रमा एकादशी व्रत रखने और विष्णु पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
Rama Ekadashi 2022: रमा एकादशी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. जानते हैं कि रमा एकादशी व्रत कब है और पूजा मुहूर्त एवं पारण समय क्या है?
- News18Hindi
- Last Updated : October 14, 2022, 07:24 IST
हाइलाइट्स
Rama Ekadashi 2022: हिंदू कैलेंडर के आधार पर रमा एकादशी का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. रमा एकादशी का व्रत करने से ब्रह्म हत्या सहित अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं. जो भी व्यक्ति रमा एकादशी व्रत की कथा को पढ़ता या सुनता है, उसके भी पाप मिट जाते हैं. इस व्रत को करने वाला व्यक्ति मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि रमा एकादशी व्रत कब है और पूजा मुहूर्त एवं पारण समय क्या है?
रमा एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20
अक्टूबर दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि अगले दिन 21 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 05 बजकर 22 मिट तक मान्य रहेगी. अब उदयातिथि को देखा जाए तो 21 अक्टूबर को प्राप्त हो रही है, इसलिए रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर को रखा जाएगा.
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रमा एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
रमा एकादशी के दिन प्रात:काल से ही शुक्ल योग प्रारंभ हो रहा है, जो शाम 05 बजकर 48 मिनट तक है. उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा. ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए शुभ हैं. रमा एकादशी व्रत की पूजा करने का श्रेष्ठ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 50 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक है. यह लाभ उन्नति प्रदान करने वाला मुहूर्त है.
उसके बाद सुबह 09 बजकर 15 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त है. आप इन दोनों ही मुहूर्त में पूजा करते हैं तो आपके लिए लाभकारी है. आपका कल्याण होगा.
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रमा एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग 21 अक्टूबर को रमा एकादशी व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण अलगे दिन 22 अक्टूबर शनिवार को प्रात:
06 बजकर 26 मिनट से कर सकते हैं. पारण समाप्ति का समय उस दिन 08 बजकर 42 मिनट पर है. आपको इस बीच पारण कर लेना चाहिए. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन शाम 06 बजकर 02 मिनट पर है.
रमा एकादशी व्रत का महत्व
जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से कार्तिक कृष्ण एकादशी व्रत के महात्म को बताने को कहा, तब श्रीकृष्ण ने कहा कि इस व्रत को रमा एकादशी के नाम से जानते हैं. जो भी इस व्रत को करता है, उसके पाप मिट जाते हैं और वह मृत्यु के बाद श्रीहरि के लोक में स्थान पाता है.
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Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu
FIRST PUBLISHED : October 14, 2022, 07:24 IST