गुप्त नवरात्रि 2022 में क्या नहीं करना चाहिए? - gupt navaraatri 2022 mein kya nahin karana chaahie?

Gupt Navratri 2022 वर्ष 2022 में नौ दिन के गुप्त नवरात्रि हैं। किसी भी तिथि का क्षय नहीं हैं संयोग से 1 जुलाई को पुष्य नक्षत्र का विशेष संयोग भी है। गुप्त नवरात्र में कैसी वस्तुओं का सेवन करना चाहिए और क्या खरीदना चाहिए।

आगरा, जागरण टीम। वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने वर्ष में दो बार पड़ने वाली गुप्त नवरात्रियों के संदर्भ में बताते हुए कहा कि गुप्त नवरात्रि पर्व काल माघ एवम आषाढ़ माह में प्रत्येक वर्ष पड़ता है।

आज से शुरू हुए गुप्त नवरात्र

पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2022 में आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि का पर्व काल गुरुवार से आरंभ हो गया। 8 जुलाई को नवमी तिथि पर गुप्त नवरात्रि पर्व काल का समापन होगा। संयोग से वर्ष 2022 में आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो हर शुभ कार्य के लिए उत्तम हैं।

इन नौ दिनों में शुभ कार्य करने वाले सभी व्यक्ति बिना इंतजार किए मंगल कार्य कर सकते हैं, इनमें मकान, दुकान की खरीददारी, ग्रह प्रवेश आदि। दरअसल गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ही गुरुवार को गुरु ग्रह के नक्षत्र पुनर्वसु का विशेष योग है, दूसरे दिन शुक्र पुष्य योग बन रहा है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि इस बार नौ दिन के गुप्त नवरात्रि हैं। किसी भी तिथि का क्षय नहीं हैं।

ये हैं योग

एस्ट्रोलॉजर पंडित गौतम ने बताया कि वर्ष 2022 में गुप्त नवरात्रि पर्व काल में 2 जुलाई, शनिवार को रवियोग, 4 जुलाई, सोमवार को रवियोग, 5 जुलाई, मंगलवार को त्रिपुष्कर और रवियोग, 6 जुलाई, बुधवार को सर्वार्थ-सिद्धि योग और 7 जुलाई, गुरुवार अष्टमी को जया तिथि, शिवयोग बुधादित्य, गजकेसरी योग बन रहे हैं। इन सभी योगों में किए गए कार्यों में कार्य आरम्भ करने से सफलता मिलती है और मनोकामना पूर्ति अवश्य होती है। 30 जून को पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से आरम्भ हो जाएगा।

जानें क्या करें और क्या नहीं करें

पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। मां स्वयं एक नारी हैं इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए। जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दौरान घर पर क्लेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए। स्वच्छता का विशेष ध्यान करना चाहिए।

ये है कहानी

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि में देवी सती ने महादेव को अपने दस रूपों से अवगत कराया था। ये दस महाविद्याएं हैं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्तिका, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगला मुखी, मातंगी और कमला देवी। मां दुर्गा त्रिगुण संपन्न हैं और इनकी तीन प्रकृति की पूजा की जाती है, महाकाली तमोगुण, महालक्ष्मी रजोगुण और महा-सरस्वती सतोगुण। जो शक्ति इन तीनों गुणों को एक साथ धारण करती हैंं, उन्हें ही तीनों लोक श्रद्धा पूर्वक पूजते हैं।

इसलिए खास है गुप्त नवरात्र

एस्ट्रोलॉजर प्रमोद गौतम ने बताया कि गुप्त नवरात्र की अवधि को सिद्धि प्राप्ति का समय माना जाता है। इसीलिए यह प्रमुख रूप से साधुओं और तांत्रिकों का नवरात्र माना जाता है। साधक चातुर्मास में होने वाली आपदा-विपदा से रक्षा के लिए मां जगदम्बा से आग्रह करते हैं। गुप्त नवरात्र में देवी मां की शक्ति पूजा के नियम-विधान कठिन होते हैं, इसीलिए यदि करें तो नियमों का पालन जरूर करें।

दुर्गा सप्तशति का पाठ

गुप्त नवरात्रि अवधि में दुर्गा सप्तशति का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। दुर्गा सप्तशति के पाठ में दुर्गा कवच, अर्गला स्तोत्र व कीलक का पाठ अनिवार्य अंग है। नौ स्वरूपों में पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्माचारिणी, तीसरा चंद्रघटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठा कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी और नौवां सिद्धि दात्री का वर्णन मिलता है।

चाहे सामान्य नवरात्र हों या गुप्त, देवी आराधना के पूजा, व्रत चंडी पाठ एवं कुमारी पूजन का विशेष महत्व है। लेकिन इसमें भी अष्टमी तिथि की रात्रि का विशेष महत्व है। तंत्र साधक भी इसी दिन अपनी साधना पूर्ण करते हैं तथा अपने मंत्र को सिद्ध करते हैं। 

Edited By: Abhishek Saxena

Aashadh gupt navratri 2022: वर्ष में चार नवरात्रियां होती हैं। चैत्र माह में चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि, अश्‍विन माह में शारदीय नवरात्रि और माघ माह में गुप्त नवरात्रि। 30 जून 2022, गुरुवार को आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि है। अधिकतर लोग चैत्र माह और अश्‍विन माह की नवरात्रि जिसे नौदुर्गा कहते हैं उसमें व्रत रखते हैं और नवदुर्गा की पूजा करते हैं, लेकिन क्या सभी को गुप्त नवरात्रि में भी व्रत रखना चाहिए या और पूजा करना चाहिए क्या?

गुप्त नवरात्रि में व्रत रखें या नहीं, पूजा करें या नहीं?

1. चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि सर्व साधारण भक्तों के लिए होती है, जिसे प्रत्यक्ष नवरात्रि कहते हैं जबकि गुप्त नवात्रि साधकों के लिए होती है।

2. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सात्विक या दक्षिणमार्गी साधना की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में तंत्र अर्थात वाममार्गी साधना की जाती है जो आम लोगों के लिए नहीं होती है।

3. नवरात्रि में 9 देवियों की भक्ति और पूजा की जाती है जबकि यदि कोई अघोर साधना करना चाहे तो दस महाविद्या में से किसी एक की साधना करता है जो गुप्त नावरात्रि में सफल होती है।

4. गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। आम लोगों को इनसे दूर रहना चाहिए।

5. गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। यदि आप उन नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं तो आपको व्रत और साधान का संकल्प नहीं लेना चाहिए।


6. प्रत्यक्ष नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है जबकि गुप्त नवरात्रि को आध्‍यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है।

7. चैत्र और शारदीय नवरात्रि गृहस्थों और सामान्यजनों के लिए है परंतु गुप्त नवरात्रि संतों और साधकों को लिए है। यह साधना की नवरात्रि है उत्सव की नहीं।
कैसे होती हैं प्रसन्न : सभी 10 माताएं पूजा से नहीं साधना करने से प्रसन्न होती हैं। इनकी गुप्त नवरात्रि में विशेष साधना होती है। प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)। व्यक्ति को साधना के अनुसार ही चयन करके साधना करना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि में क्या करें क्या ना करें?

पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। मां स्वयं एक नारी हैं इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए। जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दौरान घर पर क्लेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए।

नवरात्रि में पति पत्नी को क्या करना चाहिए?

धार्मिक दृष्टिकोण यह भी कहता है कि नवरात्र के दिनों में जब माता धरती पर रहती हैं तो सभी स्त्रियों में उनका अंश मौजूद होता है। यही वजह है कि इस समय सुहागन महिलाओं की भी पूजा की जाती है और उन्हें सुहाग सामग्री देने की परंपरा है। इसलिए भी नवरात्र के दौरान संयम और ब्रह्मचर्य पालन को जरूरी माना गया है।

नवरात्रि के दिनों में क्या नहीं करना चाहिए?

नवरात्रि में क्या न करें?.
ध्यान रखें कि नवरात्रि में मांसाहार और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. ... .
नवरात्रि के दौरान शराद, पान और गुटखा आदि का भी सेवन करना निषेध होता है..
यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि का व्रत करता है तो उसे ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए..

गुप्त नवरात्रि में कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?

गुप्त नवरात्रि का मंत्र - क्रीं ह्रीं काली ह्रीं क्रीं स्वाहा। ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा।

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