बढ़ना, पसीना आना, हाथ पैर कांपना, चक्कर आना, पेट खराब होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।

शरीर में घबराहट का कारण क्या हो सकता है?

परीक्षा, नौकरी, आर्थिक, रिलेशनशिप, तलाक आदि का तनाव, किसी चीज को लेकर चिंता, उम्मीद के हिसाब से स्थिति नहीं बदलने को लेकर चिंता, मानसिक सक्रियता में कमी, याददाश्त में कमी, कुछ बीमारियों का इलाज, कुछ क्रोनिक बीमारियां आदि की स्थिति में एंजाइटी हो सकती है. एंजाइटी में इंसान नर्वस रहता है.

मन में घबराहट हो तो क्या करना चाहिए?

समस्या से बचने के तरीके -घबराहट की समस्या से बचने के लिए आप वॉक, ध्यान और योग की सहायता लें। -ऐसे कामों, बातों और माहौल से दूर रहें, जो आपके लिए मानसिक तनाव बढ़ाने का काम करता हो। -शाकाहारी भोजन का सेवन अधिक करें। कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन सीमित करें

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