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क्या ग्लूकोमीटर ब्लड ग्लूकोज लेवल की सही रीडिंग देता है?
Diabetic patient doing glucose level blood test
डायबिटीज से पीड़ित कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि ग्लूकोमीटर सही रीडिंग नहीं दिखाता है इसलिए ब्लड टेस्ट ही कराना चाहिए। जाहिर है डायबिटीज से पीड़ित हर व्यक्ति के लिए ब्लड टेस्ट कराना संभव नहीं है। अब सवाल यह है कि क्या ग्लूकोमीटर भरोसे लायक है। मुंबई स्थित श्रेया डायबिटीज सेंटर में डायबिटोलोजिस्ट डॉक्टर प्रदीप गाडके आपको इस बारे में तमाम जानकारी दे रहे हैं।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए ग्लूकोमीटर जरूरी है और आप इस पर पैसे खर्च कर सकते हैं। ग्लूकोमीटर दिन में किसी भी समय और किसी भी स्थान पर आपके ब्लड शुगर लेवल को जानने में मदद करता है। इसलिए यदि आपको हाई ब्लड ग्लूकोज के लक्षण जैसे चक्कर आना, अत्यधिक थकान या सिरदर्द महसूस हो रहे हैं, तो आप ग्लूकोमीटर से रीडिंग जान सकते हैं और जल्द से जल्द जरूरी उपचार करा सकते हैं। साथ ही, यह आपको समय के साथ आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल में परिवर्तनों को ट्रैक करने में मदद करता है और यह जानने में आपकी मदद करता है कि आप अपनी डायट और एक्सरसाइज़ में कहां गलत हैं।
जहां तक ग्लूकोमीटर और लैब टेस्ट की सटीकता का संबंध है, लैब रीडिंग्स ग्लूकोमीटर से ज्यादा सटीक हैं। हालांकि, दोनों के बीच का अंतर बहुत ही कम है। इनमें लगभग 20 - 30 इकाइयों का अंतर देखा जाता है जब रीडिंग 150 एमजी / डीएल या 70 एमजी / डीएल से कम हो। अगर रीडिंग 250 मिलीग्राम / डीएल से अधिक है, तो लगभग 50 - 100 इकाइयों का अंतर भी देखा जा सकता है। ऐसे मामले में, अपने डॉक्टर से परामर्श करें या ब्लड ग्लूकोज लेवल की सही रीडिंग लेने के लिए लैब करवाएं।
खैर, आप घर पर अपना ब्लड ग्लूकोज लेवल जानने के लिए ग्लूकोमीटर में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, याद रखें कि ग्लूकोमीटर में निवेश का मतलब यह नहीं है कि आप ब्लड टेस्ट ना कराएं। वास्तव में नियमित रूप से लैब टेस्ट बहुत जरूरी होता है।
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अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock
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